Khajan Singh Sangwan
Khajan Singh Sangwan (Hav) (15.03.1944 - 1988), Vir Chakra, was from Kheri Boora village in tahsil and district Charkhi Dadri of Haryana. He was awarded with Vir Chakra for his act of bravery in Indo-Pak War-1971. He retired from Army as Honourary Lieutenant.
खजान सिंह सांगवान का परिचय
हवलदार खजान सिंह सांगवान
15-03-1944 - 1988
यूनिट - 12 गार्ड्स (ब्रिगेड ऑफ द गार्डस)
ऑपरेशन कैक्टस लिली
भारत-पाक युद्ध 1971
हवलदार खजान सिंह का जन्म 15 मार्च 1944 को अविभाजित पंजाब (अब हरियाणा) के चरखी-दादरी जिले के खेड़ी बूरा गांव में चौधरी सुखलाल सांगवान एव श्रीमती मोहरली देवी के परिवार में हुआ था। अपनी प्रारंभिक शिक्षा के पश्चात वर्ष 1963 में वह भारतीय सेना की ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स रेजिमेंट में भर्ती हुए थे।
1971 के भारत-पाक युद्ध में हवलदार खजान सिंह जम्मू-कश्मीर के छंब सेक्टर में फोगला चोटी पर पैर जमाए सिख रेजिमेंट की एक बटालियन के समर्थन में तैनात की गई ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स की एक कंपनी के एक सेक्शन की कमान संभाल रहे थे।
6 दिसंबर 1971 को, दुश्मन ने इस स्थिति पर टैंको द्वारा समर्थित भारी संख्या से हमला किया। हवलदार सांगवान ने दुश्मन के टैंकों पर हमला किया और 600 मीटर की निकटता से एंटी टैंक मिसाइलों से दुश्मन के दो टैंकों को नष्ट कर दिया। उनके साहसिक और वीरतापूर्ण कार्य ने दुश्मन के हमले को खदेड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस कार्रवाई में हवलदार सांगवान ने उच्च कोटि के साहस और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया। वह मानद लेफ्टिनेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए। वर्ष 1988 में उनका निधन हुआ था।
लेफ्टिनेंट खजान सिंह सांगवान के शौर्य को भारत में युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा।
सम्मान
गैलरी
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1971 के युद्ध विजय की स्वर्ण जयंती के अवसर भारतीय सेना द्वारा निकाली गई, स्वर्णिम विजय यात्रा के अवसर पर हवलदार खजान सिंह की धर्मपत्नी श्रीमती संतरा देवी को स्वर्णिम विजय मशाल सौंपते सेना के अधिकारी।
स्रोत
बाहरी कड़ियाँ
संदर्भ
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