Gorkh Ram Jakhad
Gorkh Ram Jakhad (Grenadier) (14.11.1944 - 10.12.1971) was born in Newra Road village in Osian tahsil of Jodhpur district in Rajasthan. He was in Indian Army and awarded with Vir Chakra in 1971 Indo-Pak war for his bravery. Unit : 8 Grenadiers
ग्रेनेडियर गोरख राम जाखड़
ग्रेनेडियर गोरख राम जाखड़
नं - 2647963F
14-11-1944 - 10-12-1971
वीर चक्र (मरणोपरांत)
वीरांगना - श्रीमती आसी देवी
यूनिट - 8 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट
ऑपरेशन कैक्टस लिली
भारत-पाक युद्ध 1971
ग्रेनेडियर गोरख राम का जन्म ब्रिटिश भारत में 16 नवंबर 1944 को तत्कालीन जोधपुर राज्य वर्तमान जोधपुर जिले की ओसियां तहसील के नेवरा रोड़ गांव में श्री दीपाराम जाखड़ एवं श्रीमती नेनू देवी के परिवार में हुआ था। 15 जनवरी 1961 को वह भारतीय सेना की ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 8 ग्रेनेडियर्स बटालियन में ग्रेनेडियर के पद पर नियुक्त किया गया था। ग्रेनेडियर गोरख राम ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भी भाग लिया था।
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में ग्रेनेडियर गोरख राम की बटालियन को पश्चिमी क्षेत्र में तैनात किया गया था। 3 दिसंबर 1971 को युद्ध आरंभ हुआ था और तीव्रता से परिवर्तित होती युद्ध रेखाओं के साथ 10 दिसंबर तक पश्चिमी युद्धस्थल का युद्ध अति भयंकर हो गया था। युद्ध की प्रगति के अनुसार, क्षेत्र कमांडर ने 10 दिसंबर की रात्रि को चक्र क्षेत्र में शत्रु की स्थितियों पर आक्रमण करने की योजना निर्मित की। 8 ग्रेनेडियर्स बटालियन द्वारा यह आक्रमण आरंभ किया जाना था और ग्रेनेडियर गोरख राम इस कार्य के लिए नियुक्त की गई कंपनी के अवयव थे।
जैसे ही, ग्रेनेडियर गोरख राम की कंपनी ने आक्रमण आरंभ किया, उसका अग्रणी भाग शत्रु सेना की गंभीर गोलीवर्षा में घिर गया। निकट के एक बंकर से शत्रु की लाइट मशीन गन गंभीर संकट उत्पन्न कर रही थी और ग्रेनेडियर्स कंपनी को क्षति कारित करने के लिए उत्तरदाई थी। स्थिति का आकलन करने के पश्चात, ग्रेनेडियर गोरख राम ने अनुभूत किया कि कंपनी को और अधिक क्षति होने से रोकने के लिए किसी भी प्रकार से उस मशीनगन को शांत कराना होगा।
ग्रेनेडियर गोरख राम ने यह कार्य करने का निर्णय किया और उस पाकिस्तानी मशीनगन बंकर पर आक्रमण किया। आगे बढ़ते हुए ग्रेनेडियर गोरख राम घायल हो गए किंतु वह पीछे नहीं हटे और अपना आक्रमण प्रवृत्त रखा। उन्होंने एकाकी ही बंकर पर पुनः आक्रमण किया और उस मशीनगन को शांत कर दिया। ऐसा करते हुए ग्रेनेडियर गोरख राम गंभीर रूप से घायल हो गए और वीरगति को प्राप्त हुए।
इस कार्रवाई में ग्रेनेडियर गोरख राम ने असाधारण वीरता और अदम्य भावना का प्रदर्शन किया। उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र सम्मान दिया गया। वर्ष 2002 में ग्रामीणों के सहयोग से गांव के सरपंच द्वारा गांव में इनके स्मारक का निर्माण करवाया गया।
स्रोत: रमेश शर्मा
परिचय
शहीद गौरखराम जाखड़ का जन्म जोधपुर जिले की ओसियां तहसिल के गांव नेवरा रोड़ मेँ 16 नवम्बर 1944 को पिता श्री दीपाराम जाखड़ के घर माता श्रीमति नेनूदेवी की कोख से हुआ । आपकी धर्मपत्नी का नाम वीरांगना आसीदेवी है । आपके दो पुत्र नवलाराम व भोमाराम है । श्री नवलाराम जी दूसरी बार सरपंच है ।
शहादत
15 जनवरी 1961 को आप भारतीय सेना मेँ भर्ती हुए । सन् 1971 के भारत-पाक युद्ध मेँ आपको पश्चिमी क्षेत्र में मेँ भेजा गया जहाँ आपने अदम्य साहस का परिचय दिया तथा अंत मेँ भारत माँ के चरणोँ मेँ खुद को समर्पित कर दिया । आप 10 दिसम्बर 1971 को देश रक्षा मेँ शहीद हुए ।
सैन्य सम्मान
शहीद गौरखराम जाखड़ को मरणोपरांत भारतीय सेना के सम्मान 'वीर चक्र आवार्ड' से विभूषित किया गया । सन् 2002 मेँ ग्रामीणोँ की सहायता से सरपंच ने गांव मेँ शहीद गौरखराम जाखड़ का स्मारक बनाया ।
लेखक
गैलरी
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तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के साथ वीरांगना श्रीमती आसी देवी
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गोरख राम , वीर चक्र इंस्टीट्यूट
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तत्कालीन सेनाध्यक्ष जनरल सैम मानेकशॉ के साथ वीरांगना श्रीमती आसी देवी
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बटालियन के कार्यक्रम में वीरांगना श्रीमती आसी देवी
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