Pabu Ram Githala

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Paburam Githala

Paburam Githala or Shri Paburam Ji Githala son of Shri Gordhan Ram Githala belongs to Bhiya Khurd village in Makrana Tehsil of Nagaur district in Rajasthan. He is an Industrialist, Businessman and great donor.

Brief Introduction

He is an Industrialist and Businessman who deals in Marble, Granite and Ceramics.

He is involved in charitable works like welfare of widows, destitute and arranging marriages for weaker section girls and also spread of education. He has been awarded by many organisations for his philanthropy.

Contact details

  • 01463- 250339, 512901, 251900
  • Mob: +919314823888, +251-944488888
  • Email- tejamarble@gmail.com;

Children

  • Pradeep Choudhary
  • Kailash Choudhary
  • Taniya Choudhary


Address

Kishangarh:

Teja Marble Industries,

Opp. Hotel Ramrana palace,

Tunkra Road, Industrial area,

Madanganj - Kishangarh

Dist - Ajmer , Rajasthan

Tel No. +91 9928844144, +91 9829071439

Madurai:

Teja Granite and Marble,

97/4A, Thavaranglam, Village - Kalimanglam,

Post- Sivagangai, Main Road, MADURAI - 625020,

Tamilnadu

Tel No. +91 9928844144, +91 9314823888


परिचय

नाम- श्री पाबूरामजी चौधरी (गिटाला) ।

पिताजी का नाम-चौधरी गोरधनराम जी गिटाला ।

गांव - भीया खुर्द, तह. मकराना, नागौर (राज.) ।

उम्र- 46 वर्ष ।

शिक्षा - स्नातक ।

व्यवसाय- तेजा मार्बल, ग्रेनाइट, व सिरेमिक उत्पाद ।

सफल व्यवसायी

यह तो आपका परिचय हुआ । मगर आपकी पहचान बस इतनी ही नहीं है । आपके कार्यों, मेहनत, लगन, संघर्ष पर अगर लिखा जाये तो शायद मुझे पूरी एक किताब लिखनी पड़ जाये । क्योंकि बहुत कम लोग ही ऐसे होते है जो निकलते तो झौंपङी से है मगर जीवन की कठिनाईयों को मुट्ठी में बंद कर सफलता की नई इबारत गढ देते है । फिर भी सादगी इतनी की अपना जीवन खुद के लिए कम और समाज तथा गरीबों के लिए ज्यादा समर्पित.. इसी ध्येय का दूसरा नाम है पाबूराम गिटाला.. माता-पिता अनपढ थे । 8वी के पश्चात अकाल राहत कार्यों में मजदूरी कर करके दक्षिण भारत गये और स्नातक पूर्ण की । मगर जन्मभूमि का मोह फिर नागौर खींच लाया । उस समय मार्बल मंडी किशनगढ के लिए यही कहा जाता था कि यहां केवल बणिये ही सेठगिरी करते है और जाट मजदूर रहते है । यह बात दिमाग में बिठा ली की जाट कौन है और क्या कर सकता है । अपनी मोटरसाइकिल 18000 में बेचकर सेठों की छाती पे गौदाम लगा लिया । धमकियां मिली, लठेतों से सामना हुआ मगर जाट जो ठहरा!! डटा रहा सीना ताने और देखते ही देखते सब पस्त हो गये । बणीयो का घमंड पैरों तले रौंद दिया । अपनी मेहनत व लगन से किशनगढ मार्बल एशो. के कौषाध्यक्ष बने। ना कभी खाया ना किसी को खाने दिया । मुसीबतें अब भी काफी थी । अपने ही समाज के लोग नीचा दिखाने में जुट गये मगर ये भी शिवभक्त ठहरे । झुकना नहीं सीखा था । एक एक कर सभी मुसीबतें टल गयी । आज इनका प्रतिष्ठान वीर तेजा मार्बल व सिरेमिक्स समस्त भारत देश के अलावा विश्व के दर्जन भर देशों में अपना माल सप्लाई करता है । जिसकी एक शाखा मदुरई (तमिलनाडु) में है । जो 15 एकङ के दायरे में फैली है । यहां से सऊदी, यूरोप और UAE में सप्लाई किया जाता है । एकमात्र यही प्रतिष्ठान है जहां 80% प्रतिशत से ज्यादा जाट कर्मचारी है । चंद हजार रूपयों से शुरू किया गया ये व्यवसाय आज करोड़ों की आमदनी दे रहे है । आज चौधरी जी 30 लाख से उपर सालाना भारत सरकार को केवल टेक्स के चुकाते है । हाल ही में आपने साऊथ अफ्रिका महाद्वीप के ईथोपिया देश में अपना मार्बल व्यवसाय स्थापित किया है। वहां हजारों एकड़ जमीन खरीद आप मार्बल निकालने का कार्य करेगे। जाट समाज के लिए यह एक महान उपलब्धि है कि हमारी जाति का कोई इंसान इस मुकाम पर है। हाल ही में जिम्बाबवे देश मे सोने की खदान लेने की प्रक्रिया में प्रयासरत है। अगर ऐसा हो जाता है तो ऐसा कारनामा करने वाले विश्व के पहले जाट होंगे।

