Vikas Varyani

From Jatland Wiki
Major Vikas Varyani

Major Vikas Varyani (विकास वरयानी), from Jaipur Rajasthan, martyred on 1.10.2014 in a helicopter crash in Bareilly in Uttar Pradesh. He was born on 19.12.1984 in the family of father Ishwar Varyani and mother Darshana Chaudhary (Sangwan).

जीवन परिचय

19 दिसम्बर 1984 को पिता श्री ईश्वर वरयानी के घर माता श्रीमती दर्शना चौधरी की पवित्र कोख से पैदा हुए मेजर विकास बहुत ही प्रतिभाशाली एवं होनहार छात्र थे। पिता जयपुर डेयरी में अकाउंट्स ऑफिसर और माता भारतीय डाक विभाग में सेवारत होने की वजह से आपको स्वयं के सर्वांगीण विकास के बेहतर अवसर मिले जिन्हें आप लगन व मेहनत से जाया नही होने दिए।

आप व्यवहार कुशल,दयालू और बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। पढ़ाई के साथ आपने अन्य गतिविधियों में भी बढ़ चढ़कर भाग लिया और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

स्कूली शिक्षा के दौरान आप एन सी सी कैडेट रहे। जयपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद आपको अन्तरार्ष्टीय कम्पनियों से लाखों के पैकेज मिल रहे थे लेकिन दिल मे बसी देश सेवा की भावना ने आपको सेना में जाने के लिए प्रेरित किया।

पहले आप नेवी एवं एयरफोर्स में भी चयनित हुए और उसके बाद 2008 में आप जाट रेजिमेंट में भर्ती कर लिए गए। इंडियन मिलिट्री एकेडमी ,देहरादून से आपने सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया। सेवाकाल के दौरान आपकी पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर,हैदराबाद,जोधपुर,जयपुर और बरेली में रही। 22 जून 2012 को कर्नल बलवान जाट की सुपुत्री सुचित्रा के साथ आपकी शादी सम्पन्न हुई। एक वर्ष बाद ही आपके जीवन मे सबसे बड़ी खुशी आई जब 1 अप्रैल 2013 को आपकी बेटी हरनुर सिंह ने जन्म लिया।

शहीद हुए

"मां तेरे बेटे का जीवन तभी सफल होगा जब या तो जंग जीत का सम्मान मिलेगा या फिर तिरंगे बक्से में बंद होकर आऊंगा"......अपनी इकलौती सन्तान बेटे विकास वरयानी की शहादत को याद करते हुए मां दर्शना चौधरी गौरवान्वित और सम्मानित महसूस करती है। अपनी इकलौती सन्तान को खो देने का अत्यंत कष्टदायक दुःख ताउम्र माँ बाप को रहता है जिसकी भरपाई दुनिया की कोई भी ताकत कभी भी नही कर सकती फिर भी अपने बुढापे के एकमात्र सहारे बेटे विकास को देश के लिए समर्पित कर देना ,अपने से दूर देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए भेज देना अपने आप में बहुत ही साहसिक और हिम्मत भरा फैसला था।

सन् 2008 में सेना में भर्ती हुए शहीद मेजर विकास वरयानी 1 अक्टूबर 2014 को हेलीकॉप्टर "चिता" के हवा में क्रेश होने की वजह से वीरगति को प्राप्त हुए। आपके साथ एक मेजर व एक कैप्टन भी शहीद हुए।


मेजर विकास अपनी बेटी को बहुत प्यार करते थे वो बार बार अपनी बिटिया को गोदी में लेने को आतुर रहते थे। दुर्भाग्य से 1 अक्टूबर 2014 को उनका हेलीकॉप्टर क्रेश हो गया और अपने दो अन्य से साथियों के साथ मेजर विकास वीरगती को प्राप्त हो गए। शहादत की खबर सुन पूरा परिवार शोक में डूब गया। जिन माँ-बाप को शहीद मेजर विकास वरयानी अपना भगवान मानता था आज वो स्वयं इस दुनिया मे नही रहा। अपनी इकलौती सन्तान को खो देने का गम माँ-बाप दोनों को है। गम में पिता ईश्वर वरयानी को दो बार ह्रदयाघात भी हो चुका है परंतु सांगवान गौत्र में पैदा हुई मां कहती है कि मुझे अपने बेटे को खोने का गम जरूर है लेकिन मेरा बेटा मरा नही वो शहीद हुआ है और देश के लिए शहादत देने वाले वीरों की कुर्बानी कभी मरती नही है बल्कि वो सदियों के लिए अमर हो जाती है।

Cremated in Jaipur

Major Vikas Varyani with major Thapa and cap Somavanshi

Ref - Times of India Jaipur, 3.10.2014

The mortal remains of Major Vikas Varyani, who died in a helicopter crash in Bareilly in Uttar Pradesh, were consigned to flames in the city on Thursday evening.

The funeral procession started from his house in Shreejee Nagar in Durgapura to the crematorium at B2 bypass where Varyani's body was cremated with full state honours.

Varyani along with two other officers, Major Abhijeet Thapa and Captain Avinash, was killed in the helicopter crash at an airbase in Bareilly on Wednesday.

"Since his childhood, he wanted to serve his country by joining army. He spent his time in scouting and NCC when he was in school. Eight years ago, his wish was fulfilled when he was selected in the army," said Dolat Varyani, uncle of Major Vikas Varyani.

His relatives and well wishers were seen waiting for his body since morning. Six army officers shouldered his coffin from the vehicle to his house.


Two months ago, Vikas came to Jaipur. He was the only child of his parents. "Every morning, at around 7am after routine flights, he used to call his parents. But Wednesday was a fateful day when he did not call. At around 8am, his father received a call from an army officer that his son is no more," Varyani said.


When his body reached Jaipur, there was a gathering of his relatives and well wishers of his family, including Army officers. The army gave him guard of honour.


Varyani said, "He was a spiritual person. Every morning he used to call his mother to talk about spiritual things like simrans and bhajans. He took a lot of interest in Radha Swami satsang like his mother."

External links

References


Back to The Martyrs