Chitravarma
Chitravarma (चित्रवर्मा) was an ancient King of Kuluta Kingdom in Sindh in Pakistan. At the time of Alexander's invasion king Chitra Verma ruled Baluchistan.[1]
Jat Gotras
Kalwana (कलवाना) people were inhabitants of country Kuluta (कुलूत), whose king was Raja Chitravarma. [2]
History
ठाकुर देशराज लिखते हैं कि जिस समय सिकन्दर ईरान पर हमला करने के लिए बढ़ रहा था, उस समय पर्शिया के अधीश्वर शैलाक्ष (सेल्यूकक्ष) ने सिन्धु देश के राजा सिन्धु सैन के पास, जो कि सिन्धु के जाटों के गणतंत्र के अध्यक्ष थे, सहायता के लिए याचना की। महाराज ने यहां से तीर-कमान और बर्छे धारण करने वाले सैनिकों को उसकी सहायता के लिए भेज दिया। हेरोडोटस ने इस लड़ाई के सम्बन्ध में लिखा है कि सिकन्दर की सेना के जिस भाग पर जेटा लोग झुक जाते थे वही भाग कमजोर पड़ जाता था। उसके योद्धा लोग रथों में बैठकर लड़ते थे। वह अपनी कमान को पैर के अंगूठे से दबाकर और कान की बराबर तानकर तीर छोड़ते थे। सिकन्दर को स्वयं इनके मुकाबले के लिए सामने आना पड़ा था। इसी समय बिलोचिस्तान में राजा चित्रवर्मा राज करता था। कुलूत उसकी राजधानी थी। [3]
References
- ↑ Ram Swaroop Joon:History of the Jats/Chapter III
- ↑ Dr Mahendra Singh Arya, Dharmpal Singh Dudee, Kishan Singh Faujdar & Vijendra Singh Narwar: Ādhunik Jat Itihasa (The modern history of Jats), Agra 1998, p. 230
- ↑ जाट इतिहास:ठाकुर देशराज,पृष्ठ-699
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