Doodhi River

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Author:Laxman Burdak, IFS (Retd.)

Paundi - Bhainsa (Saleya Mata Mandir) (Gadarwara, Narsinghpur) - Jamgaon - Ghat Kamti - Guwari - Dhadaw Padaw - Dangadrhai - Chhena Kachhar - Kenkara - Arjungaon - Malhanwada - Panagar on Dudhi River
Gotikheda - Rajola - Koshmi - Dahiyar - Singhodi on Dudhi River in Tamia, Chhindwara
Sitadongri - Delakhari - Shrijhot - Ghatlinga- Gudichhatri - Satalba- Chhindi-Dudhi River Map


Doodhi River is a river in Madhya Pradesh, India. It is left bank tributary of Narmada River, rises west of the Chhindi village, Chhindwara district. Mainly Doodhi River is flowing in Chhindwara and Narsinghpur Districts.[1]

Variants

Jat Gotras Namesake

Origin

Course

The Dudhi River, a left bank tributary of Narmada River rises in the Mahadeo hills of the Satpura Range, west of the Chhindi village, Chhindwara district, MP at the elevation of 900 m, and at latitude 22° 23' N, longitude 78° 45'E. It flows for a total length of 129 km to join the Narmada River at North-west of Nibhora at a distance of 575 km run from source. It drains a total area of 1,541 sq. km.[2]

There is a place in front of Dev Badla temple from where originates the Nebaj River. From another place, on the hillock, originates the Dudhi river. Both rivers combine together in Muravar village in Sehore district.[3]

Doodhi River flows in the Patalkot valley.

Harakpura is surrounded by Dudhi River on both sides. Author (Laxman Burdak) visited Harakpura on 16.06.1989.

Villages on Dudhi River

Villages on Dudhi River - Dudhi Nadi Udgam (near Dongra) in Patalkot (Tamia) - Batra - Karaghat - Rajola - Koshmi- Dahiyar (right) - Singhodi - Harakpura (right) - Buddigar Gajgarh - Paundi - Bhainsa (Saleya Mata Mandir) (Gadarwara, Narsinghpur) - Jamgaon - Ghat Kamti - Guwari - Dhadaw Padaw - Dangadrhai - Chhena Kachhar - Kenkara - Arjungaon - Malhanwada - Panagar - Surela Randhir - Anhai - Ajanda - Barchhi - Saikheda (NH-44) - Tumda - Umardha - Kateghan Melasthal (Narmada) Near Budhni -

दूधी नदी

दूधी नदी

दूधी नदी भारत के मध्य प्रदेश राज्य की एक नदी है । यह नर्मदा नदी की सहायक नदी है । मुख्य रूप से दूधी नदी छिंदवाड़ा और नरसिंहपुर जिले में बहती है।

नरसिंहपुर. दूधी नदी मेहरागांव क्षेत्र से होकर जाती है और इस पूरे क्षेत्र को यह नदी काफी उर्वरा शक्ति प्रदान करती है। इसके पूरे रास्ते में कई खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य देखने को मिलते हैं । कल कल करता पानी कहीं अठखेलियां करता है तो कहीं चट्टानों को चीरते हुए काफी ऊंचाई से नीचे गिर कर मनोरम दृश्य पैदा करता है । इसके किनारों पर कहीं रेत नजर आती है तो पानी की धार दूध की नदी का दृश्य पैदा करती है जैसा कि इसका नाम है दूधी नदी । गाडरवारा बारहा बड़ा से अंदर जंगल में जाने पर इसके कई खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं। प्रकृति प्रेमी इन दृश्यों को देखने के लिए यहां पहुंचते हैं और फोटोग्राफी का भी आनंद लेते हैं । शाम के समय सूर्यास्त के प्रतिबिंब को नदी के बीच में देखा जा सकता है । प्रकृति प्रेमी इन दृश्यों को कैमरे में कैद करना नहीं भूलते।[4]

नर्मदा पुराण में बताया दूधी नदी का महत्व

नर्मदा पुराण में दूधी नदी के महत्व को समझाया गया है। जब श्री राम लक्ष्मण सीता और हनुमान लंका से वापस लौट रहे थे तभी माता अंजना से उनकी भेंट हुई तो माता अंजना हनुमान से नाराज हो गई और कहने लगी हनुमान ने मेरे दूध को लजाया है। सीता को छुड़ाने श्रीराम को लंका जाना पड़ा जबकि तुम खुद सीता को रावण के बंधन से मुक्त करा सकते थे। वहीं खड़े हुए लक्ष्मण ने यह बात सुनी और सोचने लगे कि इस बुढ़िया को अपने दूध पिए बालक और दूध पर कितना घमंड है। अंजना माता लक्ष्मण की मन की बात समझ गई और उन्होंने क्रोध में आकर कहां हे लक्ष्मण देखो और अपने स्तन से दूध की एक धार पहाड़ पर विशाल चट्टान पर दे मारी, जिससे वह विशाल चट्टान मैं दरार आ गई और वहां से धुंआधार दूध की नदी बहने लगी जिससे दूध की नदी प्रकट हुई। [5]

External links

References

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