Harchatwal
Harchatwal (हरचतवाल)[1] is gotra of Jats[2] found in Rajasthan.
Origin
They are descendants of Samrat Hasti (हस्ति). [3]
History
माली जाटों के इतिहास में
विक्रम संवत 1192 (=1135 ई.) में सांभर से प्रस्थान के बाद मलसी ने मालीसर गांव बसाया- वैशाख सुदी आखा तीज के दिन विक्रम संवत 1194 साल (=1137 ई.)। जहां मलसी ने पनघट का कुआं खुदवाया, जोहड़ खुदवाया, सवा सौ बीघा पड़तल भूमि छोड़ी तथा महादेव जी की छतरी करवाई। [4]
मलसी माली (1135 ई.) (पत्नि:सुंदर पूनिया पुत्री जोधराज पूनिया, चन्द्रा की पोती ) → धरमा (पत्नि:हेमी गोदारा, पुत्री मेहा गोदारा/हिदु की पोती) → जैतपाल (पत्नि: रायमल भावरीया, की पुत्री सायर) (भाई: करमसी, बहिन: राजां, जोरां) → उदय (पत्नि: सुलखा हरचतवाल की बेटी सिणगारी) (भाई रतन, जीवराज, बहिन सरस्वती) → धनराज (बहिन गणी) [5]
धरमा माली ने बेटी राजा व जोरां का विवाह किया- वैशाख सुदी तीज विक्रम संवत 1278 (=1221 ई.) विवाह में 21 गायें दहेज में दी। विक्रम संवत 1329 (=1272 ई.) में मालीसर गांव में धर्मा की याद में करमसी व जैतपाल ने ₹900 में पानी की 'पीय' कराई तथा विक्रम संवत 1338 (=1281 ई.) में मालीसर गांव में दान किया। विक्रम संवत 1342 (=1286 ई.) में मालीसर गांव में चौधरी उदय ने दान कार्य किया। (करमसी की पत्नि महासी निठारवाल की बेटी हरकू थी- वंश विराम)[6]
चौधरी उदयसी, रतनसी, जीवराज गांव मालीसर छोड़ पलसाना बसे- वैशाख सुदी 7 विक्रम संवत 1352 (=1295 ई.) (शनिवार) के दिन सवा पहर दिन चढ़ते समय छड़ी रोपी। [7]
विक्रम संवत 1513 (=1456 ई.) में चौधरी घासीराम माली पलसाना छोड़कर कासली बसा। [8]
वैशाख सुदी आखातीज विक्रम संवत 1732 की साल (28 अप्रैल 1675 ई.) में चौधरी खडता व धर्मा ने कासली छोड़ गांव पूरां बसाया। [9]
विक्रम संवत 1746 (1689 ई.) की साल धर्मा ने पुरां में धर्माणा जोहड़ा खुदवाया। कार्तिक सुदी सात विक्रम संवत 1754 (=1697 ई.) में चौधरी पांचू, बीजा, लौहट ने पिता धर्मा का मौसर किया। वह गंगाजी घाल गंगोज कराया। विक्रम संवत 1780 (=1723 ई.) की साल चौधरी पांचू/बाछू ने दान कार्य किया। [10]
Distribution in Rajasthan
Villages in Jhunjhunu District
Sonasar (8),
Notable persons
- Dhanna Bhagat - Great Social Reformer
References
- ↑ Ompal Singh Tugania:Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu,p.64,s.n. 2559
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-I, s.n. ह-11
- ↑ Mahendra Singh Arya et al: Adhunik Jat Itihas, p. 285
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.55
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.55
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.55
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.56
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.56
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.56
- ↑ Raghunath Bhakhar: 'Rulyana Mali' (Jhankata Ateet), Bhaskar Prakashan Sikar, 2022. ISBN: 978-93-5607-079-0, p.56
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