Pavaiya
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Pavaiya (पवैया) is a historical place in Pakistan located on banks of Chenab River. Along with Syalkot it was an important centre of Huna Kingdom of Toramana and Mihirakula .[1]
Origin
Variants
History
इतिहासकार बी. एस. दहिया लिखते[2] हैं, ““सिंध राज्य के चार प्रान्तों अथवा खण्ड़ों में से प्रथम की राजधानी पबिया थी। जब जयद्रथ तथा दस्सल सिंध पर शासन करते थे तो इसे मेड़ की राजधानी समझा जाता था। मुहम्मद बिन कासिम ने अपना शिविर पबिया63 के पास स्थापित किया। इस काल से पूर्व यह जौहल सम्राट तोरमान की राजधानी था। यह विदित था कि स्यालकोट मिहिरकुल् की राजधानी थी किन्तु इतिहासकार तोरमान की राजधानी के विषय में अनभिज्ञ थे। हमें केवल उद्योतन सूरी नाम के जैन लेखक की कुवलयमाला नामक रचना से, जो कि 777-78 ई. में संकलित की गई {से} तोरमान की राजधानी के विषय में ज्ञात होता है। इस राजधानी को जो चनाब नदी के किनारे स्थित थी पब्बैया कहा जाता है। यह पब्बैया अथवा पबिया चीनी यात्री ह्यून-त्सांग द्वारा वर्णित पेपतो (Pepato) नगर है। उपेन्द्र ठाकुर जिन्होंने जैन रचना को उद्धृत किया है, उल्लेख करते हैं कि "पंजाब के किसी निश्चित स्थान से सादृश्यता बैठा सकें ऐसा अभी भी सम्भव नहीं है। सम्भवतः यह कहीं शाकल के आस-पास ही स्थित था।"64””
- 63. HIOH, Vol. I, pp. 366, 138, 140.
- 64. U. Thakur, The Hunas in India, pp. 109-110.
पवैया
विजयेन्द्र कुमार माथुर[3] ने लेख किया है ...पवैया (AS, p.536), पाकिस्तान. छठी सदी ई. में हूण नरेश तोरमाण तथा उसके पुत्र मिहिरकुल के राज्य का एक नगर जो चिनाब नदी के तट पर बसा था और हूणों की शक्ति का, शाकल या स्यालकोट के साथ ही, प्रसिद्ध केंद्र था. (देखें जनरल ऑफ बंगाल अँड उड़ीसा रिसर्च सोसायटी, मार्च 1928, पृ.33)
External links
References
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.536
- ↑ जाट प्राचीन शासक, (1982) बी. एस. दहिया पृष्ठ-227.
- ↑ Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.536