Udbhida

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Udbhid (उद्भिद) was a Dakshinapatha-Janapada mentioned in Puranas.

Variants

Udbhid (उद्भिद्) (AS, p.97)

Origin

History

The Puranas mention seven sub-divisions of ancient India:Misra, Sudama (1973). [1]

Dakshinapatha (Southern region) includes Udbhida Janapada in Puranas:


The Puranic texts mention the following janapadas: [2]

Janapada Region Name in the various Puranas (IAST)
Matsya
(Chapter 114)
Vayu
(Chapter 45)
Markandeya
(Chapter 57)
Vamana
(Chapter 13)
Brahmanda
(Chapter 16)
Udbhida Southern Udbhida Udbhida Ulida Kulinda

उद्भिद्‌

उद्भिद्‌ (AS, p.97) एक पौराणिक स्थान था। विष्णु पुराण 2, 4, 46 के अनुसार यह कुश द्वीप का एक भाग या 'वर्ष' था, जो इस द्वीप के राजा ज्योतिष्मान के पुत्र के नाम पर उद्भिद कहलाता था।[3]

जाट इतिहास

ठाकुर देशराज[4] ने लिखा है... आर्यों का कौन-सा समूह कहां बसा? इस प्रश्न को हल करने के लिए पुराणोक्त इतिहास हमें बहुत सहायता देता है। पृथ्वी को पुराणों ने सात द्वीपों में विभाजित किया है और प्रत्येक द्वीप को सात वर्षों (देशों) में।3 यह बटवारा स्वायम्भू मनु के पुत्र प्रियव्रत ने अपने पुत्रों में किया है। प्रियव्रत के दस पुत्र थे4 जिनमें से तीन तपस्वी हो गये। सात को उन्होंने कुल पृथ्वी बांट दी। प्रत्येक के बट में जो हिस्सा आया, वह द्वीप कहलाया। आगे चलकर इन सात पुत्रों के जो सन्तानें हुई उनके बटवारे में जो भूमि-भाग आया, वह वर्ष या आवर्त (देश) कहलाया। निम्न विवरण से यह बात भली भांति समझ में आ जाती है -

द्वीप - 1. जम्बू, 2. शाल्मली, 3. कुश, 4. क्रौंच, 5. शाक, 6. पुष्कर, 7. प्लखण


3. पुष्कर द्वीप दो देशों (वर्षों) में ही विभाजित है और जम्मू द्वीप 9 वर्षों में
4. दस पुत्र दूसरी रानी के भी थे


जाट इतिहास:ठाकुर देशराज,पृष्ठान्त-3


अधिकारी - 1. अग्निध्र, 2. वपुष्मान, 3. ज्योतिष्मान, 4. द्युतिमान, 5. भव्य, 6. सवन, 7. मेधातिथि


कुश द्वीप जयोतिष्मान को मिला था। आज इस भू-भाग को किस नाम से पुकारें तथा यह कहां पर था, यह पता पुराणों के वर्णन में कुछ भी नहीं मिलता है। इसमें एक मन्दराचल पहाड़ का वर्णन है। कल्पना से यह वही पहाड़ हो सकता है जिसे सूर्यास्त का पहाड़ कहा करते हैं। तब तो इस द्वीप का भू-भाग अमेरिका के सन्निकट रहा होगा।

External links

References

  1. Janapada state in ancient India. Vārāṇasī: Bhāratīya Vidyā Prakāśana.p.45
  2. Misra, Sudama (1973). Janapada state in ancient India. Vārāṇasī: Bhāratīya Vidyā Prakāśana. p=306-321
  3. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.97
  4. Jat History Thakur Deshraj/Chapter I,p.3-4