Dhinganwali
Dhinganwali (Hindi:ढींगावाली, Punjabi: ਢੀੰਗਾਵਾਲੀ) village situated in Abohar (अबोहर) tehsil in Fazilka district in the state of Punjab.
Location
It is situated 22km away from sub-district headquarter Abohar in west.
ढिंगावाली गांव अबोहर तहसील में आता है इसका वर्तमान में जिला फाजिल्का है, ढिंगावाली गांव अबोहर श्री गंगानगर नेशनल हाईवे के नजदीक है और इसकी अबोहर से दूरी 22 किलोमीटर श्री गंगानगर की तरफ है.
Origin
गाँव का नामकरण: गांव का नाम भी तलाब पर ढींग पक्षी जो प्रवासी थे उनके नाम पर ढींगावाली रखा गया
History
Dhinganwali - The village Dhinganwali was founded in 1921 (Vikrami Samvat) by three Siags - Chetan Ram ji, Tiku Ram Ji and Hiro ji who had migrated here from Moter village in Rajasthan. Siag gotra is Chandravanshi. Once Godara king had sent his messenger to King Chokh Ram Ji of Jangladesh to irritate king Chokha ji and provoke him to fight. So, that messenger went to Devasar village near Pallu. There is a pond in Devasar village where Chokha Ram ji used to take bath and meditated on its shore. Chokha Ram ji was meditating when that messenger reached him. The messenger reached him and said," I am a messenger of Godaras, give me some offerings". Chokha Ram ji replied, " If you want to have food, it will be prepared soon but I don't give offerings." As the messenger was ordered to say to Chokha Ram ji, he said,"What type of king you are?" On this, Chokha Ram ji took a handful of water and splashed it onto the messenger. Chokha Ram ji said," Take this and go away". But the messenger was astonished on seeing that the water had turned into gold Ashrafees. When the messenger returned to Godara king, he told them:-
- सियागां मैं सम्प घणों, दूजी जात न जोड़ Siagaan mein samp ghano, dooji jaat na jod
- सियाग चोखै दान दियो, छपन लाख करोड़ Siag Chokhai daan diyo,chappan lakh crore
Six sons of Ch. Ram Rakh Siag -Sahib Ram, Krishan, Rajender, Rai Singh, Arjun Singh and Bhim Sain are living in this village. The eldest of them, is the Sarpanch of the village. Arjun singh was MLA of Abohar during (Punjab) in 1986.
The Founders
ढिंगावाली को श्रीमान टिकु राम सियाग ने लगभग 1850 को बसाया था , टीकू राम सियाग जी मोटेर से आए थे यह वर्तमान में राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में स्थित है.
Jat Gotras
- Godara came from Dheereran
- Kalera
- Khod
- Mahla came from Chandsar
- Nain
- Nehra - Came from Katrathal → कटराथल सीकर से गोईनसर बिकानेर होते हुऐ लहरी हरियाणा में गए. वहां से सिरानवाली (पाकिस्तान) गऐ. ढीगावाली में सियाग परिवार से रिशतेदारी होने के कारण लालूराम नेहरा तथा उनका बेटा मामराज नेहरा लगभग संवत 1915 (=1858 ई.) में ढीगावाली आऐ.
- Sahu
- Saran came from Khejara
- Sihag - Came from Moter (Hanumangarh), also from Baramsar and Suin
ढिंगावाली के सियाग गोत्र का इतिहास
ढिंगावाली का इतिहास काफी रोचक है. ढिंगावाली गांव लगभग 1850 ई. के आसपास टिकु राम सियाग ने बसाया था. टीकू राम सियाग काफी बुद्धिमान और दूरदर्शी सोच के आदमी थे. उनके अंग्रेज अधिकारियों से अच्छे संबंध थे, इसीलिए उन्होंने अंग्रेज अधिकारियों से एक गांव बस आने की अनुमति मांगी थी तो उन्होंने टिकु राम सियाग को कहा कि 5 व्यक्तियों को गांव दिया जाएगा अब पांच व्यक्ति ले आओ. तब टिकु राम जी ने 5 व्यक्तियों को तैयार किया और अंग्रेजों से 1850 के लगभग गांव तक्सीम करवा लिया.
