Junnar
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Junnar (जुन्नार) is a city in the Pune district of the Indian state of Maharashtra. The city has history dating back to the first millenium.The nearby fort of Shivneri was the birthplace of Shivaji, the founder of the Maratha Empire.
Location
सहयाद्रि पर्वत श्रेणी के नीचे स्थित जुन्नार, पुणे के उत्तर में लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर और मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है। यह समुद्र सतह से लगभग 2260 फीट की ऊँचाई पर है।
Variants
- Jirnanagara जीर्णनगर दे. जुन्नार (AS, p.367)
- Junnar (जुन्नार) (जिला पूना, महा.) (AS, p.368)
- Junapura (Old city)
- Tagara
History
Junnar has been an important trading and political center for the last two millennia. The town is on the trade route that links the ports of western India or more specifically of Konkan with Deccan interiors. The first mention of Junnar comes the Greco-Roman travellers from the first millennium,[1][2][3] The Indo-Scythian Western Satraps ruled at Junnar during the 2nd century CE as shown by their cave inscriptions in the area of Junnar, at Manmodi Caves.[4] "Yavana" Greeks also left donative inscriptions in the 2nd century CE at Lenyadri and Manmodi Caves.[5]
According to Damodar Kosambi, the real name of Junnar may have been Tagara.In his opinion,the name Junnar may be the contracted form of Junapura (Old city).[6]
In the 1400s, the Russian traveler, Afanasy Nikitin spent many months in Junnar during the monsoon season. He describes vividly the life in the Bahamani ruled area around Junnar.[7] The Nizam Shahi had Junnar as their first capital.[8] Later in early 1600s, Malik Ambar the Nizam Shahi general moved his capital there.[9] The father of Shivaji, Shahaji Raje worked for Malik Ambar early in his career. Shivaji was born at the nearby Shivneri fort.
जुन्नार
विजयेन्द्र कुमार माथुर[10] ने लेख किया है ...जुन्नार (जिला पूना, महा.) (AS, p.368) का प्राचीन नाम जीर्णनगर था. इस स्थान से एक गुफा में क्षहरात नरेश नहपान के मंत्री अयम का एक अभिलेख प्राप्त हुआ था जिससे नहपान का महाराष्ट्र के इस भाग पर आधिपत्य सिद्ध होता है. अभिलेख में नहपान को महाक्षप कहा गया है. इसमें संवत 46 का उल्लेख है जो शक संवत ही जान पड़ता है. इस प्रकार यह लेख 124 ई. का है. जुन्नार के शिवनेर दुर्ग में महाराष्ट्र केसरी शिवाजी का जन्म हुआ था.
जुन्नार परिचय
जुन्नर भारत में महाराष्ट्र राज्य के पुणे ज़िले का एक तालुका है। प्राचीन समय में यह हीनयान सम्प्रदाय का केन्द्र था। अब यह घरेलू पर्यटकों के बीच एक लोकप्रिय स्थान है। जुन्नर शहर अपने धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक आकर्षणों, जैसे- प्राचीन मंदिरों और उत्कृष्ट वास्तुकला की गुफ़ाओं और क़िलों के लिए प्रसिद्ध है। सहयाद्रि पर्वत श्रेणी के नीचे स्थित जुन्नर, पुणे के उत्तर में लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर और मुंबई से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है। यह समुद्र सतह से लगभग 2260 फीट की ऊँचाई पर है।
