Dharnawad
Dharnawad ( धरणावद) is a village in Indore tahsil in Indore district in Madhya Pradesh.
Location
Jat Gotras
History
Tejaji's ancestors were Nagavanshi descendant of Shvetanaga, who had five kingdoms in Central India, namely - 1. Khilchipur, 2. Raghaugarh, 3. Dharnawad, 4. Garhkila (Kilkila), and 5. Khairagarh [1]
तेजाजी के पूर्वज और खींची
संत श्री कान्हाराम[2] ने लिखा है कि.... जायल खींचियों का मूल केंद्र है। उन्होने यहाँ 1000 वर्ष तक राज किया। नाडोल के चौहान शासक आसराज (1110-1122 ई.) के पुत्र माणक राव (खींचवाल) खींची शाखा के प्रवर्तक माने जाते हैं। तेजाजी के विषय में जिस गून्दल राव एवं खाटू की सोहबदे जोहियानी की कहानी नैणसी री ख्यात के हवाले से तकरीबन 200 वर्ष बाद में पैदा हुआ था।
[पृष्ठ-158]: जायल के रामसिंह खींची के पास उपलब्ध खींचियों की वंशावली के अनुसार उनकी पीढ़ियों का क्रम इस प्रकार है- 1. माणकराव, 2. अजयराव, 3. चन्द्र राव, 4. लाखणराव, 5. गोविंदराव, 6. रामदेव राव, 7. मानराव 8. गून्दलराव, 9. सोमेश्वर राव, 10. लाखन राव, 11. लालसिंह राव, 12. लक्ष्मी चंद राव 13. भोम चंद राव, 14. बेंण राव, 15. जोधराज
गून्दल राव पृथ्वी राज के समकालीन थे।
यहाँ जायल क्षेत्र में काला गोत्री जाटों के 27 खेड़ा (गाँव) थे। यह कालानाग वंश के असित नाग के वंशज थे। यह काला जयलों के नाम से भी पुकारे जाते थे। यह प्राचीन काल से यहाँ बसे हुये थे।
तेजाजी के पूर्वज राजनैतिक कारणों से मध्य भारत (मालवा) के खिलचिपुर से आकर यहाँ जायल के थली इलाके के खारिया खाबड़ के पास बस गए थे। तेजाजी के पूर्वज भी नागवंश की श्वेतनाग शाखा के वंशज थे। मध्य भारत में इनके कुल पाँच राज्य थे- 1. खिलचिपुर, 2. राघौगढ़, 3. धरणावद, 4. गढ़किला और 5. खेरागढ़
Notable persons
Population
External links
References
- ↑ Sant Kanha Ram: Shri Veer Tejaji Ka Itihas Evam Jiwan Charitra (Shodh Granth), Published by Veer Tejaji Shodh Sansthan Sursura, Ajmer, 2015. p.158
- ↑ Sant Kanha Ram: Shri Veer Tejaji Ka Itihas Evam Jiwan Charitra (Shodh Granth), Published by Veer Tejaji Shodh Sansthan Sursura, Ajmer, 2015. pp.157-158
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