Surendra Singh Dhattarwal

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Surendra Singh Dhattarwal

Surendra Singh Dhattarwal became martyr on 11.8.2003 during Operation Rakshak in a terrorist action in Naushehra sector, Rajauri district of Jammu and Kashmir. He was from Dhatarwalon Ka Bas village in Chirawa tahsil in Jhunjhunu district of Rajasthan. Unit: 9 Jat Regiment.

सिपाही सुरेन्द्र सिंह धत्तरवाल

सिपाही सुरेन्द्र सिंह धत्तरवाल

वीरांगना - श्रीमती अनिता देवी

यूनिट - 9 जाट रेजिमेंट

ऑपरेशन रक्षक 2003

सिपाही सुरेन्द्र सिंह का जन्म राजस्थान के झुंझुनूं जिले की चिड़ावा तहसील के धत्तरवालों का बास गांव में हुआ था। शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात वह भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 9 जाट बटालियन में नियुक्त किया गया था।

वर्ष 2003 में 9 जाट बटालियन भारत-पाक नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीमावर्ती राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में अग्रिम क्षेत्र में तैनात थी। 11 अगस्त 2003 की सुबह 5:00 बजे डेल्टा कंपनी के 4 जवानों का एक गश्तीदल नियमित गश्त पर था। तभी, आतंकवादियों के एक समूह ने कुख्यात पाकिस्तानी बेट (BORDER ACTION TEAM) की सहायता से कैल्सिया पोस्ट के निकट घुसपैठ का प्रयास किया।

इस गश्ती दल द्वारा चुनौती दिए जाने पर आतंकवादियों ने गोलियां चलाईं। परिणामस्वरूप वहां भीषण मुडभेड़ आरंभ हो गई। इस मुठभेड़ में नायक गोपाल राम डूडी, सदरी (जोधपुर), सिपाही सुरेन्द्र कुमार बुरडक, पलथाना (सीकर), सिपाही सुरेन्द्र सिंह धत्तरवाल, धत्तरवालों का बास (झुंझुनूं) व एक अन्य जवान वीरगति को प्राप्त हुए। तीन आतंकवादी भी मारे गए व अन्य आतंकवादी पुनः सीमापार भाग गए।

सिपाही सुरेन्द्र सिंह धत्तरवाल व अन्य जवानों के बलिदान को भारत में, युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा।

शहीद का सम्मान

स्रोत

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References


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