Vishālā

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Vishālā (विशाला) is ancient name of Ujjain. 2. Vishālā (विशाला) was also the ancient name of Basarh (बसाढ़) village in Muzaffarpur district in Bihar. Basarh is identified with the capital of the ancient kingdom of Vaishali.[1]

Origin

Variants

History

विशाला

विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है .....1. विशाला (AS, p.863) = उज्जयिनी. देखें मेघदूत पूर्वमेघ, 32--'प्राप्यावन्तीनुदयनकथाकोविदग्रामवृद्धान् पूर्वोद्दिष्टामुपसर पुरीं श्रीविशालां विशालाम् ।

2. विशाला (AS, p.863) = वाल्मीकि रामायण बालकांड 45,10 में उल्लिखित एक नगरी जो संभवतः बौद्ध साहित्य में प्रसिद्ध वैशाली (= बसाढ़, जिला मुजफ्फरपुर, बिहार) का ही रामायण कालीन नाम है. इस नगरी को राम-लक्ष्मण ने विश्वामित्र के साथ अयोध्या से जनकपुर जाते समय गंगा को पार करने के पश्चात देखा था--'उत्तरम् तीरम् आसाद्य संपूज्य ऋषि गणम् ततः । गंगा कूले निविष्टाः ते विशालाम् ददृशुः पुरीम्'. विशाला नगरी के राजवंश की कथा बाल.45 में है जिससे ज्ञात होता है कि इस नगरी को बसाने वाला राजा विशाल था जो अलंबुषा नामक अप्सरा से उत्पन्न इक्ष्वाकु का पुत्र था. रामायण की कथा के समय यहां राजा सुमति का राज्य था-- 'अलंबुषायामुत्पन्नो विशाल इति विश्रुतः। तेन च आसीत् इह स्थाने विशाले इति पुरी कृता'--बाल.47,12, तस्य पुत्रो महातेजाः सम्प्रति एष पुरीम् इमाम् । आवसत् परम प्रख्यः सुमतिः नाम दुर्जयः' बाल.47,17. विशाला पहुंचकर राम लक्ष्मण ने एक रात्रि के लिए सुमति (विशाल के पुत्र) का आतिथ्य ग्रहण किया था. अगले दिन विशाला से चलकर थोड़ी दूर पर मिथिला नगरी या जनकपुर पहुंचकर राजा जनक की राजधानी में प्रवेश किया था-- 'ततः परम सत्कारम् सुमतेः प्राप्य राघवौ । उष्य तत्र निशाम् एकाम् जग्मतुः मिथिलाम् ततः'--बाल.48,10. विष्णु पुराण 4,1,49 में विशाला नगरी को राजा विशाल द्वारा निर्मित बताया गया है और इसे अलंबुषा़ अप्सरा का ही पुत्र माना है किंतु उसके पिता को यहां तृणबिन्दु कहा गया है-- 'ततश्चालंबुसानाम वराप्सरास्तृणबिंदुं भेजे , तस्यामप्यस्य विशालो जज्ञे यः पुरीं विशालं निर्ममे'(दे. वैशाली)

External links

References