Maliyawas

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Maliyawas (मालियावास) (also spelt as Maliawas) is a village in Matanhail tahsil of Jhajjar district in Haryana. It is a small village, separated from Birohar . It is 4km from Sasroli Chowk.

Jat Gotras

(दैनिक भास्कर दिनांक 20 दिसम्बर 2016)

झज्जर के झामरी गांव की पंचायत ने कुंवारों की बढ़ती संख्या को रोकने और अपने बच्चों की शादियों में रुकावट बन रहे गौत्र मसले को देखते हुए एक खाप से अलग होकर दूसरी खाप में जाने के फैसले पर मुहर लगा दी है। आजादी के बाद ऐसा पहली बार होगा कि झामरी गांव जिन 5 गांव में अभी तक भाईचारे की बंदिश के चलते रिश्ते नहीं कर पा रही थी, वहां अब बैंड-बाजा-बारात का नजारा देखने को मिलेगा।

बता दें कि करीब 3 हजार की आबादी में सिमटा गहलावत गोत्र का गांव झामरी आजादी से पहले ही 12 बिरोहड़ खाप में शामिल था। रविवार (19 दिसंबर 2016) को झामरी गांव की पंचायत ने 12 बिरोहड़ खाप से नाता तोड़कर अपने को गहलावत बहू पचगामा में शामिल होने का ऐलान कर दिया। अब सोमवार को इस फैसले पर गांव के मौजिज लोगों की मुहर लगाने के लिए झामरी गांव में सेवानिवृत्त सूबेदार इंद्रसिंह की अध्यक्षता में पंचायत हुई। इस दौरान चर्चा में यह बात प्रमुख रूप से सामने आई कि झामरी गांव समान गोत्र न होने पर भी इन गोत्रों में बच्चों की शादी महज खाप में शामिल होने की बंदिश के चलते नहीं कर पा रहा था। ऐसे में असमान गौत्र वाले गांव भी भाईचारे का प्रतीक बने हुए थे। इस बीच झामरी समेत अन्य गांवों के युवाओं की शादियां कराने में गांव के लोगों को परेशानी आ रही थी। जिन पांच गांवों में शादियां हो सकती थी, वहां चाहकर भी रिश्ते नहीं हो पा रहे थे। अब झामरी गांव की पंचायत गहलावत बहू पचगामा में शामिल होने के बाद अपने युवाओं की शादियां बिना किसी विवाद के कर सकेंगे।

इन गांवों में हो सकेंगी शादियां - 12 बिरोहड़ गांव में शामिल बिरोहड़ (सहरावत), कालियावास (बूरा), मालियावास (सहरावत), खाचरौली (पवार) और रूढियावास (चाहर) गांवों में झामरी के लोग अब अपने बच्चों की शादियां कर सकेंगे। इसके अलावा ढलानवास (ढलान) व सासरौली (ग्रेवाल) में भी शादी हो सकती थी, लेकिन ये दोनों गांव झामरी की सीमा से सटे हैं, लिहाजा यहां शादी करने में पाबंदी रहेगी।

  • हमारे बच्चों की शादियां नहीं हो पा रही थी। इसका एक प्रमुख कारण गौत्र विवाद भी रहा। अब सभी की रायशुमारी के बाद हमारा गांव 12 बिरोहड़ से अलग हुआ है। इसके बाद इस खाप के 5 गांवों में शादियां कर सकेंगे। उस खाप से अलग होकर हमें लाभ हुआ है।
-रोहताश, सरपंच झामरी
  • झामरी वासियों को शादियों में रुकावट आ रही थी। उन्हें अपने बच्चों के रिश्ते के लिए दूर-दराज के इलाकों में जाना पड़ता था। झामरी गांव हमसे अलग हुआ है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।
-राममेहर, प्रधान, 12 बिरोहड़ खाप


History

गाँव मलियावास के पूर्वज साथ लगते गाँव बिरोहॅड से आए थे| इस गाँव मे सर्वप्रथम मलिया नाम का व्यक्ति आकर बसा था इसलिए इस गाँव का नाम मलियावास पड़ा| वह अपने परिवार सहित करीब 300 साल पहले आकार बसे थे| मालिया की अगली पीडी मे रूप चन्द हुए| करीब 200 साल पहले दादा लालू पुत्र श्री साहब राम ने पुर गाँव मे पीपल, बॅड, व नींम के पेड़ लगवाए व पूरे जीवन उनकी देखभाल की| अंतिम समय मे उन्होने गाँव वालो के बीच स्थित नींम के पेड़ को ना काटने की बात कही| उनकी मृत्यु उपरांत गाँव वालो ने उस नींम के वृक्ष के साथ अनेक नाम से मडी (पूजा स्थल) बना दिया| हर अमावस को लोग यहा पर परसाद चडाते है और मन्नत माँगते है गाँव वालो की आस्था है की ऐसा करने पर उनकी मनोकामना पूरी होती है |गाँव मे एक अन्य व्यक्ति कूरड़ा राम सामाजिक व्यक्ति हुए जिन्होने नोगामा से मालियावास कच्चे रास्ते पर अपने खेत मे कुआँ खुदवाया ताकि यात्रियो को पीने का पानी मिल सके तथा बॅड व पीपल के वृक्ष लगवाए ताकि यात्री उनकी छाया मे आराम कर सके|

Population

(Data as per Census-2011 figures)

Total Population Male Population Female Population
899 470 429

Notable persons

External links

Maliyawas

References


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