Kumara Shakadvipa

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Kumara (कुमार) was the part or Varsha of Shakadvipa known so in the name Kumara son of Bhavya.

Origin

Variants

History

कुमार

विजयेन्द्र कुमार माथुर[1] ने लेख किया है ... कुमार (AS, p.203) : विष्णु पुराण के अनुसार शाकद्वीप का एक भाग या वर्ष जो इस द्वीप के राजा भव्य के पुत्र के नाम पर कुमार कहलाता है।

जाट इतिहास

ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है... आर्यों का कौन-सा समूह कहां बसा? इस प्रश्न को हल करने के लिए पुराणोक्त इतिहास हमें बहुत सहायता देता है। पृथ्वी को पुराणों ने सात द्वीपों में विभाजित किया है और प्रत्येक द्वीप को सात वर्षों (देशों) में।3 यह बटवारा स्वायम्भू मनु के पुत्र प्रियव्रत ने अपने पुत्रों में किया है। प्रियव्रत के दस पुत्र थे4 जिनमें से तीन तपस्वी हो गये। सात को उन्होंने कुल पृथ्वी बांट दी। प्रत्येक के बट में जो हिस्सा आया, वह द्वीप कहलाया। आगे चलकर इन सात पुत्रों के जो सन्तानें हुई उनके बटवारे में जो भूमि-भाग आया, वह वर्ष या आवर्त (देश) कहलाया। निम्न विवरण से यह बात भली भांति समझ में आ जाती है -

द्वीप - 1. जम्बू, 2. शाल्मली, 3. कुश, 4. क्रौंच, 5. शाक, 6. पुष्कर, 7. प्लखण


3. पुष्कर द्वीप दो देशों (वर्षों) में ही विभाजित है और जम्मू द्वीप 9 वर्षों में
4. दस पुत्र दूसरी रानी के भी थे


जाट इतिहास:ठाकुर देशराज,पृष्ठान्त-3


अधिकारी - 1. अग्निध्र, 2. वपुष्मान, 3. ज्योतिष्मान, 4. द्युतिमान, 5. भव्य, 6. सवन, 7. मेधातिथि


कुश द्वीप जयोतिष्मान को मिला था। आज इस भू-भाग को किस नाम से पुकारें तथा यह कहां पर था, यह पता पुराणों के वर्णन में कुछ भी नहीं मिलता है। इसमें एक मन्दराचल पहाड़ का वर्णन है। कल्पना से यह वही पहाड़ हो सकता है जिसे सूर्यास्त का पहाड़ कहा करते हैं। तब तो इस द्वीप का भू-भाग अमेरिका के सन्निकट रहा होगा।

External links

References