Baj Singh Bal

Sardar Baj Singh Bal was a warrior and Governor of Sirhind from Majha region of Punjab
Baaj Bahadur Singh Bal' Baaj Singh Bal Jatt
Acording to Sikh historan Dr Ganda Singh Book Banda Singh Bahadur and Parachin Panth Parkash Rattan Singh Bhanghu
Acording to his Sources Baaj Singh' Bal Jatt meerpur Patti
Acording to J.S Garewal Book फारसी शरोतां आनूसार सिख ईतहास And Balwant Singh Dhillon Book फारसी शरोतां आनूसार बाबा बंदा सिंह बहादुर
Acording to his Sources Baaj Singh Pargnah Patti Hebatpur Pendu villagers Jatt
This Two Sources Based on Contemporary Farsi Sources
सरदार बाज सिंह बल का परिचय
हमारे इतिहास में ऐसे बहुत सारे किरदार है जिनके बिना इतिहास अधूरा है मगर कलम के हुक्मरानों ने इनके लिए अपनी कलम सुखा दी जिसका नतीजा ये हुआ की इनका नाम इतिहास में अलोप हो गया । ऐसे ही थे पंजाब के माझा क्षेत्र पट्टी के रहने वाले सरदार बाज सिंह बल । मुझें भी इनके बारे में नाममात्र ही जानकारी थी, इतना ही पता था कि बल सरनेम का व्यक्ति अपनी वीरता के बल पर सरहिंद का गवर्नर था । मगर अब मित्र के जरिये कुछ जानकारी मिली है , हो सकता है जानकारी थोड़ी आगे पीछे हो , उसे कोई जानकर सही कर सकता है ।
ये समयकाल है सिक्खों के सबसे बड़े संघर्ष काल का जो गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत के साथ ही शुरू होता है । खोज से पता चला बाज सिंह 7 भाई थे और ये उस परिवार से आते है जिनके परिवार के 40 के लगभग सदस्य अलग अलग समय मे शहीद हुए थे । बाज सिंह के एक भाई के पास जटटो एक बड़े समूह की सरदारी थी और बाबा बन्दा सिंह बहादुर के सरहिंद हमले के वक़्त एक हथियारबंद समूह को लेकर माझा क्षेत्र से सरहिंद पहुँचा था बाबा बन्दा सिंह बहादुर का साथ देने ।
सरदार बाज सिंह और उनके एक दूसरे भाई गुरु गोबिंद सिंह जी मिलने उनके साहिबजादों की शहादत के बाद पहुँचे । हालाकि ये स्पष्ट नहीं उनकी मुलाकात कहा हुई मगर ये उनकी पहली मुलाकात थी । बाज सिंह को गुरु गोबिंद सिंह ने बाबा बन्दा सिंह बहादुर के संग सरहिंद की तरफ भेजा था । सरहिंद की जंग में अदम्य साहस और आपकी मजबूत पकड़ के कारण सरहिंद के पहले सिक्ख गवर्नर बने । जब तक सरहिंद के गवर्नर रहे आम जनता के लिए बेहतर करते रहे । इन्ही के गवर्नर काल में ही उनके अधिकार क्षेत्र में पड़ते इलाकों में जगिरदारो के नीचे काम करने वाले आम किसानों को जमीनी हक़ मिला ।
सरदार बाज सिंह की शहादत का बाबा बन्दा सिंह बहादुर के संग ही जिक्र मिलता है । सरदार बाज के बारे में एक कथा प्रचलित है जिसका सत्यपन कोई इतिहासकर ही कर सकता है , हम ने जो सुना वो मैं बता देता हूँ । जब बाज सिंह को मुगलों ने बांधा हुआ था तो वहाँ खड़े एक बड़े फौजी मुगल अधिकारी ने बाज सिंह से कहा की तुम अपने आप को बहुत सूरमा कहलाते थे देखो अब हमारी गरिफ्त में पड़े हो तो बाज सिंह ने कहा इसका नमूना देखना है तो मेरे दोनो हाथ छोड़ो एक हाथ खोलकर दे लो मैं कितना बड़ा सूरमा हु । तो उनका एक हाथ खोल दिया गया तो कहते है पास खड़े सैनिक की एक हाथ से ही तलवार छीन ली और एक हाथ से ही तलवार घुमाते हुए 16 मुगल सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया । इसके बाद सरदार बाज सिंह को मुगलों ने शहीद कर दिया ।
सरदार बाज सिंह ने जिन लड़ाइयों में हिस्सा लिया
- सोनीपत की जंग ,
- समाना की जंग ,
- चापड़ चिड़ी की जंग ,
- सढोरा की जंग ,
- जम्मू की जंग ,
- जलालाबाद की जंग ,
- लोहगढ़ की जंग ,
- गुरदास नंगल की जंग ।
हो सकता है मेरी जानकारीया पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो मगर इसका दोष हमारे इतिहास कारो को जाता है जिन्होंने इनके बारे में नही लिखा । ऐसे बहुत सारे सरदार बाज और उनके भाइयों जैसे है जो शहीद हुए मगर उनका कही जिक्र नहीं है ।
शत शत नमन सरदार बाज सिंह बल को ।
---पलविन्दर खैरा की वाल से!!
स्रोत - श्री विनोद चौधरी (मोब:91 98733 32759)
External links
References
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According to (Dr Ganda Singh) Book of (Baba banda singh bahadur ) https://archive.org/details/BandaSinghBahadur/mode/1up?q=%E0%A8%9C%E0%A9%B1%E0%A8%9F+
Acording to( Balwant Singh Dhillon) Book (Farsi Shroat Banda singh bahadur )
https://archive.org/details/BandaSinghBahadur-FarsiSarot/page/n107/mode/1up?view=theater
Acording to (J.S Garewal ) book ( farsi Shrota aunsar Sikh history