Anil Kumar Tomar Hawaldar

Anil Kumar Tomar Hawaldar (1980 - 28.12.2020), Shaurya Chakra (posthumous), became martyr of militancy on 28.12.2020 in Jammu and Kashmir. He was from Sisoli village in Meerut district in Uttar Pradesh. Unit: 23 Rajput Regiment / 44 Rashtriya Rifles.
हवलदार अनिल कुमार तोमर
हवलदार अनिल कुमार तोमर
1980 - 28-12-2020
शौर्य चक्र (मरणोपरांत)
वीरांगना - श्रीमती मीनू देवी
यूनिट - 23 राजपूत रेजिमेंट / 44 राष्ट्रीय राइफल्स
ऑपरेशन रक्षक 2020
हवलदार अनिल कुमार का जन्म वर्ष 1980 में उत्तरप्रदेश के मेरठ जिले के सिसौली गांव में श्री भोपाल सिंह तोमर एवं श्रीमती कुसुम देवी के परिवार में हुआ था। वर्ष 2001 में वह भारतीय सेना की राजपूत रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 23 राजपूत बटालियन में सिपाही के पद पर नियुक्त किया गया था। अपने सेवाकाल में भिन्न भिन्न स्थानों और परिचालन परिस्थितियों में सेवाएं देते हुए वर्ष 2020 तक वह हवलदार के पद पर पदोन्नत हो चुके थे।
वर्ष 2020 में हवलदार तोमर की बटालियन को प्रतिनियुक्ति पर जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद विरोधी अभियानों में 44 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ नियंत्रण रेखा पर तैनात किया गया। बटालियन के AOR (उत्तरदायित्व का क्षेत्र) में अनेक उग्रवादी सक्रिय रहते थे, अतः बटालियन को सदैव अत्यधिक सतर्कता रखनी होती थी और अल्प अवधि सूचना पर ऑपरेशन चलाने के लिए तत्पर रहना होता था।
25 दिसंबर 2020 की रात्रि को देश क्रिसमस का त्योहार मना रहा था। उसी रात्रि को गोपनीय सूत्रों से सुरक्षा बलों को शोपियां जिले के कनीगाम क्षेत्र में आतंकवादियों की उपस्थिति से संबंधित विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई। सूचना के आधार पर सेना, सीआरपीएफ, और जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ त्वरित एक संयुक्त आपातकालीन अभियान आरंभ किया गया।
हवलदार तोमर 44 राष्ट्रीय राइफल्स की घातक टुकड़ी के सदस्य थे। उनकी टुकड़ी को CORDON & SEARCH ऑपरेशन का कार्य सौंपा गया था। घिर जाने पर रात्रि के 10:30 बजे आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाते हुए घेरा तोड़ कर भागने का प्रयास किया। भीषण गोलीबारी में अनेक गोलियां लगने से हवलदार तोमर गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायल होने के उपरांत भी असाधारण साहस प्रदर्शित करते हुए उन्होंने प्रभावी गोलीबारी की और एक आतंकवादी को मार गिराया व एक अन्य आतंकवादी को संदिग्ध घर में घेर लिया और अंततः उसे भी मार गिराया।
गंभीर घायल हवलदार तोमर को त्वरित श्रीनगर के 92 बेस हॉस्पिटल ले जाया गया। उनके शरीर से गोलियां भी निकाल दी गई किंतु जीवन और मृत्यु के मध्य संघर्ष करते हुए 28 दिसंबर 2020 को वह वीरगति को प्राप्त हुए।
हवलदार अनिल कुमार को उनके असाधारण साहस, वीरता एवं सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
शहीद को सम्मान
हवलदार अनिल कुमार को उनके असाधारण साहस, वीरता एवं सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
स्रोत
चित्र गैलरी
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राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शौर्य चक्र सम्मान ग्रहण करते हुए हवलदार अनिल कुमार की वीरांगना श्रीमती मीनू देवी व माता श्रीमती कुसुम देवी।
External links
References
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