इतिहास: जुन्नर का इतिहास बहुत समृद्ध है, जो लगभग एक हज़ार वर्ष पुराना है। यह ऐतिहासिक स्थान शिवनेरी क़िले के पास स्थित है, जो भारत के महान् मराठा शासक छत्रपति शिवाजी का जन्म स्थल है। प्राचीन समय में जुन्नर को "जिमा नगर" के नाम से जाना जाता था, जो शक राजा नहपान के अधीन था। जब इस पर सातवाहन राजवंश के राजा सातकर्णी ने कब्ज़ा कर लिया, तब उसने नानेघाट पर नज़र रखने के लिए शिवनेरी क़िले का निर्माण किया था, जो उस समय का व्यापारिक रास्ता था।
स्थापत्य: जुन्नर में 150 शैल गुहाएँ हैं, जिनमें 10 चैत्य गृह और शेष विहार हैं। ये गुहाएँ ईस्वी पूर्व दूसरी शताब्दी से ईसा की प्रथम शताब्दी तक के काल की आँकी गई हैं। यहाँ की गुहाएँ कई समूहों में हैं, जिनमें गणेश लेण और तुलजा लेण विशेष महत्त्वपूर्ण हैं। यहाँ के वास्तु में मूर्तियाँ नहीं है। यहाँ के कुछ चैत्य गृह आयताकार हैं, जिनकी छतें सपाट और मण्डप स्तम्भ रहित हैं। एक चैत्य गृह गोल आकृति का हैं, जिसका व्यास 7.75 मीटर है। ऐसी आकृति का चैत्य-गृह पश्चिमी भारत में नहीं मिलता। अधिकांश गुहाएँ सादी हैं। जुन्नर की एक गुहा में शक नरेश नहपान के मंत्री अयम का अभिलेख 124 ई. का प्राप्त हुआ है। इस अभिलेख में नहपान को 'महाक्षत्रप' कहा गया है। इससे नहपान का उस भाग में आधिपत्य सिद्ध होता है।
ऐतिहासिक स्थान: इस ऐतिहासिक स्थान की गुफ़ाओं के कारण जुन्नर एक वास्तुकला केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। यहाँ तीन गुफ़ा समूह हैं- मनमोदी हिल समूह, गणेश लेना समूह, तुलजा लेना समूह
ये सभी सुंदर मूर्तियों के गठन से बनी हैं। इसके अलावा लेन्याद्री गुफाएँ भी हैं, जो चट्टानों को काटकर बनाई गई तीस गुफ़ाओं का समूह है। यह भी यहाँ का एक प्रमुख आकर्षण है। जुन्नर के विषय में एक दिलचस्प बात यह है कि यहाँ के 500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र के भीतर तेंदुए की आबादी का घनत्व सबसे अधिक है।
External links
References
- ↑ Margabandhu, C. "Trade Contacts between Western India and the Graeco-Roman World in the early centuries of the Christian era." Journal of the Economic and Social History of the Orient/Journal de l'histoire economique et sociale de l'Orient (1965): 316-322.
- ↑ Rath, Jayanti. "QUEENS AND COINS OF INDIA."
- ↑ Deo, S. B. "The Genesis of Maharashtra History and Culture." Bulletin of the Deccan College Research Institute 43 (1984): 17-36.
- ↑ Journal of the Asiatic Society of Bombay. Asiatic Society of Bombay. 1986. p. 219. "If Konow is right, then the length of time for Ksatrapa rule in the Nasik-Karla-Junnar region would be at least thirty-fire years."
- ↑ Religions and Trade: Religious Formation, Transformation and Cross-Cultural Exchange between East and West. BRILL. 2013. p. 97. ISBN 9789004255302.
- ↑ Damodar Dharmanand Kosambi (1975). An Introduction to the Study of Indian History. Popular Prakashan. p. 269. ISBN 978-81-7154-038-9.
- ↑ Fisher, edited by Michael H. (2007). Visions of Mughal India : an anthology of European travel writing. London: I. B. Tauris. pp. 15–18. ISBN 978-1-84511-354-4.
- ↑ "Poona District Nizam Shahis, 1490-1636". Maharashtra. Government of Maharashtra.
- ↑ Eaton, Richard M. (2005). The new Cambridge history of India (1. publ. ed.). Cambridge: Cambridge University Press. p. 118. ISBN 0-521-25484-1.
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.368