Maharaja Hirendra Singh

महाराज हीरेन्द्रसिंह फरीदकोट के राजा वराड़ वंशी जाट सिख थे। जाट इतिहास:ठाकुर देशराज से इनका इतिहास नीचे दिया जा रहा है।
महाराज हीरेन्द्रसिंह
महाराज व्रजेन्द्रसिंह जी के स्वर्गवास के पश्चात् उनके पुत्र श्री हीरेन्द्रसिंह जी गद्दी पर बिठाये गये। उस समय आपकी अवस्था केवल तीन बरस की थी। आपका जन्म 28 जनवरी सन् 1915 ई० को हुआ था। राज्य का प्रबन्ध कौंसिल-आफ एडमिनिस्ट्रेशन के सुपुर्द था। दस वर्ष की अवस्था में अपने छोटे भाई कुंवर मनजीतइन्द्रसिंह के समेत चीफ कालेज में भर्ती हो गए। सन् 1932 ई० में महाराजा साहब ने डिप्लोमा की परीक्षा बड़ी सफलता से उत्तीर्ण कर ली। अंग्रेजी मजमून में सर्वश्रेष्ठ रहने के कारण आपको गाडले मैडिल मिला। इतिहास और
जाट इतिहास:ठाकुर देशराज, पृष्ठान्त-474
भूगोल के निबन्ध में आप प्रथम रहे। आप नरेन्द्र-मण्डल के मेम्बर भी थे। भरतपुर की स्वर्गीय माजी साहिबा राजेन्द्र कुमारी के आप भतीजे थे।
References
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