Oshadhiprastha

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Oshadhiprastha (ओषधिप्रस्थ) was a Mountain city in Himalayas and capital of Parvati's father.

Variants

History

Manaskhand of Sakndpuran (7:20) speaks of this region as endowed with life saving medicinal plants. Mritsanjeewani, brought by Hanuman to bring swooned Lakshman to life was from Aushadhiprastha mountain located in upper Garhwal.[1]


Aushadhiprastha (औषधिप्रस्थ) was a mountain near Kailasha where saptarishis were sent by Shiva for the purpose of creating a favourable climate for the marriage of Shiva and Parvati. After leaving the house of her father who had humiliated her husband, the daughter of Daksha is reborn as Gauri in the house of the King of Mountains. Shankara is also doing penance on the same mountain. [2]

ओषधिप्रस्थ

विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ....ओषधिप्रस्थ (AS, p.118) कुमारसंभव में वर्णित हिमालय का नगर जहां पार्वती के पिता की राजधानी थी। शिव के कहने से सप्तर्षि पार्वती की मंगनी के समय औषधिप्रस्थ आए थे- 'तत्प्रयातौषधिप्रस्थं सिद्धये हिमवत्पुरम्, महाकोशीप्रपातेऽस्मिन् संगम: पुनरेवन:, ते चाकाश मसिश्याममुत्पत्य परमर्षय:, आसेदुरोषधिप्रस्थंमनसासमरंहस:। अलकामतिवाह्यैव वसतिं वसुसम्पदाम्, स्वर्गाभिष्यन्दवमनं कृत्वेवोपनिवेशितम्। गंगास्तोत्र: परिक्षिप्तं वप्रान्तर्ज्वलितौषधि, बृहन् मणिशिलासालं गुप्तावपिमनोहरम्। जितसिंह भयानागा यत्राश्वा बिलयोनय:, यक्षा: किंपुरुषा: पौरा योषितो वनदेवता:। यत्र स्फटिक हर्म्येषु नक्तमापान भूमिषु, ज्योतिषां प्रतिबिंबानि प्राप्नुवन्त्युपहारताम्। यत्रौषधि प्रकाशेन नक्तं दर्शित संचरा:, अनभिज्ञास्तमिस्त्राणां दुर्दिनेष्वभिसारिका:। संतानकतरुच्छाया सुप्तविद्याधराध्वगम्, यस्य चोपवनं बाह्यं गंधवद् गंधमादनम्'। (कुमारसंभव 6,33-36-37-38-39-42-43-46)

कालिदास के वर्णन से जान पड़ता है कि यह नगर हिमालय के क्रोड़ में स्थित तथा गंगा की धारा से परिवेष्टित था तथा गंधमादन पर्वत इस नगर के बाहर उपवन के रूप में स्थित था। इस नगर में ओषधियों के प्रकाश से रात में भी उजाला रहता था। संभव है यह नगर वर्तमान बदरीनाथ के निकट स्थित हो। कालिदास के वर्णन में कवि कल्पना का वैचित्र्य होने से नगर का वर्णन बड़ा अद्भुत जान पड़ता है। यह नगर अलका से भिन्न था जैसा कि ऊपर उद्भृत (कुमारसंभव 6, 37) से स्पष्ट हे। बदरीनाथ के निकटस्थ पहाड़ों में आज भी ओषधियां प्रचुरता से पाई जाती है। गंगा की निकटता जिसका उल्लेख कवि ने किया है, इस नगर की स्थिति की सूचक है।

महाकोशी नदी

महाकोशी नदी (AS, p.722): कुमारसंभव 6,33 में उल्लेखित कैलास के निकट बहने वाली कोई नदी है। शिव ने सप्तर्षियों को पार्वती की मंगनी के लिए औषधिप्रस्थ भेजते हुए उनसे लौट कर महाकोशी के प्रपात के निकट मिलने के लिए कहा था- 'तत्प्रयातोषधिप्रस्थं सिद्धये हिमवत्पुरं महाकोशीप्रपातेस्मिन् संगम: पुनरेव न:'. [4]

External links

References