Durjaya

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(Redirected from Durjayapuri)
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Durjaya (दुर्जया) was a city mentioned in Mahabharata. It was probably located near Rajgir, Bihar. It was probably same as Manimati of Mahabharata. Durjaya (दुर्जय) is mentioned as a king in Mahabharata. List of Shiva's thousand names includes Durjaya.

Origin

Variants

History

Durjaya (दुर्जया), now North Guwahati, was capital of Kamarupa kingdom under the Pala Dynasty for the period 900 to 1100 C.E. Pala rulers built their capital on the banks of the Brahmaputra and surrounded it with a rampart and a strong palisade, whence they named it Durjaya (=impregnable). Many wealthy merchants lived there in safety and it boasted of many plastered turrets. Encouraged by the King, the learned men, religious preceptors, and poets made it a place of resort.[1]

दुर्जया

विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...दुर्जया (AS, p.439) एक पौराणिक नगरी का नाम है, जिसका उल्लेख महाभारत, वनपर्व में आया है। ऐसा माना जाता है कि यह नगरी राजगृह (बिहार) के निकट स्थित थी। 'तत: स संप्रस्थितो राजा कौन्तेयो भूरिदक्षिण: अगस्त्याश्रममासाद्य दुर्जयायामुवास ह'महाभारत, वनपर्व 96, 1. अर्थात् "गया से चलकर प्रचुर दक्षिणा दान करने वाले युधिष्ठिर ने अगस्त्याश्रम में पहुँच कर दुर्जयापुरी में निवास किया।" विश्वास किया जाता है कि दुर्जया नगरी राजगृह के निकट ही थी। सम्भवत: दुर्जया को ही महाभारत, वनपर्व 69, 4 में 'मणिमति' नगरी कहा है। मणितमति नगरी नागों की उपासना के लिए प्रसिद्ध थी।

अगस्त्याश्रम

विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ... अगस्त्याश्रम (AS, p.9) बिहार का एक ऐतिहासिक स्थान है। तत: सम्प्रस्थितो राजा कौंतेयो भूरिदक्षिण: अगस्त्याश्रममासाद्य दुर्जयायामुवास ह। (महाभारत वन पर्व 96,1) पांडव अपनी तीर्थयात्रा के प्रसंग में गया (बिहार) से आगे चलकर अगस्त्याश्रम पहुंचे थे। यहीं मणिमती नगरी की स्थिति थी। शायद यह राजगृह के निकट स्थित था।

अगस्त्यतीर्थ जो दक्षिण समुद्र तट पर स्थित था, इससे भिन्न था। जान पड़ता है कि प्राचीन काल में अगस्त्य के आश्रमों की परंपरा, बिहार से नासिक एवं दक्षिण समुद्र तट तक विस्तृत थी। पौराणिक साहित्य के अनुसार अगस्त्य-ऋषि ने भारत की आर्य-सभ्यता का सुदूर दक्षिण तथा समुद्र पार के देशों तक प्रचार किया था। (दुर्जया)

In Mahabharata

Durjaya (दुर्जय) in Mahabharata (I.59.22), (I.61.57), (VIII.4.33),

Adi Parva, Mahabharata/Book I Chapter 59 gives genealogy of Danavas, Gandharvas, Apsaras, Yakshas, Rakshasas. Durjaya (दुर्जय) is mentioned in Mahabharata (I.59.22).[4] ....Danu had forty sons, O Bharata! The eldest of them all was Viprachitti of great fame Samvara, and Namuchi and Pauloman; Asiloman, and Kesi and Durjaya;....


Adi Parva, Mahabharata/Book I Chapter 61 gives genealogy of the Danavas, Asuras, Kauravas, Pandavas, Gandharvas, Apsaras, Rakshasas. Durjaya (दुर्जय) is mentioned in Mahabharata (I.61.57). [5].... And from the tribe of Asuras called Krodhavasa were born many heroic kings on earth. Madraka, and Karnaveshta, Siddhartha, and also Kitaka; Suvira, and Suvahu, and Mahavira, and also Valhika, Kratha, Vichitya, Surasa, and the handsome king Nila; and Dhama, and Bhumipala; and Dantavakra, and he who was called Durjaya; that tiger amongst kings named Rukmi; and king Janamejaya,....


Karna Parva/Mahabharata Book VIII Chapter 4 mentions the warriors who are dead amongst the Kurus and the Pandavas after ten days. Durjaya (दुर्जय) is mentioned in Mahabharata (VIII.4.33).[6].... Durmarshana and Durvisaha and the mighty car-warrior Durjaya, having achieved the most difficult feats, have gone to Yama's abode.

External links

References

  1. Prakash, Col Ved, Encyclopedia of North-East India
  2. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.439
  3. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.9
  4. शम्बरॊ नमुचिश चैव पुलॊमा चेति विश्रुतः, असि लॊमा च केशी च दुर्जयश चैव दानवः (I.59.22)
  5. दन्तवक्त्रश च नामासीद दुर्जयश चैव नामतः, रुक्मी च नृपशार्दूलॊ राजा च जनमेजयः (I.61.57)
  6. दुर्मर्षणॊ दुर्विषहॊ दुर्जयश च महारदः, कृत्वा न सुकरं कर्म गता वैवस्वतक्षयम (VIII.4.33)