Pinku Kumar Dangi

From Jatland Wiki
Jump to navigation Jump to search
Pinku Kumar Dangi

Pinku Kumar Dangi (Havaldar) (1983 - 27.03.2021), Shaurya Chakra (posthumous), became martyr on 27.03.2021 during Operation Rakshak in Shopian district of Jammu and Kashmir, fighting with militants. He was from Luhari Baraut village in Baraut tehsil in Bagpat district in Uttar Pradesh. Unit: 6 Jat Regiment/34 Rashtriya Rifles.

हवलदार पिंकू कुमार डांगी

हवलदार पिंकू कुमार डांगी

1983 - 27-03-2021

शौर्य चक्र (मरणोपरांत)

वीरांगना - श्रीमती कविता देवी

यूनिट - 6 जाट रेजिमेंट/34 राष्ट्रीय राइफल्स

ऑपरेशन रक्षक 2021

हवलदार पिंकू कुमार का जन्म वर्ष 1983 में, उत्तरप्रदेश के बागपत जिले की बड़ौत तहसील के लुहारी गांव में श्री जबर सिंह डांगी एवं श्रीमती कमलेश देवी के परिवार में हुआ था। शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात 13 सितंबर 2001 को मेरठ से वह भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 6 जाट बटालियन में सिपाही के पद पर नियुक्त किया गया था।

वर्ष 2005 में उनका विवाह मुजफ्फरनगर जिले के सोरम गोयला गांव की सुश्री कविता से हुआ था। अपनी मूल बटालियन में 20 वर्षों तक भिन्न-भिन्न स्थानों और परिचालन परिस्थितियों में सेवाएं देते हुए वर्ष 2021 तक वह हवलदार के पद पर पदोन्नत हो चुके थे। उसी वर्ष उन्हें जम्मू -कश्मीर के आतंकवाद विरोधी अभियानों में 34 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ प्रतिनियुक्त किया गया था।

जुलाई 2021 में 34 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन को जम्मू-कश्मीर के सोपियां जिले में नियंत्रण रेखा पर तैनात किया गया था। बटालियन के AOR (Area of Responsibility ) में अनेक उग्रवादी सक्रिय थे, अतः बटालियन के सैनिकों को सदैव उच्च स्तरीय सतर्कता और तैयारी रखनी होती थी तथा सूचना पर त्वरित ऑपरेशन चलाना होता था।

27 मार्च 2021 को, गोपनीय सूत्रों से शोपियां जिले के वनगाम क्षेत्र में किंचित दुर्दांत आतंकवादियो की उपस्थिति से संबंधित विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई। सूचना के आधार पर, सुरक्षा बलों ने संदिग्ध क्षेत्र में CORDON & SEARCH ऑपरेशन चलाने का निर्णय किया। हवलदार पिंकू कुमार भी उस घातक टुकड़ी के सदस्य थे जिसे यह ऑपरेशन चलाने का कार्य सौंपा गया था।

योजना के अनुसार सांय 7:00 बजे हवलदार पिंकू कुमार और उनके साथियों ने संदिग्ध क्षेत्र में पहुंचकर ऑपरेशन आरंभ किया। ऑपरेशन में हवलदार पिंकू कुमार भीतरी घेरे में सम्मिलित थे। हवलदार पिंकू कुमार और उनका साथी सिपाही सुशील राठी आतंकवादियों के भागने के सर्वाधिक संभावित मार्ग पर तैनात थे।

रात्रि के लगभग 8:15 बजे दो आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग करते हुए और हथगोले फेंकते हुए लक्षित घर से गली की ओर भाग निकलने का प्रयास किया। हवलदार पिंकू कुमार ने त्वरित निर्णय लेते हुए अपनी स्थिति को युक्तिपूर्वक परिवर्तित किया और सटीक फायर से आतंकवादियों को घेर लिया। भयानक कार्रवाई में उन्होंने एक दुर्दांत आतंकवादी को मार गिराया।

इस मध्य दूसरा आतंकवादी चक्कर लगा कर एक घर की भीत के पीछे छिप गया और वहां आड़ लेकर अंधाधुंध गोलियां चलाने लगा। हवलदार पिंकू कुमार ने स्वयं के जीवन पर गंभीर संकट के उपरांत भी, उस आतंकवादी से अति निकट से संघर्ष किया। प्रत्युत्तर की फायरिंग में हवलदार पिंकू कुमार ने उस आतंकवादी को भी घायल कर दिया। किंतु इस भयानक प्रक्रिया में उनके सिर में गोली लग गई। वह गंभीर रूप से घायल हो गए और अंततः वीरगति को प्राप्त हुए।

अंततः दूसरा आतंकवादी भी मारा गया। उनके द्वारा मारे गए प्रथम आतंकवादी की पहचान हिजबुल मुजाहिदीन के कट्टर आतंकवादी इनायतुल्लाह शेख के रूप में हुई।

हवलदार पिंकू कुमार को उनकी प्रशंसनीय वीरता, कर्तव्य के प्रति समर्पण, सौहार्द एवं सर्वोच्च बलिदान के लिए 26 जनवरी 2022 को मरणोपरांत "शौर्य चक्र" से सम्मानित किया गया।

हवलदार पिंकू कुमार के बलिदान के समय उनके परिवार में पिता जबर सिंह, माता कमलेश देवी, भाई मनोज के अतिरिक्त वीरांगना श्रीमती कविता देवी, 10 वर्षीय पुत्री शैली, 8 वर्षीय पुत्री अंजलि और 8 माह का पुत्र अर्णव थे।

शहीद को सम्मान

हवलदार पिंकू कुमार को उनकी प्रशंसनीय वीरता, कर्तव्य के प्रति समर्पण, सौहार्द एवं सर्वोच्च बलिदान के लिए 26 जनवरी 2022 को मरणोपरांत "शौर्य चक्र" से सम्मानित किया गया।

स्रोत

चित्र गैलरी

External links

References


Back to The Martyrs