Bhika Ram Tada
Bhika Ram Tada is Martyr of 1962 Indo China war from Khangta, Jodhpur, Rajasthan. His statue was installed at village Khangta on 27.2.2019.
जीवन परिचय
1962 के भारत-चीन युद्ध में खांगटा के भीकाराम ताड़ा शहीद हुए थे। उनकी वीरांगना गट्टूदेवी ने हमेश सुहाग को अमर माना। 57 साल बाद बुधवार 27.2.2019 को वे अपने शहीद पति की मूर्ति को ही यह सुहाग प्रतीक समर्पित किया। गांव के चौराहे पर लगी इस शहीद की मूर्ति को नमन करने ग्रामीण उमड़ें। कार्यक्रम में आर्मी की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।[1]
57 साल बाद शहीद प्रतिमा का अनावरण
भारत-चीन में 1962 के युद्ध में शहादत देने वाले भीकाराम ताडा की वीरांगना गट्टू देवी ने आखिर 57 साल बाद बुधवार 27.2.2019 को शहीद पति की प्रतिमा अनावरण के दौरान अपने सुहाग के प्रतीकों का समर्पण किया। बुधवार सुबह से ही ग्रामीणों की भीड़ प्रतिमा अनावरण में वीरांगना के इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए एकत्रित हो गई। करीब 11 बजे वीरांगना गट्टू देवी अपने परिवार के साथ शहीद स्मारक पहुंची। सुहागन वेश में गट्टू देवी जैसे ही शहीद पति की हूबहू प्रतिमा के पास पहुंचीं और अपनी बूढ़ी आंखों से उस प्रतिमा को निहारने लगी। वीरांगना की बूढ़ी आंखों से आंसू निकल पड़े, लेकिन वहां खड़े परिजनों ने उनको संभाला। उन्होंने सुहाग प्रतीक माने जाने वाला अपने सिर का बोर (टीका) उतारकर शहीद पति की प्रतिमा के चरणों में समर्पण कर दिया। वीरांगना के बेटे बक्साराम व श्रीराम ताडा ने बताया, कि आज 57 साल बाद हमारे पिता की मूर्ति का अनावरण हमारी माता के हाथों से हुआ है। आज हमारे परिवार में विवाह के समान हर्षोल्लास है। हमारे इतने आग्रह के बाद मां ने हमारे पिता को शहीद मानते हुए यह सुहाग उतारा है। शहीद परिवार द्वारा सभी अतिथियों का सम्मान किया गया।[2]
शहीद की स्मृति में मैराथन
शहीद की स्मृति में 1600 मी. की मैराथन: अमर शहीद सेवा समिति की ओर से रन फाॅर शहादत आयोजित की गई। समिति के मीडिया प्रभारी छबरवाल ने बताया, कि 1600 मीटर मैराथन प्रथम स्थान पर खुशाल चौधरी और दीपदान चारण रहे। द्वितीय स्थान पर सांवरराम व तृतीय स्थान पर राकेश मेघवाल रहे। विजेताओं को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। पूर्व संध्या को ओम मुंडेल डिगरना एंड पार्टी द्वारा भव्य भजन संध्या आयोजित की गई, जिसमें गौ सेवा के लिए एक लाख रुपए एकत्रित हुए। वहीं कार्यक्रम में पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजोर, राज्यसभा सांसद रामनारायण डूडी, पूर्व राज्यमंत्री कमसा मेघवाल, महावीर चक्र दिगेंद्र कुमार, यूथ कांग्रेस पाली लोकसभा अध्यक्ष प्रकाश बोराणा, अमर शहीद सेवा समिति अध्यक्ष ओम मुंडेल डिगरना, मीडिया प्रभारी राजेंद्र छबरवाल, देवरी धाम के रमैयादास, सरपंच उम्मेदराम खोजा, पूर्व सरपंच प्रमिला चौधरी, मोहनी जाखड़, रामनिवास कुड़िया व कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में आसपड़ोस के कई गांवों के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।[3]
External links
References
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