Khuma Ram Ghintala

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Khuma Ram Ghintala (खुमाराम घिन्टाला) was a a freedom fighter from Sujangarh tahsil of Churu district in Rajasthan.

जाट प्रजापति महायज्ञ सीकर सन 1934

जाट प्रजापति महायज्ञ सीकर सन 1934 ने किसानों में राजनैतिक चेतना का संचार किया। उस सम्मलेन में सुजानगढ़ तहसील से जिन किसानों ने भाग लिया उनमे आप भी मुख्य थे[1]

सीकर सम्मलेन जोशीले भाषणों से उत्तेजित होकर मोतीराम मूँढ ने सुजानगढ़ के करोडपति सेठ जेसराज कठोतिया के लम्पट पुत्र लालचंद कठोतिया को व्यभिचार में लिप्त रंगे हाथों पकड़कर शमशान भूमि में ही मार डाला। इस घटना से खुमा राम घिन्टाला व आशाराम बालायन तो पंजाब की तरफ भाग गए। खुमा राम घिन्टाला जब दो वर्ष बाद वापस लौटा तो साधू वेश में था। सीकर सम्मलेन में भाग लेने वाले आजादी के दीवाने शेखावाटी के गाँवों में चले गए और भूमिगत हो गए। भूमिगत रहते वे यदा कद ही घर आ पाते थे। इससे इनकी खेती उजड़ गयी और आर्थिक हालत ख़राब हो गयी। [2]

References

  1. भीमसिंह आर्य:जुल्म की कहानी किसान की जबानी (2006),p.35
  2. भीमसिंह आर्य:जुल्म की कहानी किसान की जबानी (2006),p.36

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