Rajendra Singh Karwasra
Rajendra Singh Karwasra (Col) (Shaurya Chakra) died of heart attack while performing duties in Leh. He was from Dhandhariya village in Chirawa tahsil in Jhunjhunu district of Rajasthan. Unit:16 Medium Regiment/41 Rashtriya Rifles.
कर्नल राजेन्द्र सिंह कड़वासरा
कर्नल राजेन्द्र सिंह कड़वासरा
वीरांगना - श्रीमती ममता देवी
यूनिट - 16 मीडियम रेजिमेंट/41 राष्ट्रीय राइफल्स
कर्नल राजेन्द्र सिंह कड़वासरा का जन्म राजस्थान के झुंझुनूं जिले के पिलानी ब्लॉक के ढंढारिया गांव में कैप्टन नौरंगलाल कड़वासरा के घर में हुआ था। वर्ष 1999 में उन्हें भारतीय सेना की रेजिमेंट ऑफ आर्टिलरी की 16 मीडियम रेजिमेंट में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन प्राप्त हुआ था। वर्ष 2004 में वह कैप्टन के पद पर पदोन्नत हो गए थे और जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में 41 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों में संलग्न थे।
12 जून 2004 को कैप्टन कड़वासरा एक SEARCH & DESTROY ऑपरेशन में 6 सदस्यों के एक खोजी दल का नेतृत्व कर रहे थे। सांय के 5:20 बजे उनके दल ने पांच आतंकवादियों के समूह को आते हुए देखा। अनुकरणीय सूझबूझ का परिचय देते हुए खोजी दल ने उचित अवसर आते ही गोलीबारी आरंभ कर दी। दोनों ओर से हुई भयानक गोलीबारी में आतंकवादियों की गोलियों से एक सिपाही के घायल हो जाने पर भी कैप्टन कड़वासरा ने विचलित नहीं होते हुए अपने दल के अन्य सदस्यों को उस सिपाही के प्राथमिक उपचार के निर्देश दिए और उन्होंने स्वयं आतंकवादियों पर आक्रमण कर दिया।
भीषण गोलीबारी में उन्होंने दो आतंकवादियों को मार गिराया। एक अन्य आतंकवादी द्वारा अति निकट से गोलीबारी करने पर उन्होंने अपने एक साथी को कवरिंग फायर के लिए पुन: तैनात कर तृतीय आतंकवादी को मारने के लिए आक्रमण किया। समय पर इस साहसिक कार्रवाई के फलस्वरूप सैनिकों को हताहत होने से बचाया जा सका। चार आतंकवादियों को मारा जा सका। जिसमें तीन आतंकवादियों को कैप्टन कड़वासरा ने ही मारा था। इस प्रकार कैप्टन कड़वासरा ने आतंकवादियों से युद्ध करते हुए निकट के संघर्ष में असाधारण वीरता और अदम्य साहस का प्रदर्शन किया। उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।
अपनी बटालियन में भिन्न-भिन्न स्थानों और परिचालन परिस्थितियों में सेवाएं देते हुए और क्रमशः पदोन्नत होते हुए वह कर्नल के पद पर पदोन्नत हो गाए थे। दिसंबर, 2021 से वे लेह में तैनात थे। 6 मार्च 2023 को प्रातः लगभग 10.30 बजे उनकी ऑफिसर कॉन्फ्रेंस चल रही थी। कॉन्फ्रेंस में ही उन्हें हृदयाघात हो गया। इसके पश्चात उन्हें लेह के सेना चिकित्सालय ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। 7 मार्च 2023 को होली के त्योहार के दिन उनका पार्थिव शरीर ढंढारिया गांव पहुंचा। विशाल जनसमूह की उपस्थिति में पूर्ण सैन्य व राजकीय सम्मान से गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
कर्नल राजेंद्र सिंह पिछले कुछ वर्षों से सपरिवार पिलानी कस्बे में राजगढ़ रोड पर वार्ड नंबर 20 में रह रहे थे। उनके परिवार में पत्नी श्रीमती ममता देवी तथा 2 पुत्र अक्षत (14 वर्ष) व पूर्व (12 वर्ष) हैं।
शहीद को सम्मान
चित्र गैलरी
स्रोत
External links
संदर्भ
Back to The Martyrs