Kanhaiya Lal Sihag

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Kanhaiya Lal Sihag

Kanhaiya Lal Sihag is a social worker from village Beegawas Ramsara in tahsil Dungargarh district Bikaner in Rajasthan.

समाजसेवी चौधरी कन्हैया लाल सिहाग

एक अथक और निरंतर गतिशील व्यक्ति चौधरी कन्हैया लाल सिहाग

कैप्टन चन्दर चौधरी के पिता, किसान नेता एवं समाजसेवी चौधरी कन्हैया लाल सिहाग का जन्म 1 अक्टूबर 1941 को राजस्थान के बीकानेर जिले की श्रीडूंगरगढ़ तहसील के बिग्गा (अब बिग्गा बास रामसरा) गांव में चौधरी सुखाराम सिहाग एवं श्रीमती अन्नी देवी गोदारा के घर में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव बिग्गा में ही हुई। अपने छात्र जीवन में ये तत्कालीन किसान नेता कुंभाराम आर्यदौलत राम सारण के सक्रिय साथी रहे थे।

वर्ष 1971 में इन्होंने डूंगर कॉलेज बीकानेर से LLB की डिग्री प्राप्त की। 20 वर्ष इन्होंने मुंबई में व्यापार किया।

चौधरी कन्हैया लाल ने सदैव सादा जीवन, उच्च विचार में विश्वास रखा। ये भारतीय किसान संघ-परिसंघ (CIFA) के राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष व सक्रिय सदस्य हैं। वर्ष 2002 में भारतीय सेना के ऑपरेशन पराक्रम में इनके बड़े पुत्र कैप्टन चन्दर चौधरी (4 ग्रेनेडियर्स) का बलिदान हो जाने से वृद्धावस्था में इनपर दुखों का वज्रपात हो गया।

वर्ष 2004 में इन्होंने कुछ समय नैचुरोपैथी के क्षेत्र में कार्य किया। अपने पुत्र के बलिदान पर भारत सरकार के तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस से सहायता स्वरूप गैस एजेंसी या पेट्रोल पंप नहीं ले कर अपने गांव में बने कैप्टन कैप्टन चन्दर चौधरी के स्मारक पर बख्तरबंद टैंक की मांग की। इस मांग पर भारत सरकार व भारतीय सेना के साथ 8 वर्ष तक लंबे पत्राचार के पश्चात सरकार द्वारा भारत में पहली बार किसी शहीद स्मारक पर MBT विजयंत टैंक उपलब्ध करवाया गया। इस टैंक ने गांव के युवावर्ग में एक प्रेरणा का काम किया और आज गांव की युवतियां भी सशस्त्र बलों में सेवाएं दे रही हैं।

चौधरी कन्हैया लाल वृद्धावस्था में भी एक युवक के समान उर्जा से सामाजिक कार्य करते हैं व सदैव सक्रिय रहते हैं।

चौधरी कन्हैया लाल के प्रयासों से बीकानेर में भी कैप्टन चन्दर चौधरी का स्मारक बना। उस स्मारक पर भी MBT विजयंत टैंक एवं HTP 32 एयरक्राफ्ट स्थापित किया गया है। चौधरी कन्हैया लाल सैन्य वीरांगनाओं को राजस्थान सरकार में अनुकंपा के आधार पर प्रशासनिक नियुक्तियां दिलाने में सक्रिय रहे हैं। कई विरांगनाएं आज अतिरिक्त जिला कलेक्टर के पद पर हैं।

विशेष बात, जिस देश में पंगु, लचर और कछुआछाप सरकारी तंत्र किसी व्यक्ति को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में ही चप्पलें घिसवा लेता है, उस तंत्र से पत्राचार कर के दो दो स्थानों पर स्मारक, प्रतिमाएं और टैंक-एयरक्राफ्ट स्थापित करवाना साधारण काम नहीं कहा जा सकता है।

बाहरी कड़ियाँ

संदर्भ


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