Purakha Ram Chaudhary
पुरखाराम चौधरी (b.? - 1993) (Purakha Ram Chaudhary) का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिले की बायतू तहसील के लापुन्दरा गाँव में पूनमाराम लेघा के घर हुआ. आपने स्थानीय स्तर पर ब्रह्मण के पास अक्षर ज्ञान की शिक्षा प्राप्त की.
आजाद हिंद फ़ौज में भर्ती
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के 'दिल्ली चलो' नारे से प्रभावित होकर आजाद हिंद फ़ौज में भर्ती हो गए और अंग्रेजों को देश से बाहर खदेड़ने का प्राण लिया. द्वितीय विश्व युद्ध में मित्र राष्ट्रों के खिलाफ जर्मनी के मोर्चे पर लड़े. बादमें बर्मा मोर्चे पर भी लड़े. जर्मनी की हार के कारण आपको बंदी बना लिया. 6 साल तक मित्र राष्ट्रों के बंदीगृह में कैद रहे. 1947 में भारत के आजाद होने पर रिहा किये गए.
स्वतंत्रता सेनानी घोषित
भारत की आजादी के लिए ब्रिटेन के खिलाफ युद्ध लड़कर आपने राष्ट्र प्रेम का परिचय दिया. सन 1992 में राजस्थान सरकार ने आपको स्वतंत्रता सेनानी घोषित कर ताम्रपत्र प्रदान किया. साथ ही रामजी का गोल (धोरीमन्ना) में केसरिया कँवर पेट्रोल पंप आवंटित किया. आप बाड़मेर जिले के एक मात्र जाट हैं जिन्हें सरकार की तरफ से स्वतंत्रता सेनानी घोषित कर ताम्रपत्र दिया गया है.
स्वर्गवास
29 जून 1993 को आपका स्वर्गवास हुआ.
सन्दर्भ
- जोगाराम सारण: बाड़मेर के जाट गौरव, खेमा बाबा प्रकाशन, गरल (बाड़मेर), 2009 , पृ. 171
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