Nandi Gram

From Jatland Wiki
(Redirected from Nandigrama)
Jump to navigation Jump to search
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Faizabad District Map

Nandi Gram (नंदिग्राम) is a Village in Masodha Block in Faizabad, now Ayodhya District of Uttar Pradesh State, India. It belongs to Faizabad Division .

Variants

  • Nandigrama (नंदिग्राम) (जिला फैजाबाद, उ.प्र.) (AS, p.471)
  • Nandi Gram (नंदिग्राम)

Location

It is located 16 KM towards South from District head quarters Faizabad. 7 KM from Masodha. 141 KM from State capital Lucknow. Dost Pur (1 KM ), Pipri (1 KM) , Naipura (2 KM) , Raithuwa (2 KM) , Rajapur Mafi (2 KM) are the nearby Villages to Nandi Gram. Nandi Gram is surrounded by Bikapur Block towards South , Pura Bazar Block towards East , Faizabad Block towards North , Hariyangatanganj Block towards west. Faizabad , Rudauli , Sultanpur , Tanda are the near by Cities to Nandi Gram. [1]


History

Nandi Gram is known for the holy Bharat kund located 15 kms from Faizabad. This is believed to be the site where Bharata, the brother of Lord Rama did tapasya (deep meditation) for his return from exile and ruled the kingdom of Kosala on Lord Rama’s behalf. It is presently a peaceful and serene place to spend some moments in tranquillity and practice meditation away from the chaos. People also come here to perform the shraddh ceremony (prayers for departed ones) and also take a dip in the Kund. It also facilitates guesthouses with basic amenities.[2]

नंदिग्राम

विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ...नंदिग्राम (AS, p.471) फ़ैजाबाद ज़िला, उत्तर प्रदेश में अयोध्या के निकट स्थित एक छोटा-सा ग्राम था, जहाँ चित्रकूट से लौटने पर राजा दशरथ के पुत्र भरत ने अपना तपोवन बनाया था- 'रथस्थ: तु धर्मात्मा भरतो भ्रातृत्वन्मल: नंदिग्राम ययौ तूर्ण शिरस्यादायपादुके' वाल्मीकि रामायण, अयोकाण्ड 115, 12. नंदिग्राम में रहते हुए भरत श्रीराम की पादुकाओं की पूजा करते हुए चौदह वर्ष तक अयोध्या का शासन भार वहन करते रहे। इस अवधि में वह वनवासी राम की भांति ही वैराग्यरत रहे और कभी अयोध्या नगरी नहीं गए। रघुवंश 12, 18 में कालिदास ने नंदिग्राम का इस प्रकार उल्लेख किया है-

[p.472]: 'स विसृष्टस्तथेत्युक्त्वा भ्रात्रा नैवाविशत् पुरीम्, नंदिग्रामगतस्तस्य राज्यं न्यासमिवाभुनक' अर्थात् श्रीराम की आज्ञा को मानकर भरत ने उनसे विदा ली, किन्तु अयोध्यापुरी में प्रवेश न करते हुए उन्होंने नंदिग्राम में अपना निवास बनाया और वहाँ से राज्य को धरोहर के समान समझते हुए उसका संचालन किया।

'अध्यात्म रामायण' के अनुसार उदारबुद्धि भरत सब पुरवासियों को अयोध्या में बसा कर स्वयं नंदिग्राम चले गए। 'पौरजानपदान्सर्वानयोध्यामुदारधी: स्थापियत्वा यथान्याय नंदिग्राम ययौस्वयम्' अयोध्याकांड 9, 70-71.

तुलसीदास ने 'रामचरितमानस', अयोध्याकांड में नंदिग्राम का इस प्रकार उल्लेख किया है- 'नंदिग्राम करि पर्णाकुटीरा कीन्ह निवास धर्मधुरधीरा'। वनवास काल की समाप्ति पर अयोध्या लौटते समय राम ने हनुमान द्वारा अपने लौटने का संदेश भरत के पास नंदिग्राम में भिजवाया था- 'आससाद द्रुमान्फुल्लान् नंदिग्राम समीपगान्, सुराधिपस्योपवने तथा चैत्ररेथे द्रुमान्। स्त्रीभि: सपुत्रै: पौत्रैश्च रममाणै: स्वलंकृतै, क्रोशमात्रे त्वयोध्यायाश्चीरकृष्णाजिनाम्बरम्' वाल्मीकि रामायण, युद्धकाण्ड 125, 28-29.

इससे यह भी ज्ञात होता है कि नंदिग्राम अयोध्या से एक कोस की दूरी पर स्थित था। इस वर्णन से यह भी सूचित होता है कि भरत के निवास के कारण नंदिग्राम की शोभा बहुत बढ़ गई थी।

External links

References