Rana Ram Godara

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Rana Ram Godara

Rana Ram Godara was an educationist from Gumane Ka Tala was born on 10.06.1950 in the family of Kana Ram Godara in village Netrar of Chohtan tahsil in Barmer district of Rajasthan.

चौधरी राणाराम गोदारा की जीवनी

गुमाने का तला गांव के, शिक्षाप्रेमी गरीबो के साथी चौधरी राणाराम गोदारा का जन्म चोहटन के पास नेतराड़ गांव के साधारण किसान परिवार मे कानाराम गोदारा के घर 10 जून 1950 को हुआ

आपने अपने जीवन की शुरुआत बड़े कठीन संघर्ष मे की आपने गाड़ी के ड्राइवर से शुरूआत की तब चौहटन ईलाके में नाममात्र की गाडीया और ड्राइवर थे।

उसके बाद आप परिवार सहित बार्डर पर स्थित गुमाने का तला गाव में बस गए जहां उस समय पानी की भंयकर समस्या थी| आपने 1978 में वहा कुए का निर्माण करवाया जिसे वहां आस पास के गांव के बासिंदो और पशुपालकों को पानी की समस्या से निजात दिलाया।

आपके दीनबंधु चौधरी छोटूराम और किसान केसरी बलदेवराम मिर्धा आदर्श थे। उसके बाद इस कर्मयोगी के मन में विचार आया कि यहा के किसान और गरिब,दलीत परिवार के बच्चे शिक्षा से वंचित है तो उन्होंने यहा स्कूल खुलवाने का संकल्प लिया।

उस जमाने में इस इलाके में सांमती लोगो का आंतक था वो किसान,और गरीब परिवारों पर अत्याचार करते थे राणाराम गोदारा ने आस पास के लोगों को जागरूक किया और उन सांमतो का कड़ा मुकाबला किया। कई बार सांमती लोगो ने हमला किया पर वो अपने लक्ष्य पर अडिग रहे।

उन्होंने अपने घनिष्ठ मित्र और सहयोगी चौहटन के पुर्व विधायक सीमांत गांधी अब्दुल हादी से मिलकर यहा प्राथमिक विद्यालय स्वीकृत करवाया।

चौधरी राणाराम ने अपने खेत मे 12 बिघा जमीन कटवाकर निर्माण कार्य शुरू किया। परंतू सा़ंमती लोगो ने स्कुल निर्माण में अनेक बाधाए डाली पंरतु उनका कड़ा मुकाबला करते हुए उस जमाने में 40 हजार रुपये स्वयं की जेब के खर्च कर एक भवन का निर्माण करवाया।

आप केवल साक्षर थे परंतु हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू भाषा के अच्छे जानकार थे। कई बार इस इलाके की समस्याएं लेकर जिला स्तर के अधिकारीयों से मिलते तो आपका साधारण धोती कुर्ता का पहनावा और दिखने मे एक गरीब किसान और जब बात करते तो बड़े बडे़ अधिकारी हक्के बक्के रह जाते।

उसके बाद आपने अपने सहयोगि (सीमात प्रहरी) चतरोमल खंभु, पुर्व जिला परिषद सदस्य पुजाराम कागा के साथ मिलकर यंहा कई पाक विस्थापित गरीब परिवार को भुमि आवंटन करवाना सहित कई जनकल्याणकारी कार्य किए।

आपके जीवन का मुख्य उद्देश्य हमेशा सत्य की राह, ईमानदारी, और न्याय के मार्ग पर चले , अन्याय करने वाले का हमेशा विरोध किया चाहे वो कितना ही बड़ा आदमी हो।


आपने अपने जीवन में हमेशा गरीब बच्चों को शिक्षा के जोड़ने का प्रयास किया।

भारत-पाकिस्तान युद्ध मेंआप की भूमिका_भारत-पाक युद्ध में आपने लाहौर तक युद्ध के दौरान आपने भारतिय सेना के लिए जरुरी सामान और राशन पानी की व्यवस्था की।

स्वर्गवास

आपका 2005 मे स्वर्गवास हो गया शत शत नमन

संदर्भ


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