Gopal Ram Dudi

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Gopal Ram Dudi

Gopal Ram Dudi (Naik) (01.02.1970 - 11.08.2003) became martyr on 11.08.2003 during Operation Rakshak fighting with militants in Jammu and Kashmir. He was from village Sadri, tahsil Lohawat, district Jodhpur in Rajasthan. Unit: 9 Jat Regiment.

नायक गोपाल राम डूडी का परिचय

नायक गोपाल राम डूडी

01-02-1970 - 11-08-2003

वीरांगना - श्रीमती मांगी देवी

यूनिट - 9 जाट रेजिमेंट

ऑपरेशन रक्षक


नायक गोपाल राम का जन्म 1 फरवरी 1970 को राजस्थान के जोधपुर जिले की लोहावट तहसील के सदरी गांव (अब गोपाल नगर) में चौधरी श्री मूलाराम डूडी एवं श्रीमती चंपा देवी के परिवार में हुआ था। बचपन से ही वह निडर व साहसी प्रवृत्ति के थे। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा गांव में हुई फिर लोहावट कस्बे से 10 वीं कक्षा में पढते हुए 10 फरवरी 1988 को भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। पढ़ाई के प्रति लगन के कारण सेना में रहते हुए भी उन्होंने 12 वीं व BA तक शिक्षा पूरी की थी।

वर्ष 2003 में 9 जाट बटालियन भारत-पाक नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीमावर्ती राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में अग्रिम क्षेत्र में तैनात थी। 11 अगस्त 2003 की सुबह 5:00 बजे डेल्टा कंपनी के 4 जवानों का एक गश्तीदल नियमित गश्त पर था। तभी, आतंकवादियों के एक समूह ने कुख्यात पाकिस्तानी बेट (BORDER ACTION TEAM) की सहायता से कैल्सिया पोस्ट के निकट घुसपैठ का प्रयास किया।

इस गश्ती दल द्वारा चुनौती दिए जाने पर आतंकवादियों ने गोलियां चलाईं। परिणामस्वरूप वहां भीषण मुडभेड़ आरंभ हो गई। इस मुठभेड़ में नायक गोपाल राम डूडी, सदरी (जोधपुर), सिपाही सुरेन्द्र कुमार बुरडक, पलथाना (सीकर), सिपाही सुरेन्द्र सिंह धत्तरवाल, धत्तरवालों का बास (झुंझुनूं) व एक अन्य जवान वीरगति को प्राप्त हुए। तीन आतंकवादी भी मारे गए व अन्य आतंकवादी पुनः सीमापार भाग गए।

13 अगस्त 2003 को पूर्ण सैन्य सम्मान व राजकीय सम्मान से इनका अंतिम संस्कार सदरी गांव में किया गया। इनके बलिदान के सम्मान में सरकार द्वारा राजस्व गांव सदरी का नाम गोपाल नगर किया गय है व सरकारी स्कूल का नामकरण इनके नाम पर किया गया है। 11 अगस्त 2009 को गांव में राजाला नाडा पर बने स्मारक पर इनकी प्रतिमा का अनावरण हुआ।

नायक गोपाला राम डूडी के बलिदान को देश युगों युगों तक याद रखेगा।

शहीद को सम्मान

13 अगस्त 2003 को पूर्ण सैन्य सम्मान व राजकीय सम्मान से इनका अंतिम संस्कार सदरी गांव में किया गया। इनके बलिदान के सम्मान में सरकार द्वारा राजस्व गांव सदरी का नाम गोपाल नगर किया गय है व सरकारी स्कूल का नामकरण इनके नाम पर किया गया है। 11 अगस्त 2009 को गांव में राजाला नाडा पर बने स्मारक पर इनकी प्रतिमा का अनावरण हुआ।

स्रोत

चित्र गैलरी

External links

References


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