Tryambaka
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Tryambaka (त्र्यंबक) is a mountain in western ghats of Maharashtra. Godavari River originates from Brahmagiri on Tryambaka Parvata.
Location
Trimbak is a town in the Trimbakeshwar tehsil of the Nashik District in Maharashtra, India, 28 km from the city of Nashik.
Variants
- Trimbak (त्रिम्बक)
- Tryambaka Parvata (त्र्यंबक) (AS, p.419)
- Tryambakeshvara (त्र्यंबकेश्वर) (जिला नासिक, महा.) (AS, p.420)
- Trimbakeshwar (त्रिम्बकेश्वर)
History
Trimbakeshwar Shiva Temple
Trimbakeshwar Shiva Temple is an ancient Hindu temple in the town of Trimbak, in the Trimbakeshwar tehsil in the Nashik District of Maharashtra, India, 28 km from the city of Nashik and 40 km from nashik road. It is dedicated to the god Shiva and is one of the twelve Jyotirlingas, where the Hindu genealogy registers at Trimbakeshwar, Maharashtra are kept. The origin of the sacred Godavari river is near Trimbak.
Kusavarta, a kunda (sacred pond) in the temple premises is the source of the Godavari River, the longest river in peninsular India. The current temple was built by Peshwa Balaji Baji Rao (Nanasaheb).
त्र्यंबक पर्वत
विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ...त्र्यंबक पर्वत (AS, p.419) पश्चिमी घाट की गिरिमाला का एक पर्वत है। इसके एक भाग ब्रह्मगिरि [p.420]: से गोदावरी नदी निकलती है। ब्रह्मगिरि में एक प्राचीन दुर्ग भी है। त्र्यंबकेश्वर नाम की बस्ती नासिक से 18 मील दूर है।
त्र्यंबक परिचय
यह माना जाता है कि त्र्यंबक पर्वत गौतम ऋषि की तपोभूमि था। पश्चिमी घाट में अनेक ऊंचे-नीचे पहाड़ी शिखर हैं। इन्हीं दुर्गम शिखरों में एक ब्रह्मगिरी का शिखर हैं, जहाँ त्र्यंबक पर्वत का एक बिंदु है। इस पर्वत के सिरे पर एक गोमुख है, जहाँ से एक पतली-सी जलधारा के रूप में गोदावरी का उद्गम होता है। गोदावरी नदी को इस स्थान पर गंगा द्वार कहा जाता है। प्राचीन काल में त्र्यंबक गौतम ऋषि की तपोभूमि था। अपने ऊपर लगे गोहत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए गौतम ऋषि ने कठोर तप कर शिव से गंगा को यहाँ अवतरित करने का वरदान माँगा था। इस वरदान के फलस्वरूप ही दक्षिण की गंगा अर्थात् 'गोदावरी नदी' का उद्गम हुआ। संदर्भ: भारतकोश-त्र्यंबक पर्वत
त्र्यंबकेश्वर
विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...त्र्यंबकेश्वर (जिला नासिक, महा.) (p.420)- नासिक से 18 मील दूर प्राचीन शिव तीर्थ है. यह शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है और अंजनेरी पहाड़ी पर अवस्थित है. गोदावरी का उद्गम निकट ही है. (देखें त्रयंबक, ब्रह्मगिरि)
ब्रह्मगिरि
विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ... 2. ब्रह्मगिरि (AS, p.649) = महाराष्ट्र में पश्चिमी घाट की गिरिमाला में स्थित त्र्यंबक पर्वत का एक भाग ब्रह्मगिरि कहलाता है. गोदावरी नदी यहीं से उद्भूत होती है. स्रोत के निकट पहुंचने के लिए 750 सीढ़ियाँ हैं. गोदावरी का जल पहले कुशावर्त कुंड में गिरकर पृथ्वी के भीतर बहता हुआ 6 मील दूर चक्रतीर्थ में प्रकट होता है. ब्रह्मगिरि में एक प्राचीन दुर्ग अवस्थित है.