Bhayan
Bhayan (भयान) Bhayan (भयाण)[1][2] gotra of Jats is descended from Chauhan vansha. They are found in Haryana.
History
There was a Rajasthani jat with 'Chauhan' surname. He migrated to southern Haryana region few hundred years ago. He had two sons - Bhaina and Jugaa. Offsprings of Bhaina came to be known as 'Bhayan' and Off springs of Jugga came to be known as 'Jaglan'.
Given their same roots, Hindu jats of Jaglan, Bhayan, Khunga and Chauhan do not intermarry.
भयाण एवं जागलान जाट गोत्रों वत्स जाट गोत्र की शाखा चौहान जाटों के वंशज हैं। वत्स गोत्र के जाट वीरों का राज्य महाभारत काल में था और महाभारत युद्ध के बाद इनका राज्य भटिण्डा (पंजाब) क्षेत्र पर रहा, जिनका राजा उदयन था। इसी वत्स जाट गोत्र की शाखा चौहान जाट हैं। सातवीं शताब्दी में राजपूत संघ स्थापित होने पर जो चौहान जाट उसमें मिल गये वे चौहान राजपूत कहलाने लगे और जो उस संघ में न मिले वे चौहान जाट ही कहलाते रहे जो आज भी कई प्रांतों में विद्यमान हैं। इसी चौहान जाट गोत्र के दो प्रसिद्ध वीर भैया व जग्गा नामक हुए। उनकी प्रसिद्धि के कारण चौहान जाटों का एक संघ, भैया से भयाण तथा दूसरा संघ जग्गा से जागलान शाखा गोत्र प्रचलित हुए।
Thakur Deshraj writes
इन दोनों भयाण एवं जागलान जाट गोत्रों के विषय में इनके भाट की पोथी में इनको चौहान राजपूतों का वंशज लिखा है जो कि असत्य, प्रमाणशून्य तथा बेबुनियाद बात है। ये गोत्र वत्स जाट गोत्र की शाखा चौहान जाटों के वंशज हैं। वत्स गोत्र के जाट वीरों का राज्य महाभारत काल में था और महाभारत युद्ध के बाद इनका राज्य भटिण्डा (पंजाब) क्षेत्र पर रहा, जिनका राजा उदयन था। इसी वत्स जाट गोत्र की शाखा चौहान जाट हैं। सातवीं शताब्दी में राजपूत संघ स्थापित होने पर जो चौहान जाट उसमें मिल गये वे चौहान राजपूत कहलाने लगे और जो उस संघ में न मिले वे चौहान जाट ही कहलाते रहे जो आज भी कई प्रांतों में विद्यमान हैं।
इसी चौहान जाट गोत्र के दो प्रसिद्ध वीर भैया व जग्गा नामक हुए। उनकी प्रसिद्धि के कारण चौहान जाटों का एक संघ, भैया से भयाण तथा दूसरा संघ जग्गा से जागलान शाखा गोत्र प्रचलित हुए। ये भयाण एवं जागलान जाट गोत्र राजपूत संघ बनने से बहुत पहले प्रचलित हो गये थे। इन जाट गोत्रों के लोग पंजाब-राजस्थान क्षेत्र से आकर हरयाणा प्रांत में आबाद हो गए, जिनके गांव निम्नलिखित हैं।
भयाण जाट गोत्र के गांव - जिला हिसार में जेवरा, बछपड़ी, सरसौद, बाड़ा आदि गांव हैं।
जागलान जाट गोत्र के गांव जिला हिसार में डाटा, कुम्भाखेड़ा, जाण्डली कलां, जुगलान आदि गांव हैं।
जिला जींद में इंटल व छात गांव हैं। जिला भिवानी, जिला कुरुक्षेत्र और जिला करनाल में भी कई गांव जागलान जाटों के हैं।
भयाण और जागलान जाट गोत्रों के आपस में रिश्ते-नाते नहीं होते हैं क्योंकि ये दोनों रक्त-भाई हैं।[3]
Distribution in Haryana
Villages in Hisar district
Banbhori, Bhada Khera (बाड़ा), Bachpari (बछपड़ी), Jewra (जेवरा), Lohari Ragho (लुहारी राघो), Sarsod (सरसौद),
Notable persons from this clan
- Chaudhary Devichand Bhayan - Social worker, Associated with many social Institutions, Founder Uppradhan and later Pradhan Haryana Jat Sabha, Hon editor Haryana Jat Sabha samachar. Born at villageJewra (जेवरा) in Hisar district in Haryana on 18 November 1927. [4] He was edotor of 'Jat Darshan' published from Hisar. He died on 21 April 2006 at the age of 82. [5]
See also
Reference
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-I, s.n. भ-112
- ↑ O.S.Tugania:Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu, p.53, s.n. 1857
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter XI (Page 1031)
- ↑ Mahendra Singh Arya et al: Adhunik Jat Itihas, Section 10 p. 6
- ↑ Jat Samaj, May 2006, p. 30
Back to Gotras