Ikshumati

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(Redirected from Chakshumati)
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Ikshumati (इक्षुमती) is a River mentioned in Ramayana, Mahabharata. Ikshumati (इक्षुमती) is mentioned by Panini in Ashtadhyayi.

Variants

  • Chakshumati (चक्षुमती) = Ikshumati (इक्षुमती) (AS, p.326)

Origin

Mention by Panini

Ikshumati (इक्षुमती) is a term mentioned by Panini in Ashtadhyayi. [1]

Ikhan (Kalindi) (Farrukhabad) (p.43) India as Known to Panini

History

इक्षुमती नदी

विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...

1. इक्षुमती (AS, p.77): वाल्मीकि रामायण में इस नदी का उल्लेख अयोध्या के दूतों की केकय देश की यात्रा के प्रसंग में हुआ है-- 'आभिकालं तत: प्राप्य तेजोऽभिभवनाच्चयुता:, पितृपैतामहीं पुण्यां तेरुरिक्षुमतीं नदीम् 2,68,11. इस नदी को दूतों ने जैसा कि संदर्भ से सूचित होता है- सतलज और बियास के बीच के प्रदेश में पार किया था। इसका ठीक-ठीक अभिज्ञान अनिश्चित है। संभव है यह सरस्वती नदी ही हो क्योंकि उपर्युक्त उद्धरण में इसे 'पितृ पैतामही पुण्या' कहा है। चक्षुष्मती भी इक्षुमती का ही एक नाम जान पड़ता है।[3]

2. इक्षुमती (AS, p.77): पाणिनि ने, अष्टाध्यायी 4,2,80 में सांकाश्य नगर की स्थिति इस नदी के तट पर बताई है। महाभारत, भीष्मपर्व में इसे इक्षुमालिनी कहा गया है। यह वर्तमान ईखन है, जो संकिसा, फ़र्रुख़ाबाद ज़िला, उत्तर प्रदेश के निकट बहती है।


इक्षुमती एक पौराणिक नदी का नाम है। संयुक्त प्रांत के उत्तरीय भाग में बहने वाली कालिंदी नाम की नदी ही इक्षुमती है। कलिंद पर्वत से निकली कालिंदी नदी का आधुनिक नाम यमुना है।[4]

In Mahabharata

Ikshumalini (इक्षुमालिनी) River Mahabharata (VI.10.16)


Bhisma Parva, Mahabharata/Book VI Chapter 10 describes geography and provinces of Bharatavarsha. Ikshumalini (इक्षुमालिनी) River is mentioned in Mahabharata (VI.10.16) [5]....of Vedasmrita and Vedavati, and Tridiva, and Ikshumalini; of Karishini, and Chitravaha, and the river called Chitrasena;

In Ramayana

Bala Kanda Sarga 70 tells... Ikshvaku's bloodline is narrated as custom demands to enquire into the bridegroom's lineage. Vashishta narrates this to Janaka and his brother Kushadhvaja, who is also summoned to participate in the wedding celebrations....2, 3. My younger brother renowned thus as Kushadhvaja, a highly self-righteous one and a highly brilliant one is ruling from the auspicious and holy city named Sankasya, which city is surrounded by River Ikshumati as a natural moat, in which moat bastions of tridents are staked all around... and my brother presides over that city as if he is sitting in the Pushpaka aircraft of richly-rich god Kubera, and as though supping the sugarcane juice-like waters of River Ikshumati... [1-70-2, 3][6]

External links

References

  1. V. S. Agrawala: India as Known to Panini, 1953, p.42, 43
  2. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.77
  3. वराह पुराण 85; मत्स्य पुराण 113
  4. पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 556, परिशिष्ट 'क' |
  5. वेद समृतिं वेतसिनीं त्रिदिवाम इक्षुमालिनीम, करीषिणीं चित्रवहां चित्रसेनां च निम्नगाम (VI.10.16)
  6. भ्राता मम महातेजा यवीयान् अतिधार्मिकः । कुशध्वज इति ख्यातः पुरीम् अध्यवसत् शुभाम् ॥१-७०-२॥ वार्या फलक पर्यन्ताम् पिबन् इक्षुमतीम् नदीम्सांकाश्याम् पुण्य संकाशाम् विमानम् इव पुष्पकम् ॥१-७०-३॥

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