Jabrasar
Jabrasar (जबरासर) is a historical village in Nohar tahsil of Hanumangarh district in Rajasthan.
Founder
Jabrasar was founded by Jabra Saran.
History
जबरासर (Jabrasar) हनुमानगढ़ जिला, राजस्थान में एक एतिहासिक गाँव है. यह हनुमानगढ़ जिले की नोहर तहसील में है. इसकी जनसंख्या 6070 है, जिसमें से 2094 अनुसूचित जाति के लोग है. इसका पिन कोड है - 335523 यह जबरासर उप तहसील में है, जिसमें अन्य ऐतिहासिक गाँव है पाण्डूसर, जोखासर एवं धाणसिया. धाणसिया सोहुआ जाटों की राजधानी था. सारणों में जबरा और जोखा बड़े बहादुर थे. उनकी कई सौ घोड़ों पर जीन पड़ती थी. उन्हीं के नाम पर जबरासर और जोखासर गाँव अब भी आबाद हैं
भाड़ंग के सारण
भाड़ंग चुरू जिले की तारानगर तहसील में चुरू से लगभग 40 मील उत्तर में बसा था. पृथ्वीराज चौहान के बाद अर्थार्त चौहान शक्ति के पतन के बाद भाड़ंग पर किसी समय जाटों का आधिपत्य स्थापित हो गया था. जो 16 वीं शताब्दी में राठोडों के इस भू-भाग में आने तक बना रहा. पहले यहाँ सोहुआ जाटों का अधिकार था और बाद में सारण जाटों ने छीन लिया. जब 16 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में राठोड इस एरिया में आए, उस समय पूला सारण यहाँ का शासक था और उसके अधीन 360 गाँव थे. इसी ने अपने नाम पर पूलासर (तहसील सरदारशहर) बसाया था जिसे बाद में सारण जाटों के पुरोहित पारीक ब्राह्मणों को दे दिया गया. पूला की पत्नी का नाम मलकी था, जिसको लेकर बाद में गोदारा व सारणों के बीच युद्ध हुआ. [1] मलकी के नाम पर ही बीकानेर जिले की लूणकरणसर तहसील में मलकीसर गाँव बसाया गया था.[2] सारणों में जबरा और जोखा बड़े बहादुर थे. उनकी कई सौ घोड़ों पर जीन पड़ती थी. उन्हीं के नाम पर जबरासर और जोखासर गाँव अब भी आबाद हैं, मन्धरापुरा में मित्रता के बहाने राठोडों द्वारा उन्हें बुलाकर भोज दिया गया और उस स्थान पर बैठाने गए जहाँ पर जमीन में पहले से बारूद दबा रखी थी. उनके बैठ जाने पर बारूद आग लगवा कर उन्हें उड़ा दिया गया.[3][4]
External links
References
- ↑ दयालदास ख्यात, देशदर्पण, पेज 20
- ↑ Dr Pema Ram, The Jats Vol. 3, ed. Dr Vir Singh,Originals, Delhi, 2007 p. 209
- ↑ चौधरी हरिश्चंद्र नैन, बीकानेर में जनजाति, प्रथम खंड, पेज 18
- ↑ Dr Pema Ram, The Jats Vol. 3, ed. Dr Vir Singh,Originals, Delhi, 2007 p. 202
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