टीकू राम सियाग के परिवार के बारे में जानकारी (इनके वंशज)
टिकु राम सियाग के दो बेटे थे बड़े बेटे का नाम रामचंद सियाग और छोटे बेटे का नाम भानी राम सियाग था.
टीकू राम सियाग के बड़े बेटे रामचंद सियाग नंबरदार थे.
रामचंद सियाग के तीन बेटे थे सबसे बड़े बेटे का नाम जीवनराम नंबरदार दूसरे बेटे का नाम लेखराम और तीसरे बेटे का नाम मनीराम था.
रामचंद सियाग के बड़े बेटे (1) जीवन राम सियाग नंबरदार के चार बेटे थे - श्योनाथ सियाग, दलीप सियाग, पृथ्वी राम, बृजलाल सियाग. श्योनाथ सबसे बड़े थे इसलिए यह नंबरदार बने. इनके इकलौते पुत्र थे दौलतराम नंबरदार. दौलतराम नंबरदार के इकलौते पुत्र हैं - अमर सिंह सियाग, जो आज गांव के मौजूदा नंबरदार हैं (2022).
जीवन राम सियाग के दूसरे पुत्र दिलीप सियाग के 3 पुत्र हैं- 1. मोहनलाल, 2. सुभाष चंद्र , 3. राधेराम सियाग,
मोहनलाल सियाग के 2 पुत्र हैं- 1. इकबाल सिंह और 2. संजीव सियाग,
सुभाष चंद्र के दो पुत्र हैं- 1. नरेंद्र सियाग और 2. वीरेंद्र सियाग ,
राधे राम सियाग के इकलौता पुत्र है बबलू सियाग,
जीवन राम सियाग के तीसरे पुत्र पृथ्वी राम सियाग के दो बेटे हैं- बड़े बेटे हैं इंद्रसेन सियाग छोटे बेटे हैं जसवंत सियाग.
इंद्रसेन सियाग के दो बेटे हैं विकास और सोनू
जसवंत सियाग के एकलौता पुत्र है कपिल सियाग,
जीवन राम सियाग के चौथे पुत्र बृजलाल सियाग के चार बेटे हैं- बड़े बेटे हैं दयाराम, राजेंद्र सियाग हंसराज सियाग सुरेंद्र सियाग,
दया राम सियाग की इकलौता पुत्र है शुभम
राजेंद्र सियाग के इकलौते पुत्र हैं विजयपाल
हंसराज सियाग के इकलौते पुत्र हैं सोनू
सुरेंद्र सियाग के इकलौते पुत्र हैं समीर ,
रामचंद सियाग के दूसरे बेटे (2) लेखराम सियाग के 3 पुत्र थे- सबसे बड़े बेटे 1. बलराम सियाग, 2. जश राम सियाग , 3. जेमल राम सियाग,
बलराम सियाग के दो बेटे थे अमर सिंह सियाग एवं हरि सिंह सियाग
अमर सिंह सियाग के दो बेटे हैं सुरेंद्र कुमार सियाग और विनोद कुमार सियाग,
हरि सिंह सियाग के इकलौता पुत्र है राजीव कुमार,
जश राम सियाग के तीन बेटे थे सबसे बड़े बेटे का नाम कृष्ण कुमार, प्रेम कुमार और धर्मपाल हैं,
कृष्ण कुमार के इकलौता पुत्र है रविंद्र सियाग
प्रेम कुमार के एकलौता पुत्र है अनिल सियाग
धर्मपाल सियाग इकलौता पुत्र है मंजीत सियाग,
जेमल राम सियाग के दो बेटे थे धर्मवीर एवं सुखबीर सियाग,
धर्मवीर सियाग के एकलौता पुत्र है अजय कुमार,
सुखबीर सियाग के एकलौता पुत्र है वीरेंद्र सियाग,
