Kathariya
Kathariya (कठारिया) Katharia (कठारिया) is a gotra of Jats.[1][2]
Origin
The region from Muradabad to Badayun was known as Kathhar. These people are known as kathariya in Rajputs and Kathariya or Kataria in Jats. There is mention of rishi Kath in Kathopanishada. [3]
History
H.A. Rose writes on Gujar Organization that in Hazara the 2-1/2 'real' sections do not appear to be recognised, but it is generally conceded that the Katharia, Hakla and Sarju sections are of Rajput origin, though this origin is also claimed by several others. Tradition avers that the Katharias once ruled a large part of the Punch valley, whence the Dogras expelled them, though their chiefs still hold large jagirs in that fief of Kashmir. Naturally the Katharias only take wives from Gujars of Rajput descent and only give brides to men of their own section.[4]
कठ या कठारिया
दलीप सिंह अहलावत[5] के अनुसार कठ-कठारिया-कटारिया जाट लोगों का राज्य रावी तथा व्यास नदियों के मध्यवर्ती क्षेत्र पर था। इनकी राजधानी का नाम सांकल-सांगल था। सिकन्दर ने रावी नदी पार करके कठ लोगों पर आक्रमण कर दिया। इन लोगों ने सिकन्दर की सेना का बड़ी वीरता से मुकाबला किया। सिकन्दर को इनको जीतने के लिए बड़े पोरस से 5000 जाट सेना मंगानी पड़ी जिनके युद्ध में शामिल होने पर उसकी विजय हुई। इस युद्ध में 17,000 कठारिया जाट सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए तथा 70,000 के लगभग कैदी बना लिये गये। इन लोगों ने सिकन्दर से इतना अडिग लोहा लिया जिससे वह बड़ी कठिनाई से जीत प्राप्त कर सका। इसी कारण उसने क्रोधित होकर इनके सांकल के किले की नींव उखड़वा दी और सांकल नगर को सब प्रकार से उजड़वा दिया। कठ-कठारिया लोग हार तो गये किन्तु उनकी वीरता की गहरी छाप यूनानियों पर पड़ी। यूनानी लेखकों ने इनके विषय में लिखा है कि
- “इनमें स्वयंवर प्रथा से विवाह होते थे और सती प्रथा का भी चलन था। अदम्य साहसिकता और प्रचण्ड वीरता इनमें कूट-कूट कर भरी थी।” (जाटों का उत्कर्ष, पृ० 382-383, लेखक योगेन्द्रपाल शास्त्री; हिन्दुस्तान की तारीख उर्दू पृ० 161)।
Distribution
Katharia is a village in Hathras tahsil of Hathras district in Uttar Pradesh.
Notable persons
External links
References
- ↑ Dr Pema Ram:Rajasthan Ke Jaton Ka Itihas, p.296
- ↑ Jat History Dalip Singh Ahlawat/Parishisht-I, s.n.क-18
- ↑ Mahendra Singh Arya et al.: Ādhunik Jat Itihas, Agra 1998, p. 229
- ↑ A glossary of the Tribes and Castes of the Punjab and North-West Frontier Province By H.A. Rose Vol II/G, p.314-315
- ↑ जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठ-362
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