Keljhar
Author:Laxman Burdak, IFS (Retd.) |
Keljhar (केलझर) is a village in Rama Tehsil in Jhabua district, Madhya Pradesh.[1] Keljhar Mahadeva Shiva Temple is in Chittorgarh, Rajasthan.
Variants
- Kelajhara (केलझर) = Chakrapura (चक्रपुर)/Chakranagara (चक्रनगर) (म.प्र.) (AS, p.224)
- Chakrapura चक्रपुर दे, Keljhar (केलझर) (AS, p.325)
- Kelzar, Sailu, Vardha, Maharashtra.
Location
Keljhar is a small Village/hamlet in Rama Tehsil in Jhabua District of Madhya Pradesh, India. It comes under Keljhar Panchayath. It belongs to Indore Division . It is located 18 KM towards East from District head quarters Jhabua. 7 KM from Rama. 324 KM from State capital Bhopal. Keljhar Pin code is 457779 and postal head office is Meghnagar. Kalidevi ( 7 KM ) , Bhuradabara ( 7 KM ) , Kheda ( 7 KM ) , Paledi ( 8 KM ) , Dudhi (kheda) ( 9 KM ) are the nearby Villages to Keljhar. Keljhar is surrounded by Jhabua Tehsil towards west , Meghnagar Tehsil towards west , Petlawad Tehsil towards North , Sardarpur Tehsil towards East.[2]
Origin
Jat clans
History
Chakrapura was a town built by Chakramardikā. [3]
चक्रनगर
विजयेन्द्र कुमार माथुर[4] ने लेख किया है कि....1. चक्रनगर = केलझर: मध्य प्रदेश का ऐतिहासिक स्थान है। इसका प्राचीन नाम 'चक्रपुर' या 'चक्रनगर' है। इस स्थान पर एक प्राचीन दुर्ग है, जो अब खंडहर हो गया है। दुर्ग के भीतर नागपुर के भौंसला नरेश के इष्टदेव गणपति का मंदिर है। वापिका के निकट कई जैन मूर्तियाँ भी दिखलाई देती हैं, जो कला की दृष्टि से उत्कृष्ट नहीं हैं। एक दरवाज़े के अवशेष पर भी विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियाँ अंकित हैं। क स्तंभ पर तीर्थंकर महावीर का समवाशरण बहुत ही सुंदर ढंग से उत्कीर्ण है।
वर्धा में केलझर
ओमप्रकाश पवार के ब्लॉग[5] से पता लगता है कि वर्धा जिले में नागपुर - वर्धा हाई-वे पर सेलू तहसील में केलझर गांव स्थित है. यहां कई ऐतिहासिक वस्तुओं का खजाना है. यहां भगवान बुद्ध की सैंकड़ो वर्ष पुरानी मूर्ति भी दयनीय स्थिति में रखी हुई है जिसकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं है। स्थानीय लोगों के अनुसार यहां ऐसी ही एक बड़ी मूर्ति कुछ साल पहले चीन से आए कुछ लोग अपने साथ ले गए। यहां आज भी आसपास के क्षेत्रों में घर की नींव की खुदाई हो या कुएं की खुदाई में कुछ न कुछ इतिहास के साक्ष्य जरूर मिलते हैं। यहां इतिहास का खजाना है. यहां एक गणेश भगवान का ऐतिहासिक मंदिर भी है जहां कई श्रृद्धालु दर्शन के लिए आते हैं साथ ही यहां गणेश मंदिर के पास एक रहस्यमय बावली के अंदर गुफा का दरवाजा है जो कि विशेष मंत्रोच्चार के बाद खुलता है जहां से तीन रास्ते निकलते हैं जो कि एक पवनार (विनोबा भावे की ऐतिहासिक जगह), दूसरा बोरधरन और तीसरा अंन्यंत्र जगह पर जाता है। आज जरूरत है हमें ऐसे इतिहास को सहज कर रखने की जिसे हमारी आने वाली पीढ़ियां भी देख पाएं और इतिहास से कुछ सीख पाएं।
केलझरमहादेव
केलझरमहादेव मंदिर चित्तौड़गढ़ राजस्थान में है| प्राचीन शिव मंदिर में श्रावण मास में बड़ी संख्या में श्रद्वालु पहुंचते हैं। अच्छी बारिश के बाद केलझर महादेव पर्यटन स्थल पर एक और झरनेे के चालू होने अब वहां पर्यटक पहुंच बढ़ जाते हैं। [6]
Notable persons
External links
References
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.324-25
- ↑ http://www.onefivenine.com/india/villages/Jhabua/Rama/Keljhar
- ↑ Rajatarangini of Kalhana, Book IV (p.72)
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.325
- ↑ http://omprakashpawar.blogspot.com/2016/04/blog-post_14.html
- ↑ Dainik Bhaskar,24.7.2017
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