Nimbaram Dudi

Nimbaram Dudi (Sepoy) became martyr of militancy on 05.07.2001 in Kupwara district of Jammu and Kashmir. He was from Salwa Kalla village in Jodhpur district and tahsil of Rajasthan. Unit - 8 Grenadiers.
सामान्य परिचय
नाम - निँबाराम डुडी
जन्म स्थान - सालवां कंला
शहीद दिवस - 5 जुलाई 2001
सैन्य इकाई- 8 गरनेडियर सैन्य
सम्मान - सेना मैडल
परिचय
निँबाराम डुडी का जन्म सालवा कला की पवित्र धरा पर हुआ। इन्होंने 12 वी पास उच्च माध्यमिक विधालय साँलवा कंला से की तथा जल्दी ही भारतीय सेना मे भर्ती हो गये । इनको सैन्य प्रशिक्षण के लिये गरनेडियर सेँटर भेजा गया । जहाँ इन्होंने सफलतापूर्वक सैन्य प्रशिक्षण पूरा किया । ये अपनी पहली सैन्य तेँनाती के लिये 8 गरनेडियर गये, जो उस समय कुपवाड़ा, जम्मू कश्मीर मे थी ।
शहीदी घटना
निँबाराम डुडी अपनी इकाई मे सामान्य ड्यूटी कर रहे थे । 4-5 जुलाई 2001 को इकाई मे आतंकवादियों की हरकत होने की गुप्त खुफिया सूचना मिली । तत्काल ही ब्लैक फौरेसट जो की कुपवाड़ा के नारीकुट मे है को घेराबंदी का आदेश मिला । निँबाराम डुडी ने अभियान मे अपनी बेहतर भूमिका निभाई । अभियान के दौरान एक दूरसंचार संचालक जख्मी हो गया, निँबाराम डुडी ने ना केवल उस दूरसंचार संचालक को बचाया, बल्कि 5 विदेशी आतंकवादी जो अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे को अपने हथियार तथा हैडगरनेड का प्रयोग कर मार गिराया तथा दुश्मन दल को भारी क्षति पहुँचाई । अन्तत: 5 जुलाई 2001 को इन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिये सर्वोच्च बलिदान दिया ।
सम्मान
उनको इस बहादुरी के लिये भारत सरकार ने वीरता पुरस्कार सेना मैडल से सम्मानित किया । यह सम्मान शहीद की माता श्रीमती पेमी देवी ने पंजाब के जालंधर मे एक सैन्य समारोह मे ग्रहण किया । उन्होंने हमें देशभक्ति का एक पाठ पढ़ाया । उनकी इस जँवाला को आज सैकड़ों युवा भारतीय रक्षा सेवाओं मे शामिल होकर जारी रख रहे है ।
ग्रेनेडियर निम्बा राम डूडी
ग्रेनेडियर निम्बा राम डूडी
सेना मेडल (मरणोपरांत)
यूनिट - 8 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट
ऑपरेशन रक्षक 2001
ग्रेनेडियर निम्बा राम डूडी का जन्म राजस्थान के जोधपुर शहर के निकट सालवा कंला गांव में, श्री गोवर्धन राम डूडी के घर में हुआ था। माध्यमिक तक शिक्षा प्राप्त करके वह भारतीय सेना की ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में ग्रेनेडियर के पद पर भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 8 ग्रेनेडियर्स बटालियन में नियुक्त किया गया था। उस समय 8 ग्रेनेडियर्स बटालियन जम्मू कश्मीर के कारगिल में तैनात थी। ग्रेनेडियर निम्बाराम को क्विक रेस्पॉन्स टीम (QRT) में लिया गया। उन्होंने अनेक आतंकवाद विरोधी अभियानों में भाग लिया था।
4 जुलाई 1999 को, गोपनीय सूत्रों से बटालियन को अपने दायित्व के क्षेत्र (AOR) में कुछ कट्टर विदेशी आतंकवादियों के होने की विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई । उन आतंकवादियों को निष्क्रिय करने के लिए त्वरित एक घेरा और खोज अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। सिपाही निम्बाराम भी इस खोजी टुकड़ी के सदस्य थे।
4/5 जुलाई 2001 की मध्यरात्रि में, इस खोजी टुकड़ी का आतंकवादियों से सामना हुआ। दोनों और से हुई भारी गोलीबारी से वहां भीषण मुठभेड़ आरंभ हो गई। ग्रेनेडियर निम्बा राम ने एक सुरक्षित स्थान पर मोर्चा ले लिया तथा आतंकवादियों पर हथगोलों और स्वचालित हथियारों से प्रभावी फायर किए। इस मुठभेड़ में पांच कट्टर विदेशी आतंकवादी मारे गए। इस बीच, इस टुकड़ी के रेडियो ऑपरेटर को पैर में गोली लग गई। अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा पर ध्यान नहीं देते हुए ग्रेनेडियर निम्बा राम उसे बचाने के लिए दौड़ पड़े। दुर्भाग्य से रेडियो ऑपरेटर तक पहुंचने में उन्हें गर्दन और सिर में गोलियां लगीं। वह गंभीर रूप से घायल हुए और वीरगति को प्राप्त हुए। परंतु वे घायल रेडियो ऑपरेटर का जीवन बचा गए।
ग्रेनेडियर निम्बा राम को उनके अदम्य साहस, दृढ़ निश्चय सौहार्द की भावना एवं सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत 'सेना मेडल' से सम्मानित किया गया।
ग्रेनेडियर निम्बा राम के बलिदान को भारत में, युगों युगों तक स्मरण किया जाएगा।
स्रोत - रमेश शर्मा
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शहीद निम्बाराम डूडी
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References
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