Maharshi Dayanand Balika Vigyan PG College Jhunjhunu

From Jatland Wiki
Author:Mukanda Ram Nehra, Principal (R)

Maharshi Dayanand Balika Vigyan PG College Jhunjhunu
Maharshi Dayanand Balika Vigyan PG College Jhunjhunu

Maharshi Dayanand Balika Vigyan PG College Jhunjhunu is an Educational Institute to provide Science education to economically poor rural Girls. It is located on Mandawa Road near the Nehra Pahad in Jhunjhunu, Rajasthan. It was founded on 07 September 2003. The Institution is run on No Profit No Loss basis. Girls from all districts of Rajasthan as well as from Delhi, Haryana and Himachal Pradesh come to this Institute to get quality Science education. Dr Ghasi Ram Varma has played a key role for the establishment and expansion of the Institution.

महर्षि दयानंद बालिका विज्ञान पीजी कॉलेज झुंझुनू

स्थिति - झुंझुनूं शहर के नेहरा पहाड़ की तलहटी पर स्थित मंडावा मोड़ पर यह महाविद्यालय कलेक्ट्रेट, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन के सन्निकट‌ स्थित है। महर्षि दयानंद महिला शिक्षण संस्थान समिति झुंझुनू द्वारा संचालित महर्षि दयानंद बालिका विज्ञान पीजी महाविद्यालय की स्थापना 2003- 2004 में महिला शिक्षा को बढ़ावा देने एवं आधुनिक समय में विज्ञान युग के सपनों को साकार करने के लिए इस संस्था का‌ शिलान्यास श्रीमती कुशल सिंह (IAS), श्री कुंजीलाल मीणा जिला कलेक्टर झुंझुनू, डॉक्टर घासीराम जी वर्मा (संरक्षक) एवं श्री रामनारायण जी केडिया अध्यक्ष के सानिध्य में महाविद्यालय का 07 सितंबर 2003 को उद्घाटन किया गया।

वर्ष 2003 में महाविद्यालय में कुल 36 छात्राओं के प्रवेश के साथ शुरुआत होकर वर्तमान में 1450 छात्राओं के प्रवेश तक पहुंच गया है। यह महाविद्यालय नारी शिक्षा की दयनीय हालत एवं आर्थिक दृष्टि से कमजोर छात्राओं के लिए (No Profit No Loss) के सिद्धांत से शुरू हुआ था तथा इसी सिद्धांत के पद चिन्हों पर वर्तमान में चल रहा है।

प्राचार्य डॉक्टर रामस्वरूप जाखड़ महाविद्यालय के स्थापना वर्ष 2003 से ईमानदारी, कर्मठता एवं नारी शिक्षा उत्थान के लिए अनवरत सेवा दे रहे हैं। 2003 से लगातार अच्छा परिणाम एवं प्रतिवर्ष गोल्ड मेडल प्राप्त कर क्षेत्र का सुविख्यात विज्ञान महाविद्यालय है। संस्था के अच्छे प्रबंधन के कारण राजस्थान के सभी जिलों के अलावा हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश की छात्राएं पढ़ने आती हैं जिसका श्रेय संरक्षक डॉक्टर घासीराम जी वर्मा संस्था के कुशल प्रशासक एवं अनुशासन एवं महाविद्यालय की पूरी टीम को जाता है।

महाविद्यालय का भौतिक स्वरूप

डा.घासीराम वर्मा प्रवेश द्वार

महाविद्यालय का परिसर 10 बीघा 3 बिस्वा परिक्षेत्र में स्थित है। महाविद्यालय भौतिक रूप में तीन क्षेत्रों में बंटा हुआ है- 1-मुख्य भवन 2- छात्रावास परिसर 3- खेल मैदान

1. मुख्य भवन- इसमें कुल 50 बड़े कमरे हैं। जिसमें प्रशासनिक भवन यथा (प्राचार्य कक्ष, कार्यालय, स्टाफ रूम) कक्षा कक्ष, परीक्षा कक्ष, प्रयोगशालाएं तथा भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान,जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, कंप्यूटर लैब आदि व खेल कक्ष, वाचनालय, Common Room, पुस्तकालय भवन (18620 पुस्तकें), सेमिनार कक्ष , प्रसाधन की सुविधाऐं तथा इस परिसर के आगे शानदार बगीचा तथा कॉरिडोर है।

2. छात्रावास परिसर - इस परिसर में तीन प्रमुख हॉस्टल हैं। जिसमें एक छात्रावास जो इस महाविद्यालय की स्थापना से पूर्व का, 11 सितंबर 1984 से है, जो महर्षि दयानंद महिला शिक्षण संस्थान समिति द्वारा पहले से ही संचालित है। इसके अंतर्गत U.G.& P.G.छात्राओं के लिए पृथक-पृथक आवासीय व्यवस्था है। इस परिसर में इसके मुख्य भामाशाह श्री दुर्गा प्रसाद जी केडिया की आदमकद मूर्ति लगी है। शिक्षाविद व भामाशाह डॉक्टर घासीराम जी वर्मा संरक्षक के नाम से डा.घासीराम वर्मा प्रवेश द्वार है। इस परिसर में शानदार बगीचा, एक भोजनशाला, तथा छात्रावास अधीक्षक का क्वार्टर है। छात्रावास में आवासीय क्षमता 645 है।

