Har Iqbal Singh Dhaliwal
Har Iqbal Singh Dhaliwal (Second Lt), Vira Chakra, fought bravely during Indo-Pak War 1965 on 08.09.1965 at Sialkot, Pakistan.
सेकंड लेफ्टिनेंट हर इकबाल सिंह धालीवाल
सेकंड लेफ्टिनेंट हर इकबाल सिंह धालीवाल
वीर चक्र
यूनिट - 17 हॉर्स (पूना हॉर्स)
ऑपरेशन रिडल
भारत-पाक युद्ध 1965
सेकंड लेफ्टिनेंट हर इकबाल सिंह का जन्म 6 अगस्त 1933 को हुआ था।
8 सितंबर 1965 को सेकंड लेफ्टिनेंट धालीवाल पाकिस्तान के सियालकोट सेक्टर में भारतीय 1 आर्मर्ड डिविजन के प्रवेश में पूना हॉर्स के अगुआ ब्रावो (जाट) स्क्वाड्रन के ट्रूप लीडर के रूप में, अपनी टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे। फिलोरा चौराहे के उत्तर में उनका सामना पहली बार पाकिस्तानी 25 कैवेलरी के पांच पैटन टैंकों के साथ हुआ। उन्होंने अपनी टुकड़ी को फायरिंग पोजीशन का आदेश दिया। भयानक गोलाबारी में उनके सेंचुरियन टैंक के गोला लगा और उस के ईंधन टैंक में आग लग गईं। जलते हुए टैंक से बाहर निकलते समय सेकंड लेफ्टिनेंट धालीवाल के चेहरे का दायां भाग और दोनों हाथ गंभीर रूप से झुलस गए।
उन्होंने अपने ड्राइवर और गनर के साथ खाई में शरण ली; परंतु उनके टैंक के लोडर सोवर हुकम सिंह (रोहतक) टैंक के छलावरण जाल में फंस गए और घायल होकर जलते हुए टैंक के निकट भूमि पर गिर गए। टैंक के गोला-बारूद में किसी भी समय विस्फोट होने की संभावना को देखते हुए सेकेंड लेफ्टिनेंट धालीवाल शत्रु की भयानक गोलाबारी में भी दौड़ पड़े और घायल लोडर को उठाकर सुरक्षित स्थान पर ले गए। तत्पश्चात वह अपने पूरे CREW को सुरक्षित स्क्वॉड्रन की स्थिति के पीछे ले गए।
इस कार्रवाई में सेकेंड लेफ्टिनेंट धालीवाल ने असाधारण साहस, सूझबूझ और सौहार्द का परिचय दिया। वह अपनी कमान में सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत थे। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया। उन्हें शत्रु सैनिकों को मारने के लिए नहीं अपितु अपने टैंक क्रू में से एक के जीवन की रक्षा के लिए वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। वह लेफ्टिनेंट कर्नल के पद से भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए थे।
गैलरी
स्रोत
References
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