एक नजर दानवीरता पर

  1. महिला शिक्षा पर इनकी सोच काफी मुखर है । सम्पूर्ण राज. मुख्यत: मारवाड क्षेत्र में आपने बालिका छात्रावासों के लिए काफी धन दिया है तथा कक्ष बनवाये है । जिसका एक उदाहरण वीर तेजा महिला शिक्षण एवं शोध संस्थान, तेजास्थली, मारवाड़ मूँडवा, (नागौर) है । जहां 800 से ज्यादा हर तबके की बालिकाएँ अपना भविष्य निर्माण कर रही है । जिसमें आपकी तरह सैंकड़ों भामाशाओं द्वारा अनवरत सहयोग दिया जा रहा है ।
  2. सैंकडो निर्धन महिलाओं को जीवनयापन तथा कामकाज के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सीलाई मशीनें भेंट कर चुके हैं ।
  3. अनेकों गौशालाओं के लिए प्रतिवर्ष लाखों का चंदा देते हैं ।
  4. जगह-जगह चिकित्सा कैंप लगाकर गरिबों को दवा वितरण, रक्तदान आदि करवाते है । साथ ही साथ गरीब किसानों का ईलाज महंगे अस्पतालों में अपने खर्चे पर करवाते हैं ।
  5. आपने राजस्थान व तमिलनाडु में हर जाती व हर तबके के लोगों के होने वाले सामूहिक विवाह समारोह में बढ-चढ कर योगदान दिया है तथा स्वंय आयोजन भी करवाये हैं ।
  6. 15 अगस्त व 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर ग्रामीण विधालयों में मिठाई, प्रतिभाशाली विधार्थियों को नगद पुरूष्कार तथा विधालयों में उचित सामग्री जैसे- पंखे, फर्नीचर भेंट करना ।
  7. जाट समाज द्वारा प्रकाशित होने वाली पत्र पत्रिकाओं को विज्ञापन के बहाने हजारों रूपये आर्थिक सहयोग में देना ।
  8. समस्त मार्बल एशो. को साथ लेकर 21 करोड़ की लागत का मार्बल सीटी हॉस्पिटल बनवाया जो non profit पर चलता है तथा 12 करोड़ का ऑडीटोरियम निर्माण ।
  9. तेजा फाऊंडेशन के संरक्षक होने के साथ साथ आपने जयपुर में अपना मकान कोचिंग सुविधा हेतू मुफ्त में प्रदान किया है।
  10. इसके अलावा अजमेर शहर के मध्य अपनी 5 करोड़ कीमत की 2 बिघा जमीन को तेजा फाउंडेशन ट्रस्ट के लिए हाल में दान दी है। ताकी गरीब जाट परिवारों के बच्चे मुफ्त में यहां सीविल सेवा की तैयारी कर सके।

2 बिघा जमीन तेजा फाउंडेशन ट्रस्ट को दान

तेजा फाऊंडेशन ट्रस्ट डीड

तेजा ग्रूप्स के चैयरमेन, दानवीर पाबूराम जी चौधरी ने अपनी दो बीघा जमीन जो कि मदसवि,अजमेर के नजदीक लगभग 4-5 करोड़ कीमत की जमीन को विधिवत रूप से 'तेजा फाऊंडेशन ट्रस्ट' को दान कर दी है। रजिस्ट्री का काम पूरा कर दिया गया है। अजमेर जिले के जागरूक जाट बुद्धिजीवियों, समाजसेविकों की मदद से जल्द ही भवन निर्माण का कार्य शुरू करवा दिया जायेगा। जो भी समाजसेवक अपनी तरफ से सहयोग करना चाहे तो 51000/- की राशी ट्रस्ट में लगाकर सदस्य बन सकता है। 500 सदस्य पूरे होने पर चुनाव के माध्यम से अध्यक्ष पद पर एक योग्य व्यक्ति को कमान दी जायेगी। पाबूराम चौधरी जी ने अपनी तरफ से समाज को एक अनमोल माध्यम दे दिया। अब समाज इस माध्यम को किस प्रकार उपयोग में लेगा यह समाज को सोचना है। अगर यह सपना हकीकत में बदल गया तो जिस प्रकार आज जयपुर में समाज के 60-70 युवा भविष्य के आरएएस बनने को अग्रसर हैं उसी भांति अजमेर व आस पास के जिलों के गरीब व मध्यम जाट परिवारों के होनहार हीरे जो महंगी फीस देने में असमर्थ हैं, वे यहां फ्री में अध्ययन कर समाज को गौरवान्वित करेंगे।

