Bala Ram Khairwa
Bala Ram Khairwa (b.-m.11.9.1967) became martyr in Indo China War on 11.9.1967. He was from Posana village in Udaipurwati tahsil of Jhunjhunu district in Rajasthan.
ग्रेनेडियर बालाराम खैरवा
देश को सबसे अधिक सैनिक देने वाले झुंझुनूं जिले के पोसाणा गांव में एक ही स्मारक में पांच बलिदानी सैनिकों की मूर्तियां स्थापित है। पोसाणा गांव राजस्थान का एकमात्र ऐसा गांव है। संभवतया यह देश का एकमात्र ऐसा गांव हो, जहां एक स्मारक में, एक छत के नीचे पांच बलिदानी सैनिकों की मूर्तियां स्थापित हों।
पोसाणा गांव के चतुर्थ सैनिक बलिदानी होने का गौरव ग्रेनेडियर बालाराम खैरवा को प्राप्त हुआ था।
ग्रेनेडियर बालाराम खैरवा
वीरांगना - श्रीमती किस्तूरी देवी
यूनिट - 2 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट
ऑपरेशन नाथूला 1967
ग्रेनेडियर बालाराम का जन्म राजस्थान के झुंझुनूं जिले के पोसाणा गांव में श्री जीताराम खैरवा एवं श्रीमती केशरदेवी के परिवार में हुआ था। अपनी शिक्षा पूर्ण करके 27 नवंबर 1962 को वह भारतीय सेना की ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में ग्रेनेडियर के पद पर भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 2 ग्रेनेडियर्स बटालियन में नियुक्त किया गया था।
वर्ष 1967 में भारतीय सेना द्वारा प्रायः सीमा विवादों को लेकर चीनी सैनिकों से होने वाले टकराव को टालने के लिए नाथू ला में सिक्किम-तिब्बत सीमा पर तार की बाड़ लगाने का निर्णय लिया गया।
11 सितंबर 1967 को, प्रातः 5:40 बजे भारतीय सेना के इंजीनियरों ने नाथूला के उत्तरी आधार पर तार बाधा का निर्माण आरंभ किया। चीनी सेना इस तार बाधा निर्माण का विरोध कर रही थी, परिणामस्वरूप, वहां भारतीय सैनिकों और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हो गई। आकस्मिक चीनी सैनिकों ने सामने से व साथ ही साथ दोनों किनारों से गोलीबारी आरंभ कर दी। ऐसी गंभीर परिस्थिति में वहां तैनात भारतीय सेना की 18 राजपूत बटालियन और 2 ग्रेनेडियर्स बटालियन ने भी प्रत्युत्तर में चीनियों पर आक्रमण किया।
इस त्वरित एवं भयानक लड़ाई में में ग्रेनेडियर बालाराम अदम्य साहस, दृढ़ निश्चय एवं वीरता से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे।
शहीद को सम्मान
चित्र गैलरी
स्रोत
संदर्भ
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