Kshemaka
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Kshemaka (क्षेमक) was a part or Varsha of Plakshadvipa. It was named named so after King Kshemaka son of Medhatithi. Kshemaka is also mentioned as a Nagavanshi King in Mahabharata.
Origin
Variants
History
Kshemaka was the epiperson in the Genelogy of Anangpal according to Torawati Family. Anagpal I is recorded at s.n. 47 of this family tree starting from Kshemaka.[1][2]
क्षेमक
विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ...क्षेमक (AS, p.251) विष्णुपुराण 2,4,5 के अनुसार प्लक्षद्वीप का एक भाग या वर्ष जो इस द्वीप के राजा मेधातिथि के पुत्र के नाम पर क्षेमक कहलाता था.
क्षेमक महाभारत के अनुसार युधिष्ठिर की सभा का एक राजा था। महाभारत युद्ध के बाद युधिष्ठिर राजा बने थे, युधिष्ठिर से लगभग 30 पीढ़ियों तक यह राजवंश चला था। क्षेमक इस वंश के अन्तिम सम्राट हुए, जो मलेच्छों के साथ युद्ध करते हुए मारे गये, उसके बाद पांडव वंश समाप्त हो गया।[4]
जाट इतिहास
ठाकुर देशराज[5] ने लिखा है... आर्यों का कौन-सा समूह कहां बसा? इस प्रश्न को हल करने के लिए पुराणोक्त इतिहास हमें बहुत सहायता देता है। पृथ्वी को पुराणों ने सात द्वीपों में विभाजित किया है और प्रत्येक द्वीप को सात वर्षों (देशों) में।3 यह बटवारा स्वयम्भू मनु के पुत्र प्रियव्रत ने अपने पुत्रों में किया है। प्रियव्रत के दस पुत्र थे4 जिनमें से तीन तपस्वी हो गये। सात को उन्होंने कुल पृथ्वी बांट दी। प्रत्येक के बट में जो हिस्सा आया, वह द्वीप कहलाया। आगे चलकर इन सात पुत्रों के जो सन्तानें हुई उनके बटवारे में जो भूमि-भाग आया, वह वर्ष या आवर्त (देश) कहलाया। निम्न विवरण से यह बात भली भांति समझ में आ जाती है -
द्वीप - 1. जम्बू, 2. शाल्मली, 3. कुश, 4. क्रौंच, 5. शाक, 6. पुष्कर, 7. प्लखण ।
- 3. पुष्कर द्वीप दो देशों (वर्षों) में ही विभाजित है और जम्मू द्वीप 9 वर्षों में
- 4. दस पुत्र दूसरी रानी के भी थे
जाट इतिहास:ठाकुर देशराज,पृष्ठान्त-3
अधिकारी - 1. अग्निध्र, 2. वपुष्मान, 3. ज्योतिष्मान, 4. द्युतिमान, 5. भव्य, 6. सवन, 7. मेधातिथि।
In Mahabharata
List of Mahabharata people and places includes Kshemaka (क्षेमक) (I.31.11).
Adi Parva, Mahabharata/Book I Chapter 31 mentions the names of Chief Nagas. Kshemaka (क्षेमक) is mentioned in Mahabharata (I.31.11).[6]
External links
References
- ↑ विष्णुपुराण 2,4,5
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.251
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.251
- ↑ भारतकोश-क्षेमक (एक राजा)
- ↑ Jat History Thakur Deshraj/Chapter I,p.3-4
- ↑ नागः शङ्खनकश चैव तथा च सफण्डकॊ ऽपरः, क्षेमकश च महानागॊ नागः पिण्डारकस तथा (I.31.11)