Jodha Ram Saran
जोधाराम सारण (1900 - 1980) (Jodha Ram Saran) का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले की (?) तहसील के रावतसर गाँव में 1900 में नाथाराम सारण के घर हुआ.
शिक्षा दूत
मालानी में जोधा बाबा के नाम से विख्यात जोधाराम सारण ने बाड़मेर जिले में उस समय शिक्षाप्रचार किया, जब इस क्षेत्र में कोई शिक्षा का नाम लेने वाला नहीं था. आप बाद में जोधा बाबा या जोधानाथानी के नाम से पूरे मालानी में ही नहीं बल्कि कोर्णावटी और जालोरी क्षेत्र में भी विख्यात हुए.
आज से 100 वर्ष पहले जागीरदारी जुल्म अपनी चरम सीमा पर थे. जोधपुर सरकार की ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की कोई योजना नहीं थी. सरकार आमजन को शिक्षित नहीं करना चाहती थी. इसे समय में जोधपुर स्टेट में बलदेवराम मिर्धा एवं किसान सभा के बैनर तले किसान जागरण का कार्य शुरू हुआ. बाड़मेर शहर में जाटों के सर छिपाने के लिए जगह नहीं थी. किसान छात्रावास बाड़मेर के लिए घर-घर एवं गाँव-गाँव से एक-एक दो-दो आना तथा बाजरी एकत्रित की. किसान मसीहा रामदान चौधरी की प्रेरणा एवं उनके नेतृत्व में बाड़मेर में 1934 में किसान बोर्डिंग विधिवत स्थापित हुई. इस बोर्डिंग की प्रथम प्रबंध कार्यकारिणी में रावतसर के शिक्षा दूत जोधाराम सारण को लिया गया.
समाज के विख्यात पञ्च
आप जाट समाज के विख्यात पञ्च थे. उस समय छोटे-मोटे विवाद समाज में ही निपटाए जाते थे. जमीन, लेन-देन, सगाई, विवाह के मामले पञ्च लोग जाजम पर निपटा लिया करते थे. अपने ज़माने में न केवल रावतसर चवा अपितु मालानी के अलावा जालोर क्षेत्र तक पंचायत कर झगड़ों का निपटारा करते थे. पंचायत के सिलसिले में भ्रमण से ही आपको यह अनुभव हुआ कि मात्र बाड़मेर में बोर्डिंग खोलने से पूरा समाज शिक्षित नहीं हो सकता, इसके लिए गाँव गाँव में स्कूल खोलने होंगे. इसी उद्देश्य से सन 1959 में अपने खेत में राज्य प्राथमिक विद्यालय, रामसर का कुवा, नाम से विद्यालय खोला. इसके लिए गांवों से चंदा एकत्रित किया गया. सन 1963 में इसे मिडिल स्तर तक क्रमोन्नत किया गया जिसका उदघाटन तत्कालीन मुख्य मंत्री मोहन लाल सुखाड़िया द्वारा किया गया.
आजीवन सरपंच
पंचायतों के गठन के बाद सर्वप्रथम जोधाराम को हाथ खड़ा कर सन 1956 में रावतसर का सरपंच चुना गया. उस वक्त कुडला, शिवकर चवा आदि गाँव इसमें सम्मिलित थे. आप आजीवन रावतसर ग्राम पंचायत के सरपंच रहे. अंतिम दफा सरपंच बनाने के वक्त आप राजस्थान के सबसे बुजुर्ग सरपंच थे.
निधन
जोधाराम सारण का निधन सन 1980 में हुआ.
सन्दर्भ
- जोगाराम सारण: बाड़मेर के जाट गौरव, खेमा बाबा प्रकाशन, गरल (बाड़मेर), 2009 , पृ. 172-173
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