Malashi Ranwa

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गौ रक्षा के लिए बलिदान

रणवा के उदगम गांव सामी खेड़ा में रणवा जाट जसराज के बेटे थे मलेसी रणवा

मेव गायें चुरा कर ले गए, मलेसी रणवा मेवों से गायें तो छुड़वा ली पर बड़ोदा गांव के पास लड़ते हुए ज़ख्मी हो गए, मलेसी रणवा घोड़े पर सवार सामी गांव के तालाब के पास देह त्याग दी और घोड़े से गिर गए, जहां पर मलेसी की देवली आज भी मौजूद है।

मलेसी ने गौ रक्षा की खातिर बलिदान दे दिया

मलेसी रणवा ने 5 सोमवार चैत्र सुदी संवत विक्रमी संवत 1485 (1428 AD) को बलिदान दिया, mentioned in (The book Arabic, Persian and Urdu Inscriptions of West India by Dr. Ziyaud-Din Abdul-Hayy Desai provides a comprehensive list of more than 2,000 inscriptions from West Indian states. This book mentions about the Inscription of Sami at At S.No. 254.[6])

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