Raslana
Author of this article is Laxman Burdak लक्ष्मण बुरड़क |
Raslana (रसलाणा), is a Village in Bhadra tahsil in Hanumangarh district, Rajasthan.
Founders
Raslana was capital of Beniwals in Jangladesh and founded by Raisal Beniwal.
Jat Gotras
बेनीवाल पट्टी
चूरू जनपद के जाट इतिहास पर दौलतराम सारण डालमाण[1] ने अनुसन्धान किया है और लिखा है कि पाउलेट तथा अन्य लेखकों ने इस हाकडा नदी के बेल्ट में निम्नानुसार जाटों के जनपदीय शासन का उल्लेख किया है जो बीकानेर रियासत की स्थापना के समय था।
क्र.सं. | जनपद | क्षेत्रफल | राजधानी | मुखिया | प्रमुख ठिकाने |
---|---|---|---|---|---|
5. | बेनीवाल पट्टी | 360 गाँव | रायसलाना (रस्लान) | रायसलजी बेनीवाल | भूखरका , सुन्दरी, सोनडी, मनोहरपुरा, कूई, बाय |
History
रायसलाणा चुरू से 50 मील उत्तर-पूर्व में और सारण जाटों के ठिकाने भाड़ंग से 18 मील उत्तर-पूर्व में स्थित है. यह बेणीवाल जाटों की राजधानी था.
रायसलाणा के बेणीवाल
रायसलाणा चुरू से 50 मील उत्तर-पूर्व में और सारण जाटों के ठिकाने भाड़ंग से 18 मील उत्तर-पूर्व में स्थित है. यह बेणीवाल जाटों की राजधानी था. बेणीवालों के कितने गाँव थे, इसके बारे में इतिहासकारों में बड़ा मतभेद है. ठाकुर देशराज ने बेणीवालों के गाँवों की संख्या 84, चारण रामनाथ रत्नू ने 40, और मुंशी ज्वालासहय ने वाकए राजपूताना में 150 दी है. दयालदास ने अपनी ख्यात में संख्या 360 गाँवों के होने का उल्लेख किया है. [2] राठोड़ों के आगमन के समय इनका सरदार रायसल था. रायसल की बेटी मलकी का विवाह भाड़ंग के सरदार पूला सारण के साथ हुआ था. इसी मलकी के अपहरण काण्ड को लेकर गोदारों का शेष सब जाटों से युद्ध हुआ था और अंत में सीधमुख के पास ढाका नमक स्थान पर जो लड़ाई हुई, उसमें गोदारों के सहायक राठोड़ों की विजय हुई थी, जिसके परिणाम स्वरूप रायसलाणा के ठिकाने पर भी राठोड़ों का अधिकार हो गया था. [3] [4]
External Links
References
- ↑ 'धरती पुत्र : जाट बौधिक एवं प्रतिभा सम्मान समारोह, साहवा, स्मारिका दिनांक 30 दिसंबर 2012', पेज 8-10
- ↑ दयालदास ख्यात, देशदर्पण, पेज 20
- ↑ गोविन्द अग्रवाल, चुरू मंडल का शोधपूर्ण इतिहास, पेज 121
- ↑ Dr Pema Ram, The Jats Vol. 3, ed. Dr Vir Singh,Originals, Delhi, 2007 p. 206
Back to Jat Villages