Kshatriya Ganarajya

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(Redirected from Kṣatragaṇa)
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Kshatriya Ganarajya (क्षत्रीय गणराज्य) was an ancient republic in Vahika country of Punjab in 300 BCE. Greeks have called them Xathroi. They are the present Khatris of India.

Variants

Origin

History

Buddha Prakash[2] mentions ....At the confluence of the Chenab and the Indus lived the Xathroi, the Kṣatragaṇa of the Mudraraksasa and the Kshatriyas and Rajanyas of Panini’s Sutras VI, 2, 34 and IV, 1, 168. They had specialized in riparine activity. It appears that they were also pushed down from the north.

Jat History

Bhim Singh Dahiya[3] writes that Khatris are an ancient tribe mentioned by the Greeks as "Xathroi", corresponding to Sanskrit Kśatri. Kautilya says that they had a a "Vratashāstropjivin" type old sangha or government. K P Jayaswal identifies them with the present Sindhi Khatris. Why not, also, with the Punjabi Khatris and Khatri Jats? It should be remembered that "Kśātra" was the first king of the Persians and the ancient "Hittites" of Turkey, were in fact known to the Egyptians as "Khattis", i.e. 'Khatris'.

क्षत्रिय गणराज्य

विजयेन्द्र कुमार माथुर[4] ने लेख किया है ...क्षत्रिय गणराज्य (AS, p.249) 300 ई. पू. के लगभग पंजाब (वाहीक) का एक गणराज्य था। इस गणराज्य का उल्लेख अलक्षेंद्र (सिकन्दर) के इतिहास लेखकों ने भी किया है। इस राज्य का नाम क्षत्रिय नामक जाति के यहाँ बसने के कारण हुआ था। मेक्क्रिंडल के अनुसार इस जाति का नाम 'क्षत्र' था। इसे 'मनुस्मृति' में हीन जाति माना गया है। ( इन्वेजन ऑव अलेक्ज़ेंडर, पृ. 156) इतिहासकार हेमचन्द्र राय चौधरी के मत में इस जाति का मूल स्थान चिनाव-रावी के संगम के पास रहा होगा। (पोलिटिकल हिस्ट्री ऑव ऐंशेंट इंडिया-पृ. 207) यूनानी लेखकों ने इस जाति के नाम का उच्चारण 'जथरोई' लिखा है। पाणिनि ने भी क्षत्रिय गणराज्य का उल्लेख किया है। महाभारत, भीष्मपर्व 51, 14 और 106, 8 में उल्लिखित 'वशाति' शायद इसी गण से संबद्ध थे।

External links

References