Vakata
Author:Laxman Burdak, IFS (R), Jaipur |
Vakata (वाकाट) or Vakatapura (वाकाटपुर) was name of Orchha princely state in Madhya Pradesh. It was place of origin of Vakatakas.[1]
Variants
- Vakata (वाकाट) = Vakatapura वाकाटपुर, भूतपूर्व ओरछा रियासत, म.प्र., (AS, p.838)
- Vakatakapura (वाकाटकपुर) (AS, p.658), (AS, p.838)
Location
Jat gotras
History
A.W.T. Webb during his stay at Sikar as Administrator (1934-38 AD) had visited Harshnath, near Sikar, and had mentioned about the temple and other monuments in his report. Captain Webb had arranged to send these sculptures and other records to Sikar museum. Webb has mentioned about sculpture of Nandi made of marble and sculptures of Pandavas and Vakata (वाकाट) at the temple site. There were six huge statues of 7 feet each of pandavas and Kunti , which were sent to Sikar Museum. [2]
वाकाट = वाकाटपुर
वाकाट (AS, p.838) अथवा वाकाटपुर (भूतपूर्व ओरछा रियासत, मध्य प्रदेश)। इतिहासकार काशीप्रसाद जायसवाल व फ़्लीट के मतानुसार यह 'वाकाटक' नरेशों का मूल स्थान था। वाकाटक गुप्त सम्राटों के समकालीन थे और मध्य प्रदेश के कई स्थानों पर इनका राज्य था।[3]
भद्रावती
विजयेन्द्र कुमार माथुर[4] ने लेख किया है....भद्रावती महाराष्ट्र के ज़िला चंद्रपुर में स्थित है। यह वर्धा-काजीपेट रेल-पथ पर भांदक या भांडक नामक स्थान का प्राचीन नाम है। कनिंघम महोदय के अनुसार चौथीं-पाँचवीं शती में वाकाटक नरेशों की राजधानी इसी स्थान पर थी। टि. विसेंट स्थिम के अनुसार वाकाटकों की राजधानी वाकाटकपुर में थी, जो ज़िला रीवा के निकट है। चीनी यात्री युवानच्वांग सन् 639 ई. में भद्रावती पहुँचा था उसने 100 संघारामों का विवरण दिया है, जिसमें 1,400 भिक्षु निवास करते थे। उस समय भद्रावती का राजा सोमवंशीय था। युवानच्वांग ने भद्रावती को कोसल की राजधानी बताया है।
External links
See also
References
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.838
- ↑ Sikar Ki Kahani, Captain Webb Ki Jubani, 2009, p. 81
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.838
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.658