Manoj Duhan
Manoj Singh Duhan (born:16.12.1982) is social worker and unionist thinker from village Jasiya, Rohtak, Haryana.
जीवन परिचय
आपका जन्मदिन 16 दिसंबर 1982 को हरियाणा में रोहतक जिले के जसिया गांव में दूहन गोती जाट परिवार में हुआ । आपने 12वीं की शिक्षा "हिंदू शिक्षा समिति" (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के स्कूल 'शिक्षा भारती' से प्राप्त की जिसके कारण आप बाल्यावस्था में ही संघ के संपर्क में आ गए तथा कई वर्षों तक संघ के कर्मठ कार्यकर्ता बने रहे । लेकिन उम्र बढ़ने के साथ-साथ संघ के जातिवादी, फासिस्ट, सांप्रदायिक चरित्र में आपका दम घुटने लगा और आपने संघ को अलविदा कह दिया । संघ के समानान्तर आप आर्य समाज में भी रहे । इसके बाद आपने विदेशी कंपनियों के खिलाफ संघर्षरत गांधीवादी संगठन "आजादी बचाओ आंदोलन" में जिला संयोजक का दायित्व संभाला तथा आंदोलन के तत्त्वाधान में 29 जनवरी 2003 को बनी 1200 किलोमीटर की मानव श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । शृंखला में आप के कारण सीधे तौर पर 56000 युवा व किसान शामिल हुए, जिससे सभी ने आपकी संगठन क्षमता का लोहा माना । पश्चात इस आंदोलन को भी आपने वैचारिक मतभेद (मनभेद नहीं) होने के कारण छोड़ दिया । आपका मानना है कि भारत में ब्राह्मणवाद व जातिवाद को खत्म किए बिना, विदेशी कंपनियों तथा साम्राज्यवाद के खिलाफ कोई भी क्रांतिकारी आंदोलन सफल नहीं हो सकता ।
आप अच्छे संगठन संचालक होने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के वक्ता भी हैं । आपने जनवरी 2004 में वर्धा (महाराष्ट्र) में अंतर्विश्वविद्यालय भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल कर अपनी यूनिवर्सिटी (महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय) का 20 साल पुराना रिकॉर्ड तोडा तथा एक स्थापित वक्ता के रूप में पहचान मनाई । आप वाम और दक्षिण सभी विचारधाराओं का अध्यन कर चुके हैं तथा सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र के किसी भी मुद्दे पर मौलिक विचार देने की क्षमता रखते हैं । आप जाट-दलित एकता के हिमायती तथा "जाट-दलित मोर्चा" के संस्थापक है । "जाट-दलित एकता का घोषणा पत्र" आपकी पहली पुस्तक है । आप पेशे से एडवोकेट हैं ।[1]
समाजहित में दुहन ने अपना बेटा खोया
जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर जेल में बन्द मनोज दुहन के लिए अपने छोटे बेटे निकुंज दूहन की मौत की खबर अन्दर तक हिला देने वाली थी । जेल में रहते आप अपने बेटे का सही इलाज नहीं करा पाये इस कारण से 5 अप्रैल 2017 वार बुधवार रात को आपके पाँच वर्षीय बेटे की ब्रेन ट्यूमर से मौत हो गई । पेशी पर आए मनोज दूहन ने कोर्ट में अर्जी देकर बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल होने की गुहार लगाई जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया । पुलिस कस्टडी में वकील मनोज दूहन अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल हुए । बार प्रधान दीपक कुंडू के अलावा काफी संख्या में वकीलों ने अंतिम संस्कार में शामिल होकर दूहन को ढांढस बंधाया ।
आपके विचार
आपका मानना है कि भारत में ब्राह्मणवाद व जातिवाद को खत्म किए बिना, विदेशी कंपनियों तथा साम्राज्यवाद के खिलाफ कोई भी क्रांतिकारी आंदोलन सफल नहीं हो सकता । ब्राह्मणवाद ही गरीबी, भुखमरी, आतंकवाद, नक्सलवाद, क्षेत्रवाद, जातिवाद धार्मिक कट्टरता की जननी है । जब तक इस देश में ब्राह्मणवाद है, अमन व चेन कायम होने की सम्भावना कम ही है ।
Manoj Duhan Adopted Sikhism
According to media reports, Manon Duhan adopted Sikhism in August 2021. Youtube link - https://www.youtube.com/watch?v=UYddnsuwrIs
लेखक के रूप में
- जाट-दलित एकता का घोषणा पत्र
External links
- मनोज सिंह दुहन: एक जाट की जेल से सिख बनने की A टू Z कहानी (यू-ट्यूब पर वीडियो)
- Rohtak DeQoded रोहतक दंगों की गुनहगार हरियाणा सरकार - Quint Hindi
- एक बुजुर्ग जाट के सर छोटूराम व मुसलमानों पर विचार
Gallery
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जाट-दलित एकता का घोषणा पत्र,पृ.71
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जाट-दलित एकता का घोषणा पत्र,पृ.72
References
- ↑ जाट-दलित एकता का घोषणा पत्र, p.78
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