पाबूराम जी चौधरी व समस्त न्यासगणों आदरणीया अनिता चौधरी, आदरणीया इंदरा जी लांबा, श्रीमति रचना मान जी, राजेश जी चौधरी, जयशंकर जी चौधरी, महिपाल जी चौधरी, भैरूराम जी चौधरी को बहुत-बहुत बधाई व आभार।

स्रोत: दिनेश चौधरी लुनियावास डेगाना नागौर राजस्थान

पुरस्कार व सम्मान

  • जाट, ब्राह्मण, माली आदि समाजों द्वारा सामूहिक विवाह सम्पन्न करवाने के लिए कई बार सम्मानित ।
  • राज. व तमिलनाडु में दानवीरता पुरस्कार से सम्मानित ।
  • अनाथ आश्रयों, वृद्ध शालाओं व विधालयों में कमरे निर्माण करवाने पर सैंकड़ों बार सम्मानित ।
  • लायंस क्लब द्वारा समाजसेवा में सम्मानित ।
  • भारत विकास परिषद् द्वारा दानवीरता पुरस्कार ।
  • कई समाजों द्वारा इन्हे जन विकास पत्रिका चलाने पर सम्मानित ।
  • अप्रैल 2011 में राष्ट्रीय एकता, अखंडता, व जनसेवा सम्मान ।
  • जाट बंधू द्वारा 2011 में प्रतिभा प्रशस्ती सम्मान ।
  • 15 मार्च 2009 को सामाजिक सेवा का सामाजिक पुरस्कार ।

वर्तमान पद

- मार्बल एसोसिएशन किशनगढ के संरक्षक तथा वीर तेजा महिला शिक्षण व शोध संस्थान, तेजास्थली मारवाड मूंडवा (नागौर) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष है । (इस संस्थान के अध्यक्ष श्रीमान सी.आर.चौधरी साहब के नागौर सांसद निर्वाचित होने के कारण अध्यक्ष पद आपको दिया जा सकता है ।)

-वर्तमान में जाट युवाओं का ज्यादा से ज्यादा सरकारी सेवाओं में चयन करवाने के उद्देश्य के तहत गठित संस्था 'तेजा फाउंडेशन' के आप संस्थापक व संरक्षक पद पर सुसोभित है।

मेरे पास दानवीर पाबूराम चौधरी जी की जन्म से लेकर अब तक की पूरी कहानी मौजूद है। कहते है ना कि "कोशिश करने वालों की हार नहीं होती ।" इस बात का जीता- जागता उदाहरण पाबूरामजी जैसे समाजसेवी है । एक साधारण व गरीब किसान के घर से जिंदगी का सफर शुरू कर इस मुकाम पर पहुंचकर बेशक इन्होंने अपनी योग्यता व मेहनत का लौहा मनवा लिया । इनके जीवन का एक ही मूलमंत्र है कि - " ना झुको और ना झुकाओ । " समस्त जाट समाज को चौधरी साहब पर नाज है । तेजाबाबा आपका घर-बार धन धान्य से भरा रखे ताकि आप इसी तरह समाज व गरीबों की नि:स्वार्थ सेवा कर सके ।

एक बार फिर आपके कार्यों को सलाम ।

साऊथ अफ्रिका में बढते कदम

वर्ष 2018 में आपने साऊथ अफ्रिका महाद्वीप के इथोपिया देश में मार्बल माईंस हेतू जमीन खरीद देश के सफलतम मार्बल व्यवसायी के रूप में अपना नाम दर्ज करवाया। उसके बाद युगांडा में भी आपने तेजा ग्रूप्स के नाम को शिखर पर पहुंचामे का कार्य किया।

तेजा फाऊंडेशन जयपुर के कर्णधार

वर्ष 2017 में जाट समाज के गरीब ग्रामीण बच्चों को सीवील सर्विसेज की तैयारी करवाने हेतू इस फाऊंडेशन का गठन किया गया। शुरूआती दौर की तमाम कठिमाईयों को आपने अपने ऊपर ले इस फाऊंडेशन को खडा करने में अपना अमूल्य योगदान दिया। आज भी आप इस फाऊंडेशन को किसी न किसी रूप में आर्थिक मजबूत दे जाट समाज के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाने मे अपना असीम योगदान दे रहे हैं।

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लेखक

Balveer Ghintala Tejabhakt


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