3. खेल के मैदान - महाविद्यालय के पीछे खेल का मैदान है जिसमें वॉलीबॉल, बैडमिंटन, टी.टी., योग, जिमनास्टिक, बास्केटबॉल, कबड्डी, खो-खो व धावन पथ की सुविधा है।

महाविद्यालय के शैक्षणिक विकास का इतिहास

  • महाविद्यालय के प्रारंभ वर्ष 2003 में स्नातक विज्ञान संकाय की कक्षाओं का अध्यापन प्रारंभ किया गया। जिसमें विज्ञान संकाय में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, जैव प्रोद्योगिकी विषयों का अध्यापन सम्मिलित है।
  • अधिस्नातक कक्षाओं का प्रारंभ सत्र 2014 से इस विज्ञान महाविद्यालय में प्रारंभ किया गया। जिसमें भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान , प्राणी शास्त्र, वनस्पति शास्त्र व गणित विषयों का अध्यापन अनवरत जारी है।

महाविद्यालय के भामाशाह और प्रेरणास्रोत

डॉ. डॉक्टर घासीराम जी वर्मा
डॉ. रामस्वरूप जाखड़

महर्षि दयानंद बालिका विज्ञान पीजी महाविद्यालय की शुरुआत दानदाताओं व भामाशाहों के योगदान से हुआ। इसमें केडिया परिवार व डॉक्टर घासीराम जी वर्मा का विशेष योगदान रहा अन्य भामाशाहों ने अपने गाढ़ी कमाई से कमरों का व अन्य सुविधाओं में अनवरत योगदान देते रहे हैं।

डॉ. डॉक्टर घासीराम जी वर्मा का योगदान - डॉक्टर घासीराम जी वर्मा ने बालिका शिक्षा में शिक्षण कार्य, आर्थिक सहायता व छात्रवृत्ति के रूप में जीवन पर्यन्त सहयोग करते रहे हैं। यह सदैव महिला शिक्षा पर जोर देते हैं इनकी वर्तमान में आयु लगभग 97 वर्ष हो चुकी है। अपनी पेंशन के लाखों रुपए‌ प्रतिवर्ष बालिका शिक्षा पर खर्च करते रहे हैं। राजस्थान का कोई भी छात्रावास शायद ही होगा जहां तक घासीराम का लाखों का सहयोग नहीं पहुंचा हो। अब तक लगभग बालिका शिक्षा पर 12 करोड रुपए खर्च कर चुके हैं। इनकी खास बात यह है कि वे किसी की कोई व्यक्तिगत मदद नहीं करते हैं बल्कि बालिका शिक्षा के लिए राशि खर्च करते हैं। इन्होंने अपनी कमाई का अधिकांश हिस्सा बालिका शिक्षा पर खर्च किया है। सिर्फ अपने खर्चे के लिए कुछ रुपए बचा कर रखते हैं। इसलिए इनको करोड़पति फकीर कहा जाता है जब भी वे अमेरिका से भारत में आए हैं - इस बालिका महाविद्यालय की स्थापना होने के बाद से अपने भारत प्रवास के दौरान विभिन्न कक्षाओं में गणित विषय का अध्यापन सदैव करवाते रहे हैं। डॉ. घासीराम जी वर्मा की जीवनी पढकर सभी विद्यार्थी शिक्षा के लिए प्रेरित होते हैं। डॉ. घासीराम जी वर्मा के बारे में विस्तार से यहाँ पढ़ें - डॉ. घासीराम वर्मा

यह महाविद्यालय डॉ. घासीराम जी वर्मा की सोच (Vision) का दूरगामी परिणाम है। आज यह राजस्थान के बालिका शिक्षा के सिरमौर महाविद्यालय में इसकी गिनती होने लगी है। जिसमें भामाशाहों का दान व डॉ. रामस्वरूप जाखड़ प्राचार्य का कुशल नेतृत्व व उनकी टीम भावना के कारण शिक्षा व संस्कार निर्माण की बुलंदियों को छू रहा है। प्राचार्य डॉक्टर रामस्वरूप जाखड़ महाविद्यालय के स्थापना वर्ष 2003 से ईमानदारी, कर्मठता एवं नारी शिक्षा उत्थान के लिए अनवरत सेवा दे रहे हैं। डॉ. रामस्वरूप जाखड़ मूलत: चुरू जिले के नेशल छोटी गाँव के रहने वाले हैं और वर्तमान में A-76, Ram Nagar, Jhunjhunu-333001 में निवासरत हैं।

चित्र गैलरी

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

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