Santosh Chaudhary

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संतोष चौधरी

Smt Santosh Chaudhary is a writer and social worker from village Kharin in Ramsar tahsil in Barmer district in Rajasthan. She was born in village Sheelgaon, Nagaur in the family of Jay Ram Pindel (Retired RPS).

परिचय

नाम - सन्तोष चौधरी

पिता- श्री जयराम जी पिण्डेल, (रिटा. आर. पी. एस.)

माता- घेवरी देवी

पति - श्री हेमाराम जी जाखड , (सैंट्रल एक्साइज एण्ड कस्टम सुपरिटेन्डन)

मूल निवासी - शीलगांव, नागौर

ससुराल- खडीन, बाड़मेर

हाल रहवास - जोधपुर

शिक्षा

आप विधालय जीवन से ही बहुमुखी प्रतिभा की धनी रही हैं । मातृभाषा राजस्थानी व राज्यभाषा हिन्दी में आपको गहरी रूचि है । हिंदी साहित्य के लगाव के चलते स्नातक व स्नातकोत्तर की शिक्षा हिन्दी साहित्य विषय से पूर्ण की व बी.एड. उत्तीर्ण की ।

लेखन उपलब्धियां

लेखन का शौक आपको बचपन से ही रहा है । जैसे जैसे उच्च कक्षाओं में पहुंचते गये आपकी लेखन क्षमता भी और मुखर होने लगी । दैनिक समाचार पत्रों यथा- राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, नवज्योती व जौधपुर इनिंग जैसे समाचार पत्रों में आपकी कहानियों व कविताओं का कई बार प्रकाशन हो चुका है और पाठकों द्वारा भरपूर सराहा गया है ।

  • सृजन _ प्रदेश की प्रमुख राजस्थानी और हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां, कवितायें, इंटरव्यू, समीक्षायें और लघुकथायें छपी है।
  • पुस्तकें --
  • 'मेरा मौन' हिंदीकाव्य संग्रह (2018 राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के आर्थिक सहयोग से)
  • 'रात पछै परभात' राजस्थानी उपन्यास (2019)
  • 'काया री कळझळ' राजस्थानी कहानी संग्रह (2020)
  • कई साझा संकलनों में भी रचनाओं को स्थान

पुरूस्कार व सम्मान

  • बख्तावरसिंह राजपुरोहित राजस्थानी कहानी प्रतियोगिता में पूरे राजस्थान में द्वितिय स्थान।
  • उपन्यास "रात पछै परभात" को जागृति सस्थां जोधपुर द्वारा राजस्थान की बुक ओफ द ईयर अवार्ड 2019 के सम्मान से नवाजा गया है।
  • राष्ट्र भाषा प्रचार समिति श्रीडूंगरगढ़ द्वारा 2021 का 'राजस्थली अलंकरण' सम्मान।

अन्य सामाजिक/साहित्यक संस्थाओं से भी मान-सम्मान।

  • आकाशवाणी और डीडी राजस्थानी जयपुर से प्रसारित होने वाले मायड़ भाषा के कार्यक्रम में आपको बतौर राजस्थानी लेखिका के तौर पर शिरकत करने का अवसर कई बार मिला ।
  • सदस्य__ प्रज्ञा, जोधपुर ( साहित्यक संस्था) की सह संचालक।
  • भारतीय साहित्य विकास न्यास जोधपुर की सक्रिय सदस्य। विभिन्न साहित्यक संस्थाओं में समय समय पर भागीदारी।
  • मायड़ भाषा की मान्यता के लिए प्रयास - विभिन्न साहित्यिक संस्थाओं के साथ मायड़ भाषा आंदोलन हेतु सक्रिय भागीदारी।

सामाजिक उपलब्धियां

केवल लेखन ही नहीं अपितु सामाजिक क्षैत्र में भी आपके प्रयासों को जाट समाज सलाम करता है । जोधपुर में जाट समाज की महिलाओं के लिए एक संस्था "जाट -4 एम" (जाट मारवाड महिला मित्र मंडल) के नाम से है । उसकी आप संस्थापक एवं अध्यक्ष है ।

यह संस्था समाज के गरीब तबके की, विशेष कर बेटियों की शिक्षा हेतु कार्य कर रही है । इसके अलावा सरकारी विधालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने व बच्चों के उत्साहवर्धन हेतू उन्हें विधालय गणवेश, गर्म कपड़े आदि सामान नि:शुल्क उपलब्ध करवा रही है । इस संस्था का उद्देश्य समाजसेवा के साथ साथ घरेलू महिलाओं को एक मंच दिया, अपने आप को आगे बढाने का है ।

मंच का मोटो ही है "एक कदम खुद की और"

इस मंच के तहत सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का संचालन निरंतर जारी है और इस मंच के द्वारा समाज की महिलाओं का विशेष सहयोग और आर्थिक योगदान मिला है ।

लेखक

References



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