Virendra Singh Atri

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Virendra Singh Atri

Virendra Singh Atri (Sepoy) (01.01.1978 - 06.07.1999), Sena Medal, is a Martyr of Kargil war from Haryana. He became martyr on on 06 July 1999 during Operation Vijay in Kargil War. He was from village Mohna, tahsil Ballabhgarh, district Faridabad, Haryana. Unit-17 Jat Regiment.

सिपाही वीरेन्द्र सिंह अत्री का परिचय

सिपाही वीरेन्द्र सिंह अत्री

01-01-1978 - 06-07-1999

Mention - in - Despatches

यूनिट - 17 जाट रेजिमेंट

पिंपल 2 की लड़ाई

ऑपरेशन विजय

कारगिल युद्ध 1999

सिपाही वीरेन्द्र सिंह अत्री का जन्म 01 जनवरी 1978 को हरियाणा के फरीदाबाद जिले कि बल्लभगढ़ तहसील के मोहना गांव में श्री कारेलाल एवं श्रीमती केलादेवी के परिवार में हुआ था। वह अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। अक्टूबर 1998 में वह भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में भर्ती हुए थे। उनके प्रशिक्षण के अभी छह माह ही हुए थे कि कारगिल युद्ध छिड़ गया था। वीरेंद्र सिंह जब कारगिल की लड़ाई के लिए गए तो उनकी उम्र केवल 21 साल थी।

उनकी तैनाती मस्कोह घाटी में थी। आदेश मिलने पर 25 जवानों की टुकड़ी ने 05 जुलाई 1999 की रात 8:00 बजे पिंपल 2 पहाड़ी पर चढ़ाई शुरू कर दी। पहाड़ी की चोटी पर बैठे दुश्मन ने भारतीय सैनिकों को आता देख फायरिंग शुरू कर दी। इस बीच वीरेन्द्र सिंह के पैर में एक गोली लग गई। गोली लगने के उपरांत भी वीरेन्द्र सिंह अदमी साहस और वीरता से मोर्चे पर डटे रहे।

06 जुलाई 1999 को तड़के लगभग 4:45 बजे भारतीय सैनिकों और दुश्मन के बीच दोनों ओर से भीषण गोलीबारी हुई। वीरेन्द्र सिंह ने कई पाकिस्तानियों को मार गिराया। चोटी पर कब्जा करने के बाद जब उनके साथी गोली निकालने का प्रयास कर रहे थे तभी उनके पास दुश्मन तोपखाने का एक गोला आकर गिरा जिसकी चपेट में आकर वीरेन्द्र सिंह वीरगति को प्राप्त हुए।

उनका अंतिम संस्कार 11 जुलाई 1999 को गांव मोहना के सरकारी स्कूल में किया गया। ग्रामीण और स्वजन 11 जुलाई को बलिदान दिवस के रूप में मनाते हैं।

हरियाणा सरकार ने इनके सम्मान में गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद वीरेन्द्र सिंह राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल रखा है। गांव में उनका स्मारक भी बनाया गया है। प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को कबड्डी के शौकीन वीरेन्द्र सिंह की याद में कबड्डी प्रतियोगिता कराई जाती है।

देश सिपाही वीरेन्द्र सिंह के सर्वोच्च बलिदान का ऋणी है, उन्हें युगों युगों तक याद किया जाएगा।

शहीद को सम्मान

हरियाणा सरकार ने इनके सम्मान में गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद वीरेन्द्र सिंह राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल रखा है। गांव में उनका स्मारक भी बनाया गया है। प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को कबड्डी के शौकीन वीरेन्द्र सिंह की याद में कबड्डी प्रतियोगिता कराई जाती है।

स्रोत

चित्र गैलरी

External links

References


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