रामचंद्र सियाग के तीसरे बेटे (3) मनीराम सियाग के चार बेटे थे- सबसे बड़े बेटे 1. राम सिंह सियाग ,2. दयाला राम सियाग, 3. भीमसेन सियाग, 4. सहदेव सियाग,
राम सिंह सियाग के पांच बेटे थे- सबसे बड़े बेटे 1. जगदीश सियाग, 2. रणवीर सियाग, 3. सुरेंद्र सियाग, 4. ओमप्रकाश सियाग, 5. विजय सिंह सियाग,
जगदीश सियाग के इकलौता पुत्र है रमन सियाग,
रणबीर सियाग के एकलौता पुत्र है विनय सियाग,
सुरेंद्र सियाग के इकलौते पुत्र है रवीन कुमार सियाग,
ओमप्रकाश सियाग के इकलौता पुत्र है राहुल सियाग
विजय सिंह सियाग के एकलौता पुत्र है अरविंद सियाग,
मनीराम सियाग के दूसरे बेटे दयाला राम सियाग के 5 पांच पुत्र हैं- 1. हरिराम सियाग , 2. मदन लाल सियाग, 3. सोहन लाल सियाग, 4. गोविंद सियाग, 5. ओमप्रकाश सियाग,
सबसे बड़े बेटे हरिराम सियाग के इकलौते पुत्र हैं पवन सियाग
मदनलाल सियाग के इकलौते पुत्र हैं पंकज सियाग
सोहनलाल सियाग के इकलौते पुत्र हैं सुनील सियाग
गोविंद राम के इकलौते पुत्र हैं विजेंदर सियाग
ओमप्रकाश के इकलौते पुत्र हैं अभिमन्यु सियाग,
मनीराम सियाग के तीसरे पुत्र भीमसेन सियाग के इकलौते पुत्र है राजेंद्र सियाग, और इनके इकलौते हैं अश्वत्थामा सियाग,
मनीराम सियाग के चौथे पुत्र सहदेव सियाग के 2 पुत्र - 1. बड़े बेटे अनुराग सियाग और 2. विवेक सियाग,
अनुराग सियाग के इकलौते पुत्र हैं प्रशांत सियाग,
विवेक सियाग के 2 पुत्र हैं
बड़े पुत्र शुभम और छोटे बेटे का नाम कर्तव्य है
ढिंगावाली के नेहरा गोत्र का इतिहास
ढींगावाली गाव में अबाद नेहरा परिवार के बारे में जानकारी यहां दी जा रही है. कटराथल सीकर से गोईनसर बिकानेर होते हुऐ लहरी हरियाणा में गए. वहां से सिरानवाली (पाकिस्तान) गऐ. ढीगावाली में सियाग परिवार से रिशतेदारी होने के कारण लालूराम नेहरा तथा उनका बेटा मामराज नेहरा लगभग संवत 1915 (=1858 ई.) में ढीगावाली आऐ. मामराज नेहरा का देहांत ढींगावाली में संवत 1935 में (=1878 ई.) हुआ था.
मामराज नेहरा के दो बेटे थे - 1. फताराम नेहरा तथा 2. जैमलराम नेहरा. आज भी ढींगावाली में बास करते हैं. फताराम नेहरा के दो बेटे- 1. जस राम नेहरा व 2. खयाली राम नेहरा.
जसराम नेहरा गाव लादु वाला में सात साल की उम्र में हरीराम नेहरा के गोद चले गए ओर ढीगावाली में खयाली राम नेहरा रह गए. खयाली राम नेहरा के चार बेटे हैं- 1. ओमप्रकाश नेहरा, 2. काशीराम नेहरा, 3. लिछीराम नेहरा, 4. महेंद्र नेहरा.
