Magna Ram Karwasra
मंगनाराम कड़वासरा (1951-1971) (Magna Ram Karwasra) का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले की बायतू तहसील के सिसोदिया पाना गाँव में 15 अगस्त 1951 को पनाराम कड़वासरा और लाभू देवी के घर हुआ. आपकी माता सोइंतारा (शेरगढ़-जोधपुर) की सियाग गोत्री जाटनी थी.
शिक्षा
उस समय शिक्षा के प्रति जागरूकता कम होने के बावजूद मंगनाराम कड़वासरा ने 1965 में गाँव में ही 5 वीं परीक्षा पास की. राजकीय माध्यमिक विद्यालय भाणियाणा (जैसलमेर) से 1970 में जीव-विज्ञान विषय में दसवीं कक्षा प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की.
भारतीय थल सेना में
मंगनाराम कड़वासरा का चयन भारतीय थल सेना में 1970 में 4 जाट रेजिमेंट में हुआ. उनकी शादी बचपन में परेऊ निवासी आसूराम सियोल की पुत्री भिखिदेवी से हो गयी थी. जाट रेजिमेंट सेंटर बरेली से 6 माह का प्रशिक्षण प्राप्त कर घर लोटे तो आपका मुकलावा (गौना) किया गया. आप मात्र 5 दिन पत्नी के साथ रहकर जनवरी 1971 में एक माह की छुट्टी काट कर वापस गए तो फिर लौटे ही नहीं. आपको उस समय पंजाब के फाजिल्का सेक्टर में तौनत किया गया.
शहीद हुए
3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया. पंजाब के फाजिल्का सेक्टर में वीरता की मिसाल कायम करते हुए दुश्मन के सैनिकों को पछाड़ते हुए 14 दिसंबर 1971 को शहीद हुए. आपने युद्ध में दुश्मन के सामने भारतीय जवानों की वीरता का एक उदहारण पेश किया. युद्ध के जारी रहने से उनका पार्थिव शरीर गाँव नहीं लाया जा सका. युद्ध क्षेत्र में ही अंतिम संस्कार किया गया.
सन्दर्भ
- जोगाराम सारण: बाड़मेर के जाट गौरव, खेमा बाबा प्रकाशन, गरल (बाड़मेर), 2009 , पृ. 108-109
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