1 ओमप्रकाश नेहरा के बेटे रमन दीप व गोरीशकर,
2 काशी राम नेहरा के बेटे रजनीश नेहरा व भरत नेहरा,
3 लिछीराम नेहरा के बेटे लक्षयदीप नेहरा,
4 महेंद्र नेहरा के बेटे दिलावर नेहरा.
चारों भाई ढीगावाली में वास करते हैं. अपनी खेती बाडी करते हैं, पानी नहर का है. यहाँ फसल गेहूं, नरमा, कपास और बाग की खेती करते हैं.
स्रोत: लिछीराम नेहरा अखिल भारतीय नेहरा खाप प्रधान तहसील अबोहर जिला फाजिल्का
ढिंगावाली के अन्य गोत्रों का इतिहास
ढीगावाली गांव में सन् 1850 ई. में गोदुराम सियाग गाव मोटेर जिला हनुमानगढ़ ने ढीगावाली गाँव उनके बेटे टिकु राम सियाग व शेरा राम भादु ने पाच रुपये में लिया. फिर शेरा राम भादु ने अलग से वरियामखेडा गांव लिया. जो हिसा ढीगावाली मे था वह टिकु राम सियाग ने रख लिया और पैसे दे दिऐ.
गाँव का नामकरण: गांव का नाम भी तलाब पर ढींग पक्षी जो प्रवासी थे उनके नाम पर ढींगावाली रखा गया फिर आपस में रिशतेदारों को एक-एक यहाँ लाया गया. उसमें नेहरा परिवार के माम राज नेहरा आऐ.
फिर गोदारा परिवार धीरेरां तहसील लुणकरन जिला बिकानेर लछुराम गोदारा, फिर फुसाराम गोदारा खींयेरा तहसील लुणकरन जिला बिकानेर. टिकूराम सियाग आपस में मामा भुआ के थे.
हिराराम कालेरा व टिकूराम सियाग मोसा थे.
खोड परिवार शेरा राम भादु के नजदीक थे.
सहारण परिवार खेजडा सरदार शहर भगवाना राम सहारण आए. फुसा राम सहारण गांव बिल्लू बास जिला चुरु से आए.
पुनिया परिवार से लुणाराम पुनिया आऐ.
सहु परिवार से सुख राम सहु,
सियाग के सुही से तारुराम सियाग आऐ.
भीझाराम सियाग बरमसर से आऐ.
महला परिवार से आसाराम महला चांदसर तहसील लुणकरन जिला बिकानेर से आऐ.
नैण परिवार से फूसाराम आऐ.
संवत 1956 में काल पडने पर ढींगावाली में माल पशु राजस्थान से लेकर आऐ. गाँव वालों ने सहयोग किया. बाद में संवत 1975 में कातिक वालीं बिमारी आई तो सैकडों लोग मारे गये.
ढीगावाली में IPS व IAS तो नहीं पर सेना मे 35, मासटर 20, बिजली भिवाग में 17, दो डाक्टर, टिकूराम सियाग के दो बेटे भानी राम सियाग व रामचंद सियाग भानी राम सियाग जैल दार व रामचद नमबदार. भानी राम सियाग का बेटा ढुकलराम सियाग भी जैल दार रहा. ढुकलराम सियाग का पोता बीजेपी का एम एल ए रहा है.
दो स्कूल, डांगर हसपताल है, एक डिसपेंसरी है वाटरवर्कस है पोस्ट ओफिस है. दाना मंडी है हर साल गेहूं बिकता है. खेल सटेडियम है. कृष्ण मदिर व हनुमान मंदिर है. हमारे बुजुर्ग पशुधन रखते थे. आज भी गाव में 15 व 20 घरों में साहीवाल व राठी गाय पाली जाती हैं. बहुत दूर से गाय लेने आते हैं- हरियाणा यु पी हिमाचल से
स्रोत: लिछीराम नेहरा - खाप प्रधान तहसील अबोहर जिला फाजिल्का
Notable Person
Arjan Singh Sihag - MLA Abohar BJP 1985
